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Nipah Virus Outbreak In Kerala: केरल की राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि 13 सितंबर को एक निजी अस्पताल की 24 वर्षीय हेल्थ केयर वर्कर को निपाह वायरस से संक्रमित पाया गया, जिससे वह केरल के कोझिकोड जिले में संक्रमण का पांचवां पुष्ट मामला बन गया. उन्होंने बताया कि फिलहाल हेल्थ केयर वर्कर का इलाज चल रहा है.
आधिकारिक तौर पर इस सप्ताह की शुरुआत में कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के प्रकोप की बात कही गई थी. ऐसा इस बीमारी से संक्रमित दो व्यक्तियों की मौत होने के बाद किया गया था.
अभी स्थिति क्या है? निपाह वायरस के लक्षण क्या हैं? ये कैसे फैलता है? कितना खतरनाक है ये ? क्या है इसका इलाज? निपाह वायरस से कैसे बचें? जानते हैं इस आर्टिकल में.
वर्तमान में, केरल में निपाह वायरस के तीन सक्रिय मामले दर्ज हैं, जिनमें 24 वर्षीय हेल्थ केयर वर्कर भी शामिल हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए 77 लोगों की पहचान 'हाई रिस्क कॉन्टैक्ट' के रूप में की गई है और उन पर नजर रखी जा रही है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में किए गए टेस्ट्स से पुष्टि हुई कि 40 वर्षीय व्यक्ति, जिसकी 11 सितंबर को मृत्यु हो गई थी, वह निपाह वायरस से संक्रमित था.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने 12 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहले ऐसा लगा था कि 44 वर्षीय व्यक्ति, जिसकी 30 अगस्त को मृत्यु हुए थी उसका कारण लीवर सिरोसिस था पर ऐसा नहीं था. वह अस्पताल में एक घंटे तक निपाह वायरस से संक्रमित हुए पहले मृतक के संपर्क में था और माना जाता है कि 40 वर्षीय व्यक्ति को उसी से संक्रमण हुआ था.
उनसे संबंधित दो और लोग, जिनमें एक 9 वर्षीय बच्चा और एक 25 वर्षीय व्यक्ति शामिल हैं वो दोनों निपाह वायरस पॉजिटिव हैं और वर्तमान में उनका इलाज चल रहा है.
30 अगस्त को जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई, उसे इंडेक्स केस (संक्रमित होने वाला पहला) माना जाता है.
स्वास्थ्य विभाग ने जिले में प्रकोप के दो केंद्रों की पहचान की है और 5 किमी के दायरे में कंटामिनेटेड जोन की एक सूची की घोषणा की है.
जिले में आयोजनों और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. 14 और 15 सितंबर को स्कूल बंद रहेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 16 समितियां बनाई गई हैं और कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में 75 कमरे तैयार किए गए हैं.
निपाह वायरस या NiV संक्रमण एक जूनोटिक वायरस है, जो जानवरों और इंसानों दोनों में पाया जाता है, लेकिन मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलता है. रिसर्च से पता चला कि यह बीमारी सबसे पहले तब फैली जब इंसान सुअर के मल के संपर्क में आए. यह सूअरों, फल चमगादड़ों, घोड़ों, भेड़, बकरी और यहां तक कि बिल्लियों और कुत्तों में भी पाया जाता है.
निपाह वायरस के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 4 से 14 दिन बाद दिखाई देते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इनमें शामिल हैं:
बुखार
सिरदर्द
ड्रॉसिनेस
खांसी/गले में खराश
डिसोरिएंटेशन
एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (हल्के से लेकर गंभीर तक)
यह तेजी से भी बढ़ सकता है, जिससे गंभीर मामलों में एन्सेफलाइटिस (दिमाग में सूजन) हो सकता है, जिससे दौरे पड़ सकते हैं या मरीज कोमा में जा सकता है.
निपाह वायरस एक संक्रामक रोग (communicable disease) है, जिसका अर्थ है कि यह संक्रमित जानवरों और लोगों के सीधे संपर्क या उनके शारीरिक तरल पदार्थ से दूषित भोजन के माध्यम से फैलता है.
केरल में, फल चमगादड़, विशेष रूप से कोझिकोड और उसके आसपास पाए जाने वाले चमगादड़ों को इन्फेक्शन का सस्पेक्टेड सोर्स माना जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह से मृत्यु दर 40 से 75% के बीच है. इसका मतलब यह है कि लगभग आधे मामलों में मृत्यु होने की आशंका है.
वर्तमान में, निपाह वायरस के लिए कोई उपचार या टीका नहीं है. इलाज में लक्षण मैनेजमेंट, हाइड्रेशन और आराम शामिल है.
सबसे पहले और सबसे जरुरी है पर्सनल हाइजीन बनाए रखना.
अपने हाथ नियमित रूप से धोएं.
खुद में कोई लक्षण हैं या आप फ्लू जैसे लक्षणों वाले लोगों के आसपास हैं, तो नाक और मुंह को मास्क से ढक कर रखें.
जिन क्षेत्रों में चमगादड़ पाए जाते हैं वहां के कच्चे फल, जमीन पर पाए जाने वाले फल या पेड़ों से तोड़े गए फल खाने से बचें.
जब तक बीमारी कम न हो जाए, एंडेमिक जगह में जाने से बचें.
NiV से संक्रमित किसी भी व्यक्ति के ब्लड या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से बचें.
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