Premature Greying of Hair: बढ़ती उम्र के साथ बालों का सफेद होना स्वाभाविक है, पर आजकल बालों में सफेदी उम्र देख कर नहीं आती. कई मामलों में मानसिक तनाव और धूम्रपान समय से पहले सफेद हो रहे बालों के लिए एक बड़ा कारण बन सामने आता है. इस विषय पर कई स्टडीज किए गए और किए जा रहे हैं.
समय से पहले क्यों होते हैं बाल सफेद? बालों के प्रीमेच्योर ग्रेइंग का कारण क्या है? क्या सफेद बाल दोबारा काले हो सकते हैं? समय से पहले बालों को सफेद होने से कैसे रोकें? फिट हिंदी लाया है ऐसे जरूरी सवालों के जवाब एक्सपर्ट्स से.
समय से पहले क्यों होते हैं बाल सफेद?
"समय से पहले बाल सफेद होने का मतलब है 18 साल की उम्र से पहले बालों में सफेदी आना. 18-20 साल की उम्र के बाद अगर ऐसा होता है, तो उसे बीमारी नहीं मानते हैं. वह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. यह समस्या स्त्रियों और पुरुषों में सामान्य रूप से देखी जा सकती है. जिसमें 'जीन' की भूमिका को अहम माना गया है. मतलब अगर किसी के परिवार में पीढ़ियों से ऐसा होता आ रहा है, तो उसे जेनेटिक समस्या कहा जाता है". कुछ समय पहले फिट हिंदी को दिए एक इंटरव्यू में ये कहा डॉ. कशिश कालरा, हेड ऑफ डिपार्टमेंट एंड कन्सल्टंट डर्मेटोलॉजी, मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी, दिल्ली ने.
"समय से पहले बालों में सफेदी को कैनाइटिस कहते हैं. आमतौर पर बालों में सफेदी आने की शुरुआत 20 से 30 साल की उम्र में शुरू हो जाती है, लेकिन अगर ये सफेद 20 साल की उम्र से पहले होने लगता हैं, तो इसे प्रीमेच्योर ग्रेइंग यानि समय से पहले बालों का सफेद होना कहते हैं."डॉ. सोनल बंसल, कंसल्टेंट, डर्मेटोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम
बालों के प्रीमेच्योर ग्रेइंग का कारण
बालों की प्रीमेच्योर ग्रेइंग का कारण आमतौर से जेनेटिक होता है. इसके अलावा पर्यावरण संबंधी कारण भी होते हैं. कई बार पोषक तत्वों की कमी, खास कर आयरन, विटामिन डी 3 और विटामिन बी12 का अभाव भी इसका कारण होता है.
तनाव और धूम्रपान के कारण शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है, जो बालों की प्रीमैच्योर ग्रेइंग की वजह बनता है. बायोटिन, पैंटोथेनेट, कॉपर और जिंक की कमी भी प्रीमैच्योर ग्रेइंग का कारण बनता है. विटामिन बी12 की कमी के चलते बालों की सफेदी बढ़ने का मुख्य कारण अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है.
हाइपोथाइरॉइडिज़्म का कारण थाइरॉयड हार्मोन की कमी होती है जो प्रीमैच्योर ग्रेइंग, एलोपेसिया और यहां तक कि हेयर मॉर्फोलॉजी में भी बदलाव लाता है.
थाइरॉयड हार्मोन टी3 एवं टी4 सीधे हेयर फॉलिकल्स पर असर करते हैं और मेलानोजेनेसिस बढ़ाते हैं, जिससे बालों को उनका सामान्य रंग मिलता है. लेकिन इनकी कमी होने से मेलानिन कम बनता है जिसके कारण बालों में सफेदी आती है.
रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (ROS) की भूमिका भी बालों को सफेद करने के मामले में काफी महत्वपूर्ण है. ऑक्सीडेटिव तनाव कई बार अल्ट्रावायलट (यूवी) किरणों, प्रदूषण, भावनात्मक कारणों या शरीर में सूजन की वजह से भी बढ़ सकता है. एंटी ऑक्सीडेंट गतिविधि में कमी आने से भी कई प्रयोगों में हेयर फॉलिकल्स में सफेदी देखी गई है.
"प्रीमेच्योर ग्रेइंग को नियंत्रित करने के लिए किए गए कई प्रयोगों में सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेज और ग्लूटाथियोन जैसे एंटीऑक्सीडेंट के इस्तेमाल को आधार बनाया गया है."डॉ. सोनल बंसल, कंसल्टेंट, डर्मेटोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम
क्या खराब लाइफस्टाइल और तनाव से बाल सफेद होते हैं?
तनाव, चाहे वह शारीरिक हो या भावनात्मक, प्रीमेच्योर ग्रेइंग का कारण बनते हैं. स्मोकिंग की वजह से भी फ्री रेडिकल बनते हैं और ये एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ाते हैं, जिससे बालों में सफेदी की प्रक्रिया में तेजी आती है. नींद कम लेना और नींद की अनियमित आदतों के कारण भी शरीर में मेलाटॉनिन का स्तर घटता है, जो बालों को सफेद करता है. जो एक्सरसाइज कम या नहीं करते हैं उनके बालों में भी सफेदी समय से पहले आती है.
"इन दिनों नियमित खानपान का अभाव या भोजन में पोषक तत्वों की कमी होना टीनेजर्स में आम है. इसके साथ-साथ लंबे स्क्रीन आवर्स भी जोड़ लें, तो ऑक्सीडेटिव तनाव का बढ़ना स्वाभाविक है, जिसके चलते बालों की सफेदी और त्वचा की कई तरह की समस्याएं आम हैं."डॉ. सोनल बंसल, कंसल्टेंट, डर्मेटोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम
इंसानों में बाल सफेद होने की उम्र क्या होती है?
एक्सपर्ट्स के अनुसार बालों की सफेदी उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्वाभाविक प्रक्रिय है. ऐसे तो 50 साल की उम्र के आसपास पहले ऐसा होता था पर आजकल 25 साल की उम्र के बाद ही बाल सफेद होना शुरू हो जाते हैं.
क्या सफेद बाल दोबारा काले हो सकते हैं?
डॉ. सोनल बंसल कहती हैं कि जो बाल एक बार सफेद हो जाते हैं, उन्हें दोबारा काला बनाना संभव नहीं होता. दरअसल, बालों की जड़ों से ही बालों का रंग तय होता है और अगर यह जड़ ही सफेद हो जाए तो उसे दोबारा ब्लैक नहीं किया जा सकता. लेकिन निश्चित ही इस ग्रेइंग की प्रक्रिया को धीमा बनाया जा सकता है.
समय से पहले बालों को सफेद होने से कैसे रोकें?
बालों की प्रीमेच्योर ग्रेइंग को रोकने के लिए हेल्दी खाना और पर्याप्त मात्रा में पानी लें. नियमित रूप से व्यायाम करें, स्मोकिंग से बचें और नींद नियमित रूप से लें. जहां तक संभव हो सके, तनाव से दूर रहने का प्रयास करें.
थायरॉइड की वजह से बालों में सफेदी आ रही है, तो इसे हार्मोन थेरेपी उपचार से धीमा किया जा सकता है.
अगर विटामिन बी12 के कारण ऐसा हो रहा है, तो शॉट्स या पिल्स लेकर हेयर फॉलिकल्स की सेहत में सुधार किया जा सकता है, जिससे हेयर ग्रेइंग को रोका या धीमा किया जा सकता है.
बालों में सफेदी तनाव या धूम्रपान के कारण बढ़ रही हो तो ऐसे सबूत मिले हैं कि धूम्रपान बंद करने या तनाव कम करने के बाद बालों का ग्रे होना रुक सकता है.
"कम उम्र में समय से पहले सफेद हो चुके बालों की वजह से कई यंग लोगों के स्ट्रेस में बढ़ोतरी और आत्मविश्वास में कमी देखते हैं हम. ऐसे लोगों को डर्मेटोलॉजिस्ट से मिल कर सलाह लेनी चाहिए क्योंकि एक उम्र सीमा तक इसका इलाज शायद सम्भव हो सके, पर उसके बाद कुछ खास फायदा नहीं होता.डॉ कशिश कालरा, कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट एंड हेड ऑफ डिपार्टमेंट, मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली
बालों को हेल्दी रखने के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव लाने चाहिए?
बालों को स्वस्थ बनाने के लिए हमें प्रोटीनयुक्त अच्छी संतुलित डाइट लेनी चाहिए.
खाने में में आयरन, बायोटिन, जिंक और विटामिन बी12 की मात्रा पर्याप्त लें.
कैल्शियम पेंटोथेनेट, जिंक और सेलेनियम युक्त सप्लीमेंट्स का सेवन भी किया जा सकता है.
शैम्पू में विटामिन सी और ई मिलाने का सुझाव भी दिया जाता है.
स्मोकिंग से बचना चाहिए और ज्यादा शराब पीने से भी.
हर दिन एक्सरसाइज करना चाहिए. इससे सेहत में सुधार होता है और तनाव भी घटता है. जिससे प्रीमेच्योर ग्रेइंग और बालों का झड़ना कम हो सकता है.
नियमित रूप से अच्छी नींद लेने से भी खुद को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है.
ज्यादा देर तक धूप में काम करने वाले टोपी या छाते का इस्तेमाल करें.
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