मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019International Yoga Day: प्रसव के बाद योग करते समय क्या न करें, बता रहीं एक्सपर्ट

International Yoga Day: प्रसव के बाद योग करते समय क्या न करें, बता रहीं एक्सपर्ट

International Yoga Day: प्रसव के बाद योग करते समय क्या न करें, बता रहीं हैं एक्सपर्ट

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>International Yoga Day 2023: पोस्पार्टम डिप्रेशन और बढ़ते वजन को कम करने में मदद करता योग</p></div>
i

International Yoga Day 2023: पोस्पार्टम डिप्रेशन और बढ़ते वजन को कम करने में मदद करता योग

(फोटो:iStock)

advertisement

International Yoga Day 2023: प्रसव के बाद योग शुरू करने के कई लाभ हैं जैसे मन की शांति, शारीरिक और मानसिक ताकत और मांसपेशियों के तनाव और दर्द को कम करना. यह थकान और बार-बार बदलते मूड से निपटने में भी मदद करता है. योग, एक नई मां के दिमाग को तनाव से दूर और शरीर की पूरी रिकवरी में मदद करता है.

फिट हिंदी ने चंडीगढ़ के क्लाउड नाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट- डॉ. नेहा गिल पीटी से जाना नई मां को योग कैसे मदद करता है और प्रसव के बाद योग करते समय क्या न करें.

मां बनाने के बाद योग कब शुरू करें?

"जन्म के कुछ हफ्तों के बाद डिलीवरी के तरीके के आधार पर योग शुरू किया जा सकता है."
डॉ. नेहा गिल पीटी, सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट, क्लाउड नाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, चंडीगढ़

एक्सपर्ट आगे बताती हैं कि जब भी आप अपने बच्चे के जन्म के बाद किसी प्रकार का व्यायाम या योग शुरू करने का प्लान बनाएं, तो पेट और पेल्विक की मांसपेशियों के आकलन के लिए फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह करना महत्वपूर्ण होता है. कुछ व्यायाम या मुद्राएं इन जगहों पर अधिक दबाव डाल सकती हैं.

योग किन शारीरिक समस्याओं से नई मां को बचाता है?

  • डायस्टेसिस रेक्टी या ममी टमी एक साइलेंट कंडीशन है, जिससे नई माताएं पीड़ित होती हैं और इससे गर्भनाल हर्निया, पीठ दर्द या यूरिन को कंट्रोल न कर पाने जैसी और जटिलताएं हो सकती हैं. यूरिन कंट्रोल ना कर पाना एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आप खांसते, छींकते या हंसते वक्त यूरिन को रोक नहीं पाती हैं. जब आप अपनी सांस और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों के कोआर्डिनेशन में योगासन करती हैं, तो इन मसल्स को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. इस मामले में यह समझना महत्वपूर्ण है कि असंयम (incontinence) केवल आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों की कमजोरी से नहीं होता है, यह इन मांसपेशियों की जकड़न के कारण भी हो सकता है. इसलिए सही योग मुद्रा का अभ्यास करना जरूरी है.

  • प्रसव के बाद का डिप्रेशन या बेबी ब्लूज एक और स्थिति है, जिसे सबसे अधिक अनदेखा किया जाता है. इसलिए नई मां की जरूरतों और आवश्यकताओं को समझना जरूरी है. ऐसे में योग द्वारा किए गए हल्के मूवमेंट आपके शरीर में अच्छे हार्मोन जारी करने में मदद करेंगे जिससे आप बेहतर महसूस कर सकेंगी.

  • अपने शरीर को बदलते हुए देखकर एक नई मां तनाव और डिप्रेशन का अनुभव कर सकती है. ऐसी स्थिति में पेट की गहरी सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करने से तनाव कम करने में भी मदद मिल सकती है साथ ही यह आपकी भीतरी कोर की मांसपेशियों को सक्रिय करता है. यह सांस लेने के योग का सबसे सरल रूप है, जिसे जितनी जल्दी हो सके शुरू किया जा सकता है. यहां तक ​​कि आप इसे स्तनपान कराने से पहले भी कर सकती हैं ताकि आप तनावमुक्त रहें और आप अपने बच्चे को बेहतर तरीके से दूध पिला सकें.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
  • स्पाइनल स्ट्रेचिंग से सी सेक्शन के दौरान हुए टांके को लचीला बनाने में मदद मिलती है. इससे स्टीच के निशान के टाइट होने की आशंका कम हो जाएगी और इस तरह से स्टिच खींचने वाला दर्द होने की आशंका भी कम हो जाएगी. साथ ही यह पेट के अंगों को बेहतर पाचन में मदद करता है.

  • एक नई मां को अपने बच्चे को दिन में कई बार दूध पिलाना पड़ता है, जिसके कारण उसे गर्दन या पीठ के बीच में दर्द हो सकता है. शरीर के ऊपरी भाग को मजबूत करने के लिए गर्दन की हल्की स्ट्रेचिंग और शोल्डर रोल करने वाले योग की शुरुआत की जा सकती है.

प्रसव के बाद योग करते समय क्या न करें?

  • लंबे समय तक अपनी सांस को रोक कर न रखें क्योंकि यह संवेदनशील क्षेत्रों पर दबाव डाल सकता है.

  • उस हद तक ही योग का अभ्यास करें, जहां तक आप सहज महसूस करती हैं. अपने लिए प्राप्त किए जा सकने वाले टारगेट ही निर्धारित करें.

  • मुश्किल योग मुद्राओं से प्रारंभ न करें. हल्के योग अभ्यास से शुरू करें और देखें कि क्या यह आपके शरीर को सूट करता है क्योंकि हर किसी का शरीर और उसका लचीलापन अलग होता है.

  • पहले अपने बच्चे को दूध पिलाएं फिर योग करें नहीं तो आप अपने स्तन के टिशूज को नुकसान पहुंचा सकती हैं.

  • पेट की मांसपेशियों को टारगेट करने वाले पोज पर सीधे न जाएं.

  • शरीर में पानी की कमी न होने दें. पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें.

  • योग करते समय अगर आप दर्द का अनुभव करती हैं, तो इसे अनदेखा न करें और अपने फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT