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2 साल पहले जब कोविड का प्रकोप भारत में बढ़ने लगा था तभी मन के किसी कोने में डर भी घर करने लगा था. लॉकडाउन ने उस डर को थोड़ी और हवा दे दी. आंखों के सामने पहली बार पूरी दुनिया बंद हो गयी थी.
कोविड के पहले वेव में देश में संक्रमण था, पर दूसरी वेव ने संक्रमण के साथ-साथ मौत और दहशत का तूफान खड़ा कर दिया. वहीं तीसरी लहर का असर अब कम जरुर है, पर अभी भी जारी है.
कोविड की इन लहरों ने कई लोगों को लॉन्ग कोविड (Long covid) का भी शिकार बना दिया. उनमें से एक मैं भी हूँ.
लॉन्ग कोविड (Long covid) झेल रहे कुछ लोगों की बातें और उस पर डॉक्टरों की सलाह ले कर आया है फिट हिंदी का ये लेख.
“डेंगू होने के कुछ महीनों बाद मुझे और मेरी पत्नी को पिछले साल कोविड के डेल्टा वेव में लॉन्ग कोविड हो गया, पर इसका पता हमें महीनों बाद चला. ऐसा हुआ कि कोविड के लक्षणों का आभास होते ही हमने टेस्ट कराया, टेस्ट नेगेटिव आया. पर तकलीफ हर दिन बढ़ती जा रही थी. कुछ दिन रुक कर हमने दोबारा टेस्ट कराया, पर वो भी नेगेटिव आया. महीने भर बाद भी बदन दर्द, कमजोरी, बुखार और थकान कम नहीं हुई. कभी-कभी तो ऐसा लगता जैसे ये परेशनियां बढ़ती जा रही थी” ये कहना है, 36 वर्ष के आईटी प्रफेशनल ऋषभ का.
लॉन्ग कोविड (Long covid) उस स्थिति को कहते हैं, जिसमें लोग कोरोना से उबरने के लंबे समय बाद भी लक्षणों को महसूस करते हैं. यह लक्षण संक्रमण के कम होने के हफ्तों और महीनों बाद तक महसूस किए जा सकते हैं. कोविड टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद मरीज में कई लक्षण जारी रह सकते हैं और उससे उनकी दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. ऐसे में कई प्रकार की जटिलताएं भी विकसित हो सकती हैं.
गुरुग्राम की अर्चना मेहन ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उन्हें भी पिछले साल अप्रैल महीने में कोविड हुआ था, पर टेस्ट में बार-बार नेगेटिव आता. वो कहती हैं, “बुखार, बदन दर्द, कमजोरी, थकान और डिप्रेशन ने परेशान कर दिया. कुछ दिनों बाद बुखार तो चला गया पर थकान, फोकस से जुड़ी परेशानी (ब्रेन फॉग), नींद न आना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, डिप्रेशन, एंग्जाइटी, माहवारी में बदलाव और बार-बार मूड चेंज होने जैसी समस्याएं शुरू हो गई. इनमें से ज्यादातर समस्या अभी भी है. जी हां, लगभग 11 महीनों बाद भी मैं स्वस्थ नहीं हुई हूं. मेरे डॉक्टर ने बताया मुझे लॉन्ग कोविड हुआ है’.
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम में पल्मोनोलॉजी के निदेशक डॉ मनोज गोयल बताते हैं, “ज्यादातर लोगों में कोविड होने के बाद 10 से 21 दिनों में लक्षण चले जाते हैं, लेकिन अगर 3 हफ्ते बाद भी ऐसा नहीं होता है, तो उसे हम लॉन्ग कोविड कहते हैं”. ये हैं लॉन्ग कोविड के लक्षण:
बुखार
छाती में दर्द
बदन दर्द
जोड़ों में दर्द
बाल झड़ना
नींद कम
हरारत / थकान
सांस लेने में दिक्कत
सीने में दर्द या दबाव
फोकस से जुड़ी परेशानी (ब्रेन फॉग)
खांसी रहना
स्वाद / गंध में फर्क
डिप्रेशन या एंग्जाइटी
दिल की धड़कन तेज
जोड़ों में दर्द
बढ़ता वजन
ऋषभ बताते हैं कि बीते 1 साल में उन्होंने अपनी सेहत में केवल गिरावट देखी है. कमजोरी, बदन दर्द, ब्लड टेस्ट के मानक (बेसलाइन) का ऊपर-नीचे होना और वजन का बढ़ना एक तरफ, इसी महीने उन्हें सीवियर स्लीप ऐप्नीया होने का पता चला है. डॉक्टर के अनुसार इसके पीछे भी लॉन्ग कोविड है.
गुरुग्राम मेदांता में इंटर्नल मेडिसिन की सीनियर डायरेक्टर डॉ. सुशीला कटारिया कहती हैं, “बीमारी के लक्षणों का लंबे समय तक व्यक्ति में बना रहना व्यक्ति के मन में डिप्रेशन / एंग्जाइटी पैदा कर देता है. जिस कारण उसके मानसिक स्वास्थ्य और सोशल लाइफ पर असर पड़ता है. वैसे ही लॉन्ग कोविड की जो शारीरिक समस्याएं हैं, अगर उनका उपचार समय पर नहीं किया गया तो मामला गंभीर हो सकता है.”
ये हैं कुछ शारीरिक और मानसिक लक्षण, जो अगर समय पर ठीक न हों, तो समस्या पैदा कर सकते हैं:
लंग्स में समस्या
हार्ट में क्लॉटिंग
ब्रेन में क्लॉटिंग
ब्रेन फॉग
एंग्जाइटी
डिप्रेशन
नींद की कमी
अत्यधिक थकान
दिल की धड़कन तेज
सांस लेने में दिक्कत
जोड़ों में दर्द
कोविड के बाद अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ऐसे रखें ख्याल ताकि जल्द से जल्द पहले जैसी जीवनशैली में वापस आ सकें:
कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लें
वॉक करें
सुबह के वक्त धीरे-धीरे व्यायाम जरूर करें
पौष्टिक आहार लें
पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं
भागदौड़ से बचें
हमेशा पॉजिटिव सोचें और पॉजिटिव बातें करें
अगर ज्यादा स्ट्रेस या मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानी हो तो डॉक्टर से बात करें
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