मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Air Pollution Deaths: भारत में जहरीली हवा ने ली 16.7 लाख की जान - लैंसेट रिपोर्ट

Air Pollution Deaths: भारत में जहरीली हवा ने ली 16.7 लाख की जान - लैंसेट रिपोर्ट

लैंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 17 प्रतिशत से अधिक मौतें वायु प्रदूषण से जुड़ी हैं.

फिट
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>Air Pollution Death में भारत पहले नम्बर पर है, रिपोर्ट.</p></div>
i

Air Pollution Death में भारत पहले नम्बर पर है, रिपोर्ट.

(फोटो: iStock/फिट हिंदी)

advertisement

प्रदूषण को लेकर हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं. साल 2019 में दुनिया भर में अलग-अलग प्रदूषण से 90 लाख लोगों की मौत हुई है.

साल 2000 के बाद से अब तक इन आंकड़ों में 55 फीसदी की वृद्धि हुई है.

लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रदूषण संबंधी कारणों से दुनिया भर में हर साल लगभग 6 में से 1 व्यक्ति की मौत होती है.

रिपोर्ट में महामारी से पहले किए गए ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरी और रिस्क फैक्टर स्टडी द्वारा एकत्र किए गए डेटा का उपयोग किया गया है.

यह पाया गया कि प्रदूषण से हर साल विश्व स्तर पर लगभग 90 लाख मौतें होती हैं, और 2015 में इसी तरह के किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि यह स्थिति काफी हद तक अपरिवर्तित बनी हुई है.

इसमें अकेले वायु प्रदूषण से लगभग 66.7 लाख मौतें हुई हैं.

इसी पत्रिका में 2020 में प्रकाशित एक अन्य संबंधित रिपोर्ट के अनुसार, 16.7 लाख मौतें वायु प्रदूषण से जुड़ी थीं, जो उस वर्ष देश में हुई कुल मौतों का 17.8 प्रतिशत थी.

नई रिपोर्ट के अनुसार, प्रदूषण के अधिक आधुनिक रूपों जैसे रासायनिक प्रदूषण (chemical pollution), परिवेशी वायु प्रदूषण (ambient air pollution) से होने वाली मौतों में वृद्धि दक्षिण एशिया, पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में अधिक स्पष्ट है, और यहां होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार है.

भारत में वायु प्रदूषण से संबंधित 16.7 लाख मौतों में से अधिकांश (9.8 लाख) पीएम 2.5 कणों के कारण होने वाले परिवेशी वायु प्रदूषण (ambient air pollution) से जुड़ी थीं.

हालांकि घरेलू वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है, लेकिन 1990 से 2019 के बीच 64·2 प्रतिशत की कमी हुई है, वहीं परिवेशी कणों के प्रदूषण से होने वाली मौतों में 115·3% की वृद्धि हुई है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

यहां गौर करने वाली बात ये है कि वायु प्रदूषण से संबंधित मौतों की मात्रा निर्धारित करना मुश्किल है, क्योंकि मृत्यु प्रमाण पत्र आमतौर पर मौत का तत्काल कारण जो भी हो, जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर इत्यादि.

'प्रदूषण सिर्फ एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है'

अध्ययन के अनुसार, हालांकि अत्यधिक गरीबी के कारण वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में मामूली कमी आई है, 2015 के बाद से परिवेशी वायु प्रदूषण और जहरीले रासायनिक प्रदूषण में काफी वृद्धि हुई है.

परिवेशी वायु प्रदूषण (ambient air pollution) और रासायनिक प्रदूषण (chemical pollution) से होने वाली मौतों-औद्योगीकरण और शहरीकरण दोनों के द्वि-उत्पादों में 2015 से 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और साल 2000 के बाद से 66 प्रतिशत से अधिक डेटा मिला है.

यहां 2019 में विभिन्न प्रकार के प्रदूषण के बोझ का विश्लेषण किया गया है:

  • परिवेशी वायु प्रदूषण (पीएम 2.5) - 41.4 लाख मौतें

  • घरेलू वायु प्रदूषण - 23.1 लाख मौतें

  • आधुनिक प्रदूषण (रासायनिक प्रदूषण सहित) - 58.4 लाख मौतें

तीनों मामलों में, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में मृत्यु का जोखिम अधिक था.

जबकि रासायनिक प्रदूषण (chemical pollution) के दुष्प्रभाव को निर्धारित नहीं किया जा सकता है, अध्ययन तीन विशेष रूप से चिंताजनक, और अपर्याप्त रूप से चार्टेड, रासायनिक प्रदूषण के परिणामों पर प्रकाश डालता है.

  • डेवेल्पमेंटल नयूरोटॉक्सिसिटी (Developmental neurotoxicity)

  • रिप्रोडक्टिव टॉक्सिसिटी (Reproductive toxicity)

  • इम्यूनोटॉक्सिसिटी (Immunotoxicity)

अध्ययन में कहा गया है, "भारत में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक मजबूत केंद्रीकृत प्रशासन प्रणाली नहीं है और इसके परिणामस्वरूप ओवरऑल एयर क्वालिटी में सुधार सीमित और असमान रहा है."

भले ही कुछ भारतीय शहरों में हाल के वर्षों में कुछ प्रगति हुई है, देश के 90 प्रतिशत से अधिक में, ऐम्बिएन्ट वायु प्रदूषण का स्तर WHO के 10 माइक्रोग्राम के PM-2.5 के दिशनिर्देश से काफी ऊपर है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT