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भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी में से एक, एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड (ABG Shipyard Bank Fraud) पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बैंक धोखाधड़ी मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है. इसमें 28 बैंकों से 22,842 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी करने का आरोप है. इसे अब तक का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड कहा जा रहा है.
अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी ने अग्रवाल के अलावा तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशक अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को भी आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के लिए नामित किया है.
एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड एबीजी ग्रुप की प्रमुख कंपनी है जो जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत का काम करती है. शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित है जबकि ये कंपनी मुंबई में स्थित है. कंपनी का प्रमोशन ऋषि अग्रवाल कर रहे हैं. एबीजी शिपयार्ड ने 16 सालों में 165 से अधिक जहाजों का निर्माण किया है.
एबीजी शिपयार्ड के लोन खाते को पहली बार जुलाई 2016 में नॉन परफोर्मिंग एसेट यानि एनपीए घोषित किया गया था.
एसबीआई ने अपनी पहली शिकायत 8 नवंबर 2019 को दर्ज करवाई थी.
2019 में लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया गया था.
सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को एसबीआई की शिकायत पर कुछ स्पष्टीकरण मांगा. एसबीआई ने अगस्त 2020 में नई शिकायत दर्ज की.
सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को शिकायत की प्राथमिकी पर डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद एसबीआई की शिकायत पर कार्रवाई की.
इसे अब तक का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड कहा जा रहा है. इसमें कथित पार्टियों ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और 27 अन्य बैंकों से 22,842 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज लेकर धोखाधड़ी की है.
भारतीय स्टेट बैंक की एक शिकायत के अनुसार, कंपनी पर बैंक का 2,925 करोड़ रुपए, ICICI बैंक का 7,089 करोड़ रुपए, IDBI बैंक का 3,634 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा का 1,614 करोड़ रुपए, PNB का 1,244 रुपए और 1,228 रुपए का बकाया है.
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