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कोरोना की दूसरी लहर में अब घर में भी मास्क लगाना जरूरी हो गया है. 26 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य और कोविड टास्क फोर्स के हेड- डॉ. वीके पॉल ने मास्क पहनने के महत्व पर जोर देकर कहा,
इस सिफारिश के पीछे तर्क क्या है?
आपको बंद दरवाजों के भीतर COVID के फैलाव (इनडोर ट्रांसमिशन) के बारे में क्या पता होना चाहिए? क्या आपको वास्तव में अब घर पर भी मास्क पहनने की जरूरत है?
FIT डॉ. राहुल पंडित, डायरेक्टर-क्रिटिकल केयर फोर्टिस हॉस्पिटल मुंबई और महाराष्ट्र COVID टास्क फोर्स के मेंबर से बातचीत के जरिये इन सारे सवालों के जवाब बता रहा है.
क्या घर के अंदर कोविडट्रांसमिशन का खतरा ज्यादा है?
एक शब्द में, हां.
मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपे एक हालिया स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से हवाजनित(एयरबोर्न) है और बूंदों के जरिये नहीं फैलता है, जैसा कि पहले सोचा गया था.
इसका मतलब ये है कि एक व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति द्वारा सांस छोड़ते, बोलते, चिल्लाते, गाते, छींकते, या खांसी के वक्त छोड़े गए एयरोसोल(Aerosols) को सांस के जरिये अंदर लेने से संक्रमित हो सकता है.
ये वायरस युक्त एयरोसोल हवा में घंटों तक झूलते रहने में सक्षम है, जिससे ये बुरे वेंटिलेशन वाली जगहों पर खासकर से संक्रामक हो जाते हैं.
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) द्वारा प्रकाशित एक हालिया स्टडी समेत अन्य स्टडी से भी इन निष्कर्षों को बल मिलता है जिसमें घर के अंदर संक्रमण को रोकने के लिए 6 फीट की सामाजिक दूरी को अप्रभावी पाया गया.
इसके अलावा, "कुछ स्टडी से ये भी पता चला है कि जब सतह पर गिरने वाली बूंदें हवा के कारण सूख जाती हैं, तो उससे भी इन वायरस का सर्कुलेशन हो सकता है."
"यही वह जगह है जहां चिंता की बात आती है" वो कहते हैं. "इस वायरस का एयरबोर्न होना आपकी सुरक्षा और मास्क को लेकर खेल को पूरी तरह बदल सकता है इसलिए मास्क पहनना महत्वपूर्ण हो जाता है."
क्या इसका मतलब है कि आपको घर पर भी मास्क पहनना होगा?
वायरस के एयरबोर्न होने की जानकारी के आधार पर डॉ. पंडित घर पर मास्क पहनने की सलाह देते हैं अगर घर पर किसी को लक्षण हो, COVID होने का संदेह हो या कोई COVID पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आया हो.
“हम खुद भी इसका पालन करते हैं” डॉ. पंडित कहते हैं. “अगर घर में किसी को COVID संबंधित लक्षण हैं, तो हम उस व्यक्ति को अलग करना सुनिश्चित करते हैं और उनके साथ-साथ घर के अन्य लोग मास्क पहनते हैं.”
दूरी बनाए रखना पर्याप्त नहीं है, क्योंकि हवा में झूलता वायरस आसानी से हवा क जरिये तैर सकता है और फैलाव का जोखिम इस बात पर निर्भर करेगा कि जगह वेंटिलेशन के मामले में कितना अच्छा या खराब है.
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए, वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग कहती हैं, "जब वो(संक्रमित) व्यक्ति बोलता है, खाता है, गाता है, सांस लेता है और बाहर निकलता है, तो उससे वायरल पार्टिकल निकलते हैं. यहां तक कि नए संक्रामक वेरिएंट के साथ करीब एक हफ्ते से लेकर 9 दिनों तक, ये होता है.”
क्या आपको घर पर मास्क पहनने की जरूरत है, भले ही घर में किसी में भी COVID के लक्षण न हों?
"अगर आपके परिवार में कोई भी वैसे लोगों के संपर्क में है, जो संभावित रूप से संक्रामक हो सकते हैं और सुनिश्चित न हो कि संक्रमण घर तक नहीं पहुंचा है, तब तक मास्क के साथ रहना समझदारी है."
चूंकि एसिम्प्टोमेटिक लोग भी कैरियर हो सकते हैं, इसलिए जिन लोगों के भी हम संपर्क में होते हैं, उनकी स्थिति जानना मुश्किल हो सकता है.
अब सुझाव क्यों? दूसरी लहर में क्या बदलाव आया है?
भारत में COVID की दूसरी लहर की मार हमपर तेजी से पड़ी है, जिसकी हम कल्पना नहीं कर सकते थे और तेजी से बढ़ते मामलों ने हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स को अधिक कड़े एहतियाती कदम उठाने और लागू करवाने पर जोर दिया है.
डॉ. पंडित कहते हैं, “दूसरी लहर इतनी तेज है कि मामलों को कम करने के लिए हमें हर संभव ख्याल रखने की जरूरत है.”
डॉ. कांग के मुताबिक, कम गंभीर परिस्थितियों में, जब परिवार के किसी भी सदस्य में COVID के लक्षण न हों, तब घर पर मास्क पहनना अनावश्यक हो सकता है. लेकिन वो कहती हैं-
वो कहती हैं, “एक बार जब जोखिम कम हो जाता है और ट्रांसमिशन कम होता है, तो घर पर मास्क पहनने को लेकर फिर से सोचा जा सकता है.”
खुद को संक्रमण से बचाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
हर हेल्थ एक्सपर्ट की तरह डॉ. पंडित भी इस बात को दोहराते हैं कि “अपने आप को बचाने के लिए सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप घर के अंदर हों या बाहर- मास्क पहनें, सामाजिक दूरी बनाए रखें और हाथ की सफाई रखें.”
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