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ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Gyanvapi Masjid Case) में गुरुवार को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और वाराणसी कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को किसी तरह का आदेश न सुनाने के निर्देश दिए हैं. वहीं स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने 12 पन्ने का दूसरी सर्वे रिपोर्ट वाराणसी कोर्ट में पेश कर दी है. यह सर्वे 14 से 16 मई के बीच किया गया था.
एक तरफ ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) से जुड़ा मामला कोर्ट में चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ लोगों के मन भी इससे जुड़े कई सवाल हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से लेकर वाराणसी कोर्ट तक में क्या-क्या हुआ? क्या है हिंदू पक्ष का दावा? मामले में मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा? और क्या है विवाद की वजह? चलिए सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब.
ज्ञानवापी विवाद (Gyanvapi Masjid Case) पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई हुई. SC ने निचली अदालत को किसी तरह का आदेश न सुनाने के निर्देश दिए हैं. इससे पहले, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कोर्ट से कल सुनवाई का अनुरोध किया. जबकि यूपी के वकील तुषार मेहता ने जल्द से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया.
इस मामले की सुनवाई कल यानि शुक्रवार, 20 मई को दोपहर 3 बजे तीन जजों की बेंच करेगी.
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे (Gyanvapi Mosque survey) के बाद स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने 12 पन्ने का दूसरा सर्वे रिपोर्ट (survey report) पेश कर दिया है. ये सर्वे 14 से 16 मई के बीच किया गया था. इससे पहले, पूर्व कमिश्न अजय मिश्रा ने कोर्ट में 2 पन्ने की सर्वे रिपोर्ट पेश करते हुए हिन्दू देवी-देवताओं की आकृतियां मिलने का दावा किया था. पहला सर्वे 6 और 7 मई को ज्ञानव्यापी मस्जिद में किया गया था.
16 मई को हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में शिवलिंग (Shivling) मिलने का दावा किया था. हिंदू पक्ष की तरफ से वादी लक्ष्मी देवी के पति सोहनलाल आर्य ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि "बाबा मिल गए है".
शिवलिंग मिलने के दावे के बाद कोर्ट ने उस जगह को सील करने का आदेश जारी किया था. इसके साथ ही कोर्ट ने उस जगह की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सीआरपीएफ को दी थी.
वहीं मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के दावों को सिरे से खारिज कर दिया था. अंजुमन इंतजामिया कमेटी (Anjuman Intezamia Committee) के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि हिंदू पक्ष जिसे शिवलिंग कह रहा है, वह वास्तव में फव्वारे का टुकड़ा है.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Shri Kashi Vishwanath Temple) और ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) परिसर को लेकर 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना के लिए अदालत में वाद प्रस्तुत किया था. जिसके बाद अदालत ने अधिवक्ता कमिश्नर बहाल कर हकीकत जानने के लिए सर्वे और वीडियोग्राफी का आदेश दिया था. उसके बाद ये केस सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा.
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Published: 19 May 2022,08:16 PM IST