मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Budget 2023: "हेल्थ इंश्योरेंस ही नहीं लाइफ इंश्योरेंस पर भी नहीं लगे GST"

Budget 2023: "हेल्थ इंश्योरेंस ही नहीं लाइफ इंश्योरेंस पर भी नहीं लगे GST"

Budget 2023 से हेल्थ सेक्टर और आम लोगों की क्या हैं उम्मीदें?

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>Budget 2023|बजट से आम लोगों और हेल्थ सेक्टर के लोगों की क्या उम्मीदें हैं</p></div>
i

Budget 2023|बजट से आम लोगों और हेल्थ सेक्टर के लोगों की क्या उम्मीदें हैं

(फोटो: फिट हिंदी)

advertisement

(Union Budget 2023 से जुड़े सवाल? 3 फरवरी को राघव बहल के साथ हमारी विशेष चर्चा में मिलेंगे सवालों के जवाब. शामिल होने के लिए द क्विंट मेंबर बनें)

Union Budget 2023: देशवासियों को केंद्र सरकार की ओर से पेश होने वाले बजट का हर साल इंतजार होता है. बजट 2023 से पहले सारे सेक्टर से जुड़े लोग नजर गड़ाए बैठे हैं कि इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनके लिए क्या तोहफा देंगी. कोविड-19 का प्रकोप झेल चुके भारतवासी, अपने स्वास्थ्य को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हो गए हैं. यूनियन बजट 2023 में हेल्थ सेक्टर से जुड़ी हैं आम लोगों की काफी उम्मीदें. आइए जानते हैं कि इस बार बजट से आम लोगों और हेल्थ सेक्टर के लोगों की क्या उम्मीदें हैं.

हेल्थ को लेकर बजट से आम जानता को क्या उम्मीदें हैं?

"हेल्थ इंश्योरेंस में फिलहाल 25000 रुपये के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है, लेकिन मौजूदा हालात में ये रकम काफी नहीं है."

(कार्ड:फिट हिंदी/नमिता चौहान)

हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस पर नहीं लगे जीएसटी

"देश की मिडल क्लास को अपनी जेब से हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना पड़ता है. उस पर वो जीएसटी भी चुकाते हैं. सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस पर ही नहीं बल्कि लाइफ इंश्योरेंस पर भी जीएसटी रोकने की कोशिश केंद्र सरकार की होनी चाहिए. हेल्थ इंश्योरेंस में फिलहाल 25000 रुपये के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है, लेकिन मौजूदा हालात में ये रकम काफी नहीं है. सरकार ने गरीबों के लिए तो आयुष्मान योजना के जरिए 5 लाख रुपये तक हेल्थ इंश्योरेंस मुफ्त कर रखा है."
रूपा सहाय, टीचर, पटना

प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप में मिले टैक्स बेनिफिट

पटना निवासी टीचर, रूपा सहाय फिट हिंदी से कहती हैं, "प्रिवेंटिव हेल्थ चेक अप पर आम आदमी को टैक्स बेनिफिट मिलना चाहिए. सरकार को बजट 2023 में एक परिवार के लिए स्वास्थ्य जांच कटौती की सीमा ₹5,000 से बढ़ाकर ₹15,000 करनी चाहिए ताकि नागरिकों को निवारक स्वास्थ्य जांच (preventive health check up) के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

नर्सिंग सीमलेस रूप से हो

"हमारी जनसंख्या का एक विशाल समुदाय गरीबी रेखा के नीचे है और यही आम आदमी है, जिसकी अपेक्षा किसी भी सरकार से होगी कि उसका उपचार और उसकी परिचर्या (nursing) निर्बाध रूप से हो जिसे सीमलेस (seamless) कहेंगे. उसके लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी का होना बहुत जरूरी है. सरकार को ये चाहिए कि जो प्राथमिक चिकित्सा केंद्र हैं उनको और सशक्त करें और उन पर धन ज्यादा खर्च हो. जिससे की वहां पर जो आम बीमारियां हैं, जो लगभग 80% लोगों को प्रभावित करती हैं, उसका इलाज सरल और अच्छे रूप से हो सके."
डॉ. अश्विनी सेत्या, सीनियर कन्सल्टंट- डाइजेस्टिव एंड हेपाटोबिलियरी इंस्टिट्यूट, मेदांता, गुरुग्राम

निवारक पहलू में खर्च हों पैसे

"जिस चीज पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है वो ये है कि इलाज (cure) में बहुत ज्यादा पैसा खर्च होता है अगर हम उसको निवारक पहलू (preventive aspects) में लगाएं, तो इलाज में जो पैसा खर्च होना है उसमें बहुत कमी आ सकती है."
डॉ. अश्विनी सेत्या, सीनियर कन्सल्टंट- डाइजेस्टिव एंड हेपाटोबिलियरी इंस्टिट्यूट, मेदांता, गुरुग्राम
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

डॉक्टर्स, ड्रग्स और डिवाइसेज पर हों पैसे खर्च

"7 साल पहले तक सरकार जीडीपी का 1.4% के करीब हेल्थ सेक्टर पर खर्च करती थी वो अब बढ़ कर 2.1% हुआ है. लेकिन इसे कम से कम 2.4-2.5% तक बढ़ा कर ले जाने की आवयशकता है."

(कार्ड:फिट हिंदी/नमिता चौहान)

मेडिकल रिसर्च को बढ़ावा मिले

डॉ. अश्विनी सेत्या के अनुसार, सरकारी और गैरसरकारी संस्थान में अनुसंधान यानी रिसर्च को बढ़ावा देना या प्रोत्साहित करना जरुरी है.

"उसके लिए बहुत सारे पैसे खर्च करने की आवश्यकता होती है. अनुसंधान तुरंत प्रभावी सिद्ध नहीं होता. उसके लिए उसका एक इनक्यूबेशन पीरियड होता है, जिसके बाद वो प्रभावी सिद्ध होता है. भारत में ऐसे टैलेंट की कमी नहीं है. इस महामारी में देखा जाए तो हमलोगों ने जो वैक्सीन बनाई है वो दुनिया के सभी वैक्सीन से अच्छी है. दूसरी चीज संसाधनों का सही रूप में प्रयोग बड़ा आवश्यक है" ये कहना है डॉ. अश्विनी सेत्या का.

सबको मिले स्वास्थ्य संबंधी महंगी सेवाओं के लिए बीमा सुरक्षा

"इन खास महंगी सेवाओं का मरीजों को लाभ मिल सके, इसलिए सभी स्थानों में समान रूप से बीमा सुरक्षा एक अनिवार्य आवश्यकता हो गई है."

(कार्ड:फिट हिंदी/नमिता चौहान)

अपस्किलिंग यानी कौशल को निखारना और इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार

डॉ. एस. नारायणी कहती हैं कि इस मेडिकल फील्ड से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने के लिए अपस्किलिंग, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन करने के साथ-साथ सुधारात्मक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित संस्थानों को प्रोत्साहन देने की दिशा में स्पेशलाइज्ड व्यवस्था तैयार करना महत्वपूर्ण होगा. अनिवार्य रूप से, हमें इस प्रकार के अधिक समाधान प्रस्तुत करने की जरूरत है, जिनसे कुशल मानव-शक्ति (पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, डॉक्टर्स) की कमी दूर करने में मदद मिल सके. पर्याप्त चिकित्सीय, तकनीकी, बुनियादी सुविधाओं और नीति संबंधी सहायता के माध्यम से डॉक्टरों की क्षमता बढ़ाना महत्वपूर्ण होगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT