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Covid Surge: चीन में बढ़ते केस पर अमेरिका और WHO ने क्या कहा, भारत कितना अलर्ट?

चीन में अब तक की सबसे बड़ी कोविड-19 की लहर आई है. वहां कोरोना संक्रमण अब तक की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रहा है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>Covid Surge In China: चीन में बढ़ते मामलों से अलर्ट हुई दुनिया</p></div>
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Covid Surge In China: चीन में बढ़ते मामलों से अलर्ट हुई दुनिया

(फोटो: फिट हिंदी/iStock)

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Covid Surge: साल 2020 से पुरी दुनिया कोविड के कई लहरों को झेल चुकी है. पोस्ट कोविड के प्रकोप से ना जाने अब भी कितने लोग जूझ रहे हैं. भारत में फिलहाल कोविड का संक्रमण नियंत्रण में है लेकिन पड़ोसी देश चीन में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए पूरी दुनिया को एक बार फिर से अलर्ट पर डाल दिया है. भारत में लोग सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह चीन पर पूरी तरह से ट्रैवल बैन लगाए.

चीन में अभी क्या हुआ? चीन में नागरिकों की ओर से कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर भारी विरोध के बाद सरकार ने कोविड से जुड़े कई प्रतिबंधों को हटा दिया था. प्रतिबंधों में ढील के बाद चीन में कोरोना वायरस के मामलों में भारी उछाल आ रहा है.

हॉस्पिटल और श्मशान घरों का हाल बेहाल: कोविड मरीजों के लिए बेड और हेल्थ वर्कर कम पड़ गए हैं. फर्श पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है. दवाएं नहीं हैं. जिन मेडिकल स्टोर में हैं, वहां लंबी लाइनें लग रही हैं. ऑक्सीजन का संकट भी गहराने लगा है. सोशल मीडिया में सामने आ रहे वीडियो में दावा किया गया है कि रोज सैकड़ों मरीज दम तोड़ रहे हैं. अस्पतालों में शव रखने की जगह नहीं बची है. शमशान घर में अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रहीं हैं. एनपीआर की रिपोर्ट कहती है कि चीन में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5 लाख हो सकती है, लेकिन चीन का मौजूदा आधिकारिक आँकड़ा इस संख्या से बेहद कम है.

क्या कर रही है चीन सरकार? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्थिति से निपटने के लिए वहां के हॉस्पिटल्स में जगहों की कमी को पूरा करने के लिए कई जगहों पर टेम्पररी हॉस्पिटल बेड लगाये जा रहे हैं. चीन की राजधानी के अलावा दूसरे शहरों के अस्पताल भी उछाल से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कई शहरों में स्कूलों को ऑनलाइन कर दिया गया है. चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि देश में आने वाले कुछ महीनों में कोविड से 80 करोड़ लोग संक्रमित हो सकते है.

चीन से जानकारी का अभाव: BF.7, भारत में COVID मामलों में स्पाइक का कारण होने का संदेह है, दुनिया भर के कई अन्य देशों में पाया गया है. इसमें भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूके और बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क जैसे कई यूरोपीय देश शामिल हैं, जहां मामलों में कोई परेशानी वाली वृद्धि नहीं हुई है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि शून्य-कोविड ​​​​रणनीति के अलावा चीन अकेले मामलों में स्पाइक का सामना क्यों कर रहा है और यह चिंताजनक हो सकता है.

चीन के महामारी विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं? चीन के महामारी विशेषज्ञ (epidemiologist) और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री (health economist) एरिक फीगल-डिंग ने ट्वीट कर के बताया और दिखाया कि चीन में अस्पताल पूरी तरह से चरमरा गए हैं. उनका अनुमान है कि अगले 90 दिनों में चीन के 60% से अधिक और पृथ्वी की 10% आबादी के संक्रमित होने की आशंका है. साथ ही लाखों लोगों की मृत्यु होने की आशंका भी उन्होंने जताई है.

वहीं एपिडेमियोलॉजिस्ट वू ज़ुन्यो ने शनिवार को एक सम्मेलन कहा है कि संक्रमण में मौजूदा स्पाइक जनवरी के मध्य तक चलेगा, जबकि दूसरी लहर जनवरी में बड़े पैमाने पर यात्रा से शुरू होगी, जो 21 जनवरी से शुरू होने वाले सप्ताह भर चलने वाले चंद्र नववर्ष समारोह (Lunar New Year) के आसपास होगी. चीन में परिवार के साथ छुट्टियां बिताने के लिए आमतौर पर लाखों लोग इस समय यात्रा करते हैं. डॉ वू ने कहा कि मामलों में तीसरा उछाल फरवरी के अंत से मार्च के मध्य तक चलेगा क्योंकि उस समय लोग छुट्टी के बाद काम पर लौटेंगे.

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भारत कैसे अलर्ट? स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार, 20 दिसंबर को राज्यों को पॉजिटिव मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने का निर्देश दिया है ताकि भारत में वर्तमान में लोगों को संक्रमित करने वाले वेरिएंट को ट्रैक किया जा सके. यह कदम चीन में COVID-19 मामलों और महामारी से जुड़ी मौतों की संख्या में भारी वृद्धि के बीच आया है.

क्या कहा स्वास्थ्य मंत्रालय ने? स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को लिखे अपने पत्र में कहा "जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में मामलों की अचानक तेजी को देखते हुए, सकारात्मक मामले के नमूनों के पूरे जीनोम सीक्वेंसिंग को तैयार करना आवश्यक है ताकि INSACOG के माध्यम से वेरिएंट को ट्रैक किया जा सके".

COVID-19 कार्यकारी समूह NTAGI के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है, "यह एक महत्वपूर्ण बात है कि हम चीन की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखते हैं. लेकिन मैं कहूंगा कि घबराने की कोई बात नहीं है. बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है. सिस्टम बहुत सतर्क है, हमें सतर्क रहने की जरूरत है." जहां तक ​​जीनोमिक निगरानी का सवाल है, यह सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, हम लक्षणों वाले व्यक्तियों की जीनोमिक निगरानी कर रहे हैं".

भारत का COVID-19 टैली कम बना हुआ है: Omicron वेरिएंट BF.7 जिसे मामलों में भारी स्पाइक के पीछे का कारण कहा जाता है, भारत में अक्टूबर में पाया गया था. हालांकि, इसकी वजह से अभी तक भारत में मामलों में वृद्धि नहीं हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 20 दिसंबर को भारत में संक्रमण के 131 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 3,408 रह गई.

नजर रखने वाली बात क्या है? एनएचएस, स्कॉटलैंड, यूनाइटेड किंगडम के एक चिकित्सक डॉ. अविरल वत्स ने कहा कि इस पर कड़ी नजर रखनी चाहिए कि कोई नया वेरिएंट सामने आता है या नहीं. डॉ वत्स ने कहा, "अस्पतालों में भर्ती होने के साथ-साथ हमें नए उभरते वेरिएंट पर भी नजर रखनी चाहिए और वे कैसे व्यवहार कर रहे हैं. हमें इस बात पर नजर रखनी होगी कि ये वेरिएंट उन लोगों को कैसे प्रभावित कर रहे हैं जिन्हें पहले से ही टीका लगाया जा चुका है."

भारत में चीन पर ट्रैवल बैन लगाने की मांग: चीन में तेजी से बढ़ता संक्रमण और वहां से आने वाले वीडियो लोग सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए भारत सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह चीन पर पूरी तरह ट्रैवल बैन लगाए.

दुनिया में और कहां बढ़ रहा कोविड का मामला? चीन के साथ-साथ जापान, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और अमेरिका में भी दिन-ब-दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. स्थिति अलार्मिंग है और ये दुनिया के लिए खतरे का सबसे नया सिग्नल भी बन चुका है.

अमेरिका ने क्या कहा है? विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हम जानते हैं कि इस समय वायरस फैल रहा है, इसमें परिवर्तन करने और हर जगह लोगों के लिए खतरा पैदा करने की क्षमता है." साथ ही उन्होंने कहा, "चीन की अर्थव्यवस्था के आकार को देखते हुए चीन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आकार को देखते हुए वायरस का टोल बाकी दुनिया के लिए चिंता का विषय है."

WHO ने क्या कहा? प्रमुख वैज्ञानिकों और WHO का मानना है कि चीन में कोरोना को देखते हुए इसके खात्मे की घोषणा जल्दबाजी होगी. WHO की कोविड इमरजेंसी कमेटी में शामिल डच वायरोलॉजिस्ट मैरियन कोपमैन्स ने कहा, 'क्या अब भी हम किसी चीज को पोस्ट पैडेंमिक (महामारी के बाद) कह सकते हैं, जब दुनिया का एक बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा कोरोना की दूसरी लहर में पहुंच रहा है? यह स्पष्ट है कि पूरी दुनिया में कोरोना कम हुआ है और हम महामारी के अलग चरण में हैं, लेकिन चीन में बढ़े मामले ने मुसीबत बढ़ाई है'.

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