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सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार को फटकार लगाई है. दोनों राज्य सरकारों ने फिल्म पद्मावत पर बैन लगाने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर से बैन हटा दिया था. जिसके बाद दोनों राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा है कि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है. फिल्म को बैन करने का ये कोई वजह नहीं हो सकता है. अगर कोई ठोस वजह होती तो फिल्म को बैन किया जाता, लेकिन ये सरकार की जिम्मेदारी है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखे. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि हिंसक तत्वों को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है.
मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर फिल्म पर बैन लगाने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कुछ संगठन जो हिंसा पर उतर आए हैं, हम उनको प्रोत्साहित नहीं कर सकते. सेंसर बोर्ड ने अपना काम किया है, हम लोग इतिहासकार नहीं हैं और यह फिल्म ऐसा बिल्कुल नहीं कहती है कि ये पूरी तरह इतिहास पर आधारित है.
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इस बीच करणी सेना ने ऐलान किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उनका विरोध जारी रहेगा. इससे पहले सोमवार को खबर आई थी कि संजय लीला भंसाली ने करणी सेना को फिल्म देखने का न्योता दिया है. लेकिन करणी सेना का कहना है कि संजय लीला भंसाली ने फिल्म देखने का वक्त नहीं बताया है. राजस्थान में एक बार फिर करणी सेना ने फिल्म के खिलाफ तोड़फोड़ की.
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