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Heart Attack: गरबा खेलते हुए लोगों को क्यों आ रहा हार्ट अटैक?CPR देने का सही तरीका

गुजरात में बीते 24 घंटे के भीतर गरबा करने के दौरान 10 लोगों ने दिल का दौरा पड़ने से दम तोड़ दिया, इसमें युवा भी शामिल हैं.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p><strong>Gujarat Garba Night Heart Attacks:&nbsp;</strong>गरबा खेलते हुए लोगों को क्यों आ रहा हार्ट अटैक?</p></div>
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Gujarat Garba Night Heart Attacks: गरबा खेलते हुए लोगों को क्यों आ रहा हार्ट अटैक?

(फोटो: कामरान अख़्तर/फिट हिंदी)

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Gujarat Garba Night Heart Attacks: भारत में दुर्गा पूजा का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. नवरात्रि के अवसर पर देश के अलग-अलग जगहों पर डांडिया-गरबा का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, खास कर गुजरात में जहां डांडिया नाइट की बात ही अलग होती है. लेकिन इस बार गुजरात में नवरात्रि के इस रंग में हार्ट अटैक की घटनाओं ने भंग डाल दिया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुजरात में बीते 24 घंटे के भीतर गरबा करने के दौरान 10 लोगों ने दिल का दौरा पड़ने से दम तोड़ दिया, इसमें युवा भी शामिल हैं.

आइए एक्सपर्ट से जानते हैं गरबा खेलते हुए लोगों को क्यों आ रहा हार्ट अटैक? क्या सावधानियां बरतें? हार्ट अटैक आने पर सही तरीके से कैसे दें CPR?

गरबा खेलते हुए लोगों को क्यों आ रहा हार्ट अटैक?

गुजरात में गरबा नाइट के दौरान बीते 24 घंटों में 10 लोगों की हार्ट अटैक की वजह से जान जाने की खबर मीडिया में आ रही है. मौतें गुजरात के अलग-अलग जगहों पर हुई है. हार्ट अटैक के इन मामलों में युवा भी शामिल हैं. 20 अक्टूबर को एक 24 साल का लड़का गरबा खेलते-खेलते अचानक गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई. मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है. वहीं एक 17 साल के युवक की मौत भी गरबा खेलते हुए हार्ट अटैक से हो गई. एक और मामले में 13 साल के एक किशोर की मौत गरबा खेलते हुए हुई हालांकि इस मामले में अभी हार्ट अटैक की पुष्टि नहीं की गई है.

दरअसल, इन मौतों के पीछे विशेषज्ञ कई वजहें बता रहे हैं. जैसे कि पहले से खराब मेडिकल कंडीशन, लंबे समय तक व्रत रखना, अनहेल्दी खाना, हार्ट अटैक संबंधी समस्याओं के बारे में जानकारी न होना गरबा खेलते समय आए दिल का दौरा का कारण हो सकते हैं.

"अचानक से बहुत अधिक शारीरिक गतिविधि करना हार्ट के लिए वैसे ही नुकसानदायक होता है, जैसे शारीरिक गतिविधि नहीं करना. अपनी क्षमता के अनुसार ही एक्सरसाइज/डांस करना चाहिए."
डॉ. उदगीथ धीर, डायरेक्टर और हेड- कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम

क्या सावधानियां बरतें?

एक्सपर्ट्स के अनुसार, किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि को करते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

  • गरबा खेलने से पहले, उस दौरान और उसके बाद अपने आपको अच्छे से हाइड्रेटेड रखें.

  • लगातार देर तक गरबा खेलते न रहें, ब्रेक लें.

  • अपनी दिल की धड़कन को मॉनिटर करते रहें. ये तरीका अपनाएं- अपनी कलाई पर दूसरे हाथ की 2 उंगलियों की टिप को 30 सेकंड के लिए हल्के से प्रेस करें. इस दौरान पल्स को गिने और फिर उसे 2 से गुना कर दें. अगर पल्स नार्मल से अधिक है तो आराम करें.

  • अपनी बॉडी की सुने. अगर थकान या बेचैनी लग रही हो तो बैठ जाएं और परिवार/दोस्तों के साथ रहें.

  • गरबा खेलने जाने से महीनों पहले धीरे-धीरे इसकी प्रैक्टिस शुरू कर दें.

  • गरबा खेलते समय खाली पेट न रहें.

  • लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाए रखें.

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हार्ट अटैक आने पर सही तरीके से कैसे दें CPR?

गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) के डायरेक्टर और हेड डॉ. उदगीथ धीर ने फिट हिन्दी से कहा कि अगर किसी को हार्ट अटैक आया हो, तो तुरंत उसे नजदीकी हॉस्पिटल ले जाना चाहिए. हॉस्पिटल ले जाने में टाइम लग रहा है, तो उस समय हार्ट अटैक से जुड़े फर्स्ट एड यानी कि CPR के तरीकों को बिना समय गवाए शुरू कर देना चाहिए. एक्सपर्ट से जानते हैं सही ढंग से CPR देने का 8 तरीका:

1. हार्ट अटैक आने पर नजदीकी हॉस्पिटल के इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें और साथ ही मदद के लिए परिवार/दोस्तों से भी संपर्क करें.

हार्ट अटैक आने पर नजदीकी हॉस्पिटल के इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें और साथ ही मदद के लिए परिवार/दोस्तों से भी संपर्क करें.

(फोटो: iStock)

2. मरीज को इकोस्प्रिन (ecosprin) की 2 गोलियां औरस्टेटिन (statin) की 2 गोलियां (80 mg) तुरंत खिला देनी चाहिए. ये एक जीवन बचाने वाला कदम हो सकता है.

मरीज को इकोस्प्रिन (ecosprin) की 2 गोलियां औरस्टेटिन (statin) की 2 गोलियां (80 mg) तुरंत खिला देनी चाहिए. ये एक जीवन बचाने वाला कदम हो सकता है.

(फोटो: iStock)

3. CPR- मरीज अगर बेहोश हो या उसकी दिल की धड़कन नहीं सुनायी दे रही हो, तो CPR (cardiopulmonary resuscitation) करना चाहिए. इस प्रक्रिया में चेस्ट कंप्रेशन देना होता है.

CPR- मरीज अगर बेहोश हो या उसकी दिल की धड़कन नहीं सुनायी दे रही हो, तो CPR (cardiopulmonary resuscitation) करना चाहिए. इस प्रक्रिया में चेस्ट कंप्रेशन देना होता है.

(फोटो: iStock)

4. पीठ के बल सीधे लेटे मरीज को 100-120 चेस्ट कंप्रेशन दें. अपनी हथेली छाती के बीच में रखते हुए 2 इंच तक के कंप्रेशन दें. उससे ज्यादा ना दें नहीं तो पसली (rib) फ्रैक्चर हो सकता है. इसका मकसद है, हार्ट को पंप करना ताकि ब्रेन को और दूसरे ऑर्गन्स को ब्लड सप्लाई हो सके.

पीठ के बल सीधे लेटे मरीज को 100-120 चेस्ट कंप्रेशन दें. अपनी हथेली छाती के बीच में रखते हुए 2 इंच तक के कंप्रेशन दें. उससे ज्यादा ना दें नहीं तो पसली (rib) फ्रैक्चर हो सकता है. इसका मकसद है, हार्ट को पंप करना ताकि ब्रेन को और दूसरे ऑर्गन्स को ब्लड सप्लाई हो सके.

(फोटो: iStock)

5. एयर वे (airway) के जरिये मरीज को फर्स्ट एड दें. जिसे ठुड्डी उठाना और सिर झुकना (chin lift and head tilt) भी कहा जाता है. ये इसलिए किया जाता है ताकि कुछ भी मरीज के सांस लेने वाली नली में अटके नहीं, फ्री एयर जाने का रास्ता मिल जाये. मरीज को पीठ के बल लेटा कर ठुड्डी को उठाएं.

एयर वे (airway) के जरिये मरीज को फर्स्ट एड दें. जिसे ठुड्डी उठाना और सिर झुकना (chin lift and head tilt) भी कहा जाता है. ये इसलिए किया जाता है ताकि कुछ भी मरीज के सांस लेने वाली नली में अटके नहीं, फ्री एयर जाने का रास्ता मिल जाये. मरीज को पीठ के बल लेटा कर ठुड्डी को उठाएं.

(फोटो: iStock)

6. सीपीआर (CPR) में ट्रेनेड लोग, मरीज पर ब्रीथिंग (breathing) तकनीक का प्रयोग करें यानी अपने मुंह से मरीज के मुंह में सांस दें. अगर ट्रेनेड नहीं हैं, तो सिर्फ एयरवे को खोलते हुए 100-120 चेस्ट कंप्रेशन दें.

सीपीआर (CPR) में ट्रेनेड लोग, मरीज पर ब्रीथिंग (breathing) तकनीक का प्रयोग करें यानी अपने मुंह से मरीज के मुंह में सांस दें. अगर ट्रेनेड नहीं हैं, तो सिर्फ एयरवे को खोलते हुए 100-120 चेस्ट कंप्रेशन दें.

(फोटो: iStock)

7. 100-120 चेस्ट कंप्रेशन देने के बाद मरीज के वाइटल्स (vitals) यानी सांसे/दिल की धड़कन चेक करते रहें.

100-120 चेस्ट कंप्रेशन देने के बाद मरीज के वाइटल्स (vitals) यानी सांसे/दिल की धड़कन चेक करते रहें.

(फोटो: iStock)

8. मेडिकल हेल्प मिलने तक फर्स्ट एड यानी कि CPR प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए.

मेडिकल हेल्प मिलने तक फर्स्ट एड यानी कि CPR प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए.

(फोटो: iStock)

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