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African Swine Fever Outbreak: इंडोनेशिया के एक फार्म में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का प्रकोप वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ (WOAH) द्वारा मंगलवार, 9 मई को कंफर्म किया गया.
अफ्रीकी स्वाइन फीवर क्या है और यह कैसे फैलता है, इसके बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें.
प्रमुख आंकड़े: सिंगापुर के पास इंडोनेशिया के बुलान द्वीप के एक फार्म में 2,85,034 सूअरों में से अब तक 35,297 सूअरों की मौत स्वाइन फीवर से हो चुकी है.
28 अप्रैल को इंडोनेशियाई अधिकारियों ने आउटब्रेक को कंफर्म किया.
अफ्रीकी स्वाइन फीवर स्वाइन फ्लू नहीं है: हालांकि सूअरों में लक्षण समान हो सकते हैं, ASF और स्वाइन फ्लू दो अलग-अलग वायरस से होने वाले दो अलग-अलग इन्फेक्शन हैं.
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि स्वाइन फ्लू के विपरीत, अफ्रीकी स्वाइन फीवर मनुष्यों के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन सूअरों के लिए घातक है.
मुख्य बात: यह पहली बार नहीं है, जब दुनिया में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) के मामले सामने आए हैं. वास्तव में, डोमिनिकन रिपब्लिक, हेटी और चीन जैसे देश वर्षों से इस बीमारी से जूझ रहे हैं.
इस तरह के आउटब्रेक में लाखों सूअरों की मौत हुई है, जिससे मांस और लाइवस्टॉक उत्पादन प्रभावित हुआ है.
ASF पहले भारत में भी पाया गया है, लेकिन अभी तक इस विशेष प्रकोप से लाइवस्टॉक उत्पादन के प्रभावित होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.
US डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार, सूअरों के साथ काम करने वाले लोगों को इन लक्षणों का ध्यान रखना चाहिए:
तेज बुखार
भूख में कमी
थकान और कमजोरी
लाल, धब्बेदार त्वचा या त्वचा पर घाव
दस्त और उल्टी
खांसी और सांस लेने में कठिनाई
आउटब्रेक कैसे हुआ? इंडोनेशिया में प्रकोप का कारण अभी तक पता नहीं चला है.
वेटरिनेरियन अधिकारियों के अनुसार, हालांकि मनुष्य AFS से बीमार नहीं पड़ते हैं पर वे कैरियर हो सकते हैं. मक्खियां, दूषित चारा और परिवहन वाहन भी ASF को खेतों और पशुओं तक पहुंचा सकते हैं.
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