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गोरा बनाने का दावा करने वाली फेयरनेस क्रीम एक बार फिर सुर्खियों में हैं. साउथ की एक्ट्रेस साई पल्लवी ने फेयरनेस क्रीम का ऐड ठुकराकर दिया है. साई ने न केवल ऐड ठुकराया, बल्कि गोरेपन के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना रही कंपनियों को करारा जवाब दिया है.
दरअसल एक इंटरव्यू के दौरान साई पल्लवी ने ये बताया कि एक फेयरनेस क्रीम कंपनी ने उन्हें ब्रांड को प्रमोट करने के लिए 2 करोड़ रुपये ऑफर दिया था.लेकिन पल्लवी ने उनके इस ऑफर को ठुकरा दिया. यही नहीं कंपनी को करारा जवाब देते हुए पल्लवी ने कहा कि वह भारतीय हैं और उनका रंग सही है.
अपनी बहन के साथ एक वाकया याद करते हुए पल्लवी ने बताया कि
साई पल्लवी ने कम समय में ही इंडस्ट्री में अपनी जगह बना ली है. फिल्म 'प्रेमम' से डेब्यू करने वाली साई पल्लवी हमेशा फिल्मों में सादगी भरा रोल प्ले करती हैं. एक्ट्रेस को समीर ताहिर की फिल्म 'काली' में दर्शकों ने काफी पसंद किया था. पल्लवी जल्द ही पॉलिटिकल थ्रिलर NGK में नजर आने वाली हैं
हमारे देश में हमेशा गोरे रंग को ज्यादा महत्व दिया जाता रहा है और सांवले लोगों को कमतर आंका जाता है. ये क्रीम लगाएं, दो दिन में गोरे हो जाएं. वो क्रीम लगाएं, चहरे पर रंगत लाए... ऐसे कितने ही ऐड आप दिन भर में देखते होंगे. खास बात ये है कि जब ये ऐड और सपने दिखाने वाले आपके अपने पसंदीदा कलाकार हों, तो फिर इन फेयरनेस क्रीम के न लेने की कोई वजह ही नहीं बचती. इसलिए अपने ब्रांड को प्रमोट करने के लिए ये कंपनियां बड़े- बड़े स्टार को चुनती हैं.
ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी फेयरनेस कंपनी को किसी स्टार ने रंग के भेद-भाव को लेकर विरोध जताया हो. इससे पहले साल 2017 में अभय देओल ने भी ऐसे ऐड को ठुकरा दिया था.
अभय ने बॉलीवुड एक्टर्स के लिए ऐसे प्रोडेक्टस को प्रमोट करना शर्मनाक बताया था और कहा कि ऐसे कई स्टार्स हैं, जो ऐसे ऐड्स को प्रमोट करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर कई बड़े स्टार्स की लिस्ट शेयर कर उन्हें निशने पर लिया था, जो फेयरनेस क्रीम को प्रमोट करते हैं. इस लिस्ट में शाहरुख खान, शाहिद कपूर, जॉन अब्राहम और इलियाना डी क्रूज जैसे स्टार्स शामिल थे.
इन फेयरनेस क्रीम को लेकर सांसदों ने संसद में भी विरोध जताया था. अखबार, टीवी, हॉर्डिग और रेडियो पर आने वाले फेयरनेस क्रीम के विज्ञापनों पर संसद में खूब हंगामा मचा था. गारे रंग को लेकर महिलाओं में हीन भावना पैदा करने वाले इन विज्ञापनों पर सांसदों ने ऐतराज जताया था.
बात सिर्फ इतनी सी है कि भारत में काले रंग को लेकर लोगों में हीनताबोध इतनी कूट-कूट कर भर दी गई है कि भारत गोरेपन की क्रीम और दूसरे फेयरनेस प्रोडक्ट्स का दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन गया है.
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