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Monsoon Skin Problem: मानसून के मौसम में नमी अपने आप बढ़ जाती है, जिसका असर स्किन हेल्थ पर पड़ता है. अक्सर बारिश के दौरान या उसके बाद त्वचा में खुजली की शिकायत होती है. इसके कई कारण हो सकते हैं, जिसका बारिश से सीधा संबंध नहीं भी हो सकता है.
मानसून के दौरान क्यों होती है त्वचा में खुजली? मानसून स्किन प्रॉब्लम्स से कैसे बचें? डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? क्या त्वचा में खुजली होने पर घरेलू उपाय किए जा सकते हैं? आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स से ऐसे जरुरी सवालों के जवाब.
एक्सपर्ट ने फिट हिंदी को कारणों के बारे में बताया जिनसे पता चलता है कि क्यों बरसात के मौसम में आपकी त्वचा में खुजली हो सकती है.
नमी: मानसून में अक्सर नमी बढ़ जाती है, जो आपकी स्किन की नमी के संतुलन को प्रभावित कर सकती है. हाई ह्यूमिडिटी के कारण आपकी त्वचा गीली और नम हो सकती है. इससे जलन और खुजली होती है, खासकर अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है या एक्जिमा या सोरायसिस जैसी त्वचा की समस्या पहले से मौजूद है.
एलर्जी: बारिश से एयरबोर्न (airborne) एलर्जी जैसे पोलन, फफूंद बीजाणु (fungal spores) या धूल के कण निकल सकते हैं. अगर आपको इन पदार्थों से एलर्जी है, तो इनके संपर्क में आने पर आपकी में त्वचा खुजली, लालिमा या दूसरे एलर्जी लक्षण दिख सकते हैं.
फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन: बरसात का मौसम बैक्टीरिया के विकास के लिए अधिक अनुकूल वातावरण बना सकता है. बरसात के मौसम में एथलीट फुट या दाद जैसे स्किन इन्फेक्शन अधिक सामने आते हैं. ये इन्फेक्शन खुजली, लालिमा और असुविधा पैदा कर सकते हैं.
जलन पैदा करने वाले पदार्थों के संपर्क में आना: बारिश के पानी में कुछ जलन पैदा करने वाले तत्व हो सकते हैं, जो आपकी स्किन के संपर्क में आ सकते हैं और खुजली पैदा कर सकते हैं. जैसे कि बारिश के पानी में मौजूद या आसपास के पौधों से धुले हुए केमिकल, प्रदूषक या एलर्जी कारक आपकी त्वचा में जलन और खुजली पैदा कर सकते हैं.
मनोवैज्ञानिक कारक: कुछ लोगों को बरसात के मौसम से संबंधित तनाव या चिंता का अनुभव हो सकता है. तनाव और भावनाएं शरीर को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर सकती हैं, जिसमें स्किन सेंसिटिविटी और बार-बार खुजली करने की इच्छा होना शामिल है.
इसके अलावा, बरसात के मौसम में कपड़े अक्सर गीले हो जाते हैं, इसके साथ ही कीड़े हवा में कुछ प्रकार के ऐसे रसायन छोड़ते हैं, जिससे इस मौसम में त्वचा में खुजली होना काफी सामान्य है.
डॉ. डीएम महाजन कहते हैं कि मानसून में स्किन से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए इस मौसम में अपनी त्वचा की उचित देखभाल करना जरूरी है. उन्होंने मॉनसून के दौरान स्किन की हेल्थ बनाए रखने में मदद के लिए यहां कुछ क्या करें और क्या न करें के बारे में बताया है:
क्या करें:
अपनी त्वचा को साफ रखें: गंदगी, पसीना और अतिरिक्त तेल हटाने के लिए अपनी स्किन को नियमित रूप से साफ करें. हल्के, गैर-कॉमेडोजेनिक क्लींजर का उपयोग करें, जो आपकी स्किन टाइप से मेल खाता हो. पसीने और फंगल इन्फेक्शन वाली जगहों पर ध्यान दें, जैसे त्वचा की तहें.
मॉइस्चराइज करें: भले ही मौसम उमस भरा हो, लेकिन आपकी स्किन को अच्छे से मॉइस्चराइज रखना जरुरी है. एक हल्का, पानी-आधारित मॉइस्चराइजर चुनें, जो आपके छिद्रों को बंद नहीं करेगा. मॉइस्चराइजिंग स्किन की प्राकृतिक बाधा को बनाए रखने में मदद करता है और ड्राइनेस को रोकता है.
सनस्क्रीन का प्रयोग करें: बादल वाले दिनों में भी सनस्क्रीन लगाना न छोड़ें. बारिश हानिकारक यूवी किरणों से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं करती है. खुली त्वचा पर 30 या उससे अधिक एसपीएफ वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाएं और अगर आप लंबे समय तक बाहर हैं, तो हर कुछ घंटों में दोबारा लगाएं.
ढीले-ढाले, सांस लेने योग्य, कॉटन के कपड़े पहनें: सूती और लिनन जैसे हल्के और सांस लेने वाले कपड़े चुनें. ये मटेरियल आपकी त्वचा को सांस लेने देती हैं और अधिक पसीना आने से रोकता है. टाइट-फिटिंग कपड़ों से बचें जो नमी को फंसा सकते हैं और त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं.
अपने पैरों को सूखा रखें: पैरों में फंगल इन्फेक्शन होने की आशंका अधिक होती है. भीगने के बाद अपने पैरों को अच्छी तरह सुखा लें और खुले पैर के जूते या अच्छी तरह हवादार जूते पहनें. आवश्यक हो तो एंटीफंगल पाउडर या स्प्रे का प्रयोग करें.
नियमित रूप से हैंडवाश का प्रयोग कर अपने हाथों को साफ रखें. नाखून अवश्य कटे होने चाहिए.
कीड़ों/मच्छरों के काटने से बचने के लिए बाहर निकलते समय लंबी बाजू के कपड़े पहनें. यह अत्यधिक अनुशंसित है कि मच्छर निरोधकों का भी उपयोग बचाव के लिए कर सकते है.
क्या न करें:
लंबे समय तक गीलेपन से बचें: बारिश में लंबे समय तक भीगने से बचने की कोशिश करें, क्योंकि लंबे समय तक गीलेपन से स्किन प्रॉब्लम हो सकती है. अगर आप भीग जाते हैं, तो जितनी जल्दी हो सके अपने कपड़े बदलें और अपने आप को अच्छी तरह से सुखा लें.
पर्सनल चीजों को शेयर न करें: तौलिये, कपड़े, जूते या पर्सनल केयर की वस्तुओं को दूसरों के साथ शेयर करने से बचें, क्योंकि इससे इन्फेक्शन फैलने का खतरा बढ़ सकता है.
ब्यूटी प्रॉडक्ट्स के अधिक उपयोग से बचें: मानसून के दौरान, अपना मेकअप न्यूनतम रखना और पानी आधारित या जलरोधक (water resistance) उत्पादों का चयन करना सबसे अच्छा है. अधिक मेकअप रोमछिद्रों को बंद कर सकता है और स्किन समस्याओं को जन्म या बढ़ा सकता है. रात में सोने से पहले मेकअप अच्छी तरह हटा लें.
अपनी स्किन को खरोंचें नहीं: मानसून के दौरान बढ़ी हुई नमी या फंगल इन्फेक्शन के कारण खुजली आम हो सकती है. हालांकि, खुजलाने से स्थिति खराब हो सकती है और इन्फेक्शन हो सकता है. अपनी स्किन को खरोंचने से बचें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें.
हाइड्रेटेड रहें: स्वस्थ त्वचा बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक है. अपनी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने और टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने के लिए पूरे दिन हाइड्रेटेड रहें.
इन स्थितियों में डॉक्टर या हेल्थ केयर एक्सपर्ट से सलाह करना महत्वपूर्ण है:
लगातार या बिगड़ते लक्षण: आपको त्वचा की कोई समस्या है, जो घरेलू उपचार या ओवर-द-काउंटर उपचार के बावजूद लंबे समय तक बनी रहती है या अगर स्थिति समय के साथ खराब हो जाती है, तो डॉक्टर की सलाह लें. यह एक अंतर्निहित (underlying) समस्या का संकेत दे सकता है, जिसके लिए सटीक इलाज की आवश्यकता है.
गंभीर लक्षण: बहुत तेज खुजली, दर्द, जलन, सूजन, मवाद या स्राव की उपस्थिति जैसे गंभीर लक्षणों का अनुभव होता है, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है. ये संकेत अधिक गंभीर इन्फेक्शन या स्थिति का संकेत दे सकते हैं.
समस्या का तेजी से फैलना: कोई त्वचा संबंधी समस्या आपके शरीर के बड़े क्षेत्रों में फैल रही है या तेजी से फैल रही है, तो डॉक्टर दिखाना जरूरी है. तेजी से फैलने वाले चकत्ते, छाले या घाव एक संक्रामक इन्फेक्शन या अधिक गंभीर त्वचा की स्थिति का संकेत दे सकते हैं, जिसके लिए तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है.
बार-बार होने वाली या पुरानी स्थितियां: एक्जिमा, सोरायसिस या मुंहासे जैसी पुरानी स्किन प्रॉब्लम की स्थिति है और लक्षण बार-बार आ रहे हैं या असहनीय हो रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है.
इन्फेक्शन के लक्षण: इन्फेक्शन के लक्षण जैसे कि बढ़ी हुई लालिमा, गर्मी, कोमलता, सूजन या मवाद की उपस्थिति या त्वचा के घाव या घाव से स्राव होने पर, डॉक्टर से मिलें. इन्फेक्शन के लिए प्रिस्क्रिप्शन एंटीबायोटिक्स या दूसरे उचित उपचार की आवश्यकता हो सकती है.
स्किन में बदलाव या असामान्यताएं: नया, असामान्य या बदलते त्वचा के घाव, वृद्धि, तिल या धब्बे देखते हैं, तो डॉक्टर द्वारा उनका मूल्यांकन करना आवश्यक है. वे यह निर्धारित कर सकते हैं कि त्वचा कैंसर सहित किसी भी संभावित त्वचा की स्थिति से निपटने के लिए आगे की जांच या बायोप्सी आवश्यक है या नहीं.
यहां कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं, जिन्हें आप आजमा सकते हैं:
ठंडी सिकाई: खुजली वाली जगह पर एक साफ कपड़े में लपेटी हुई ठंडी सिकाई या आइस पैक लगाने से त्वचा को सुन्न करने में मदद मिल सकती है और खुजली से अस्थायी राहत मिल सकती है.
ओटमील स्नान: गुनगुने स्नान में कोलाइडल ओटमील मिलाने से खुजली वाली त्वचा को शांत किया जा सकता है. दलिया में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो जलन और खुजली को कम कर सकते हैं.
मॉइस्चराइज करें: नियमित रूप से आपकी त्वचा को मॉइस्चराइज करने से सूखापन और खुजली को रोकने में मदद मिलती है. एक सौम्य, खुशबू रहित मॉइस्चराइजर चुनें और इसे नहाने के बाद या जब भी आपकी त्वचा ड्राई महसूस हो तब लगाएं. एलोवेरा, शिया बटर या सेरामाइड्स जैसे मॉइस्चराइजर विशेष रूप से आराम पहुंचाते हैं.
एलोवेरा: एलोवेरा जेल को सीधे खुजली वाली जगह पर लगाने से राहत मिल सकती है. एलोवेरा में ठंडक और सूजनरोधी गुण होते हैं, जो खुजली को शांत करने और लालिमा को कम करने में मदद कर सकते हैं.
नारियल तेल: नारियल तेल एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है और इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं. खुजली वाली त्वचा को शांत करने और नमी देने के लिए वर्जिन नारियल तेल की एक पतली परत खुजली वाली त्वचा पर लगाएं.
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