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देश में इस साल मार्च से ही रिकॉर्ड-तोड़ भीषण गर्मी ने हलचल मचा दी है, अप्रैल महीने में भी गर्मी कहर बरपा रही है. भारत में 1901 के बाद इस साल सबसे गर्म मार्च का महीना देखा गया है, मार्च महीने में औसत अधिकतम तापमान सामान्य स्तर से 1.86 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के विश्लेषण का हवाला देते हुए कई रिपोर्टों में कहा गया है.
मौसम में अचानक आए बदलाव के कारण कई तरह की स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं सामने आने लगी हैं. गर्मी बढ़ते ही डायरिया (Diarrhea) और बुखार (Fever) का प्रकोप भी बढ़ने लगा है.
देश के कई हिस्सों में डायरिया (Diarrhea) और बुखार (Fever) के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में यह समस्या देखने को मिल रही है.
फिट हिंदी ने गुरुग्राम, बेंगलुरु और पटना के अनुभवी डॉक्टरों से बात कर देश के कई हिस्सों में बढ़ रहे डायरिया और बुखार का कारण, इलाज और बचाव के तरीकों के बारे में जानने की कोशिश की.
“अचानक बढ़ रही पेट सम्बंधी समस्याओं और बुखार के मामलों का कारण BA.2 कोविड वेरिएंट नहीं लगता है. क्योंकि कोविड में ज्यादातर खांसी, गला खराब, नजला और जुखाम के बाद पेट खराब होने की तकलीफ पैदा होती है" ये कहना है फोर्टिस हेल्थकेयर में इंटर्नल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ अमिताभ पारती का.
फोर्टिस हॉस्पिटल, बेंगलुरु में इंटर्नल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ आदित्य एस चौटी ने भी डॉ पारती की बातों पर सहमति जताई और बताया कि डायरिया के मरीजों की संख्या में उन्हें भी वृद्धि देखने को मिल रही है.
पटना के पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल में इंटर्नल मेडिसिन के एचओडी डॉ वी.के.ठाकुर ने फिट हिंदी को बताया कि "मौसम बदलने पर ऐसा होना स्वाभाविक है, पर इस बार अचानक मौसम ने करवट बदल ली है, जिस वजह से बुखार और डायरिया के मामले हमें ज्यादा तेजी से और अधिक संख्या में देखने को मिल रहे हैं". डायरिया से जूझ रहे व्यक्ति को इनमें से एक या अधिक लक्षणों का अनुभव हो सकता है:
पेट खराब
उल्टी
भूख न लगना
पेट में मरोड़
बुखार
कमजोरी
होंठ और मुंह सूखना
पेशाब कम
गुरुग्राम के नारायणा हॉस्पिटल में इंटर्नल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. तुषार तायल ने बताया कि अचानक बढ़ रहे पेट खराब और बुखार के मामलों के पीछे बढ़ती हुई गर्मी के साथ-साथ अन्य कई कारण भी हो सकते हैं. कभी-कभी वायरस के कारण, तो कई बार पेट में अंदरूनी समस्या होने से डायरिया हो सकता है. कुछ कारण ये भी हो सकते हैं:
बासी खाना खाना
साफ पानी नहीं पीना
कच्ची सब्जियों को धोने में लापरवाही होना
सड़क किनारे मिलने वाले फूड स्टॉल से तेल-मसाला वाले स्पाइसी फूड्स खाना
छोटी या बड़ी आंतों में कोई समस्या होना
कुछ दवाओं का लगातार सेवन करना
डायरिया का आभास होने पर डॉक्टर से दिखाना समझदारी होगी. इसके अलावा कुछ बातें हैं, जो मरीज करें, तो फायदा होगा.
सादा पानी पीने से मरीज को कमजोरी बनी रहेगी इसलिए पानी में नाम, चीनी और नींबू मिला कर दें, तो ज्यादा लाभदायक होगा. ऐसे समय में दूध वाली चीजों को इस्तेमाल नहीं या कम से कम किया जाता है क्योंकि उससे दस्त होने का खतरा बना रहता है. ये उपचार करें:
अधिक से अधिक मात्रा में नींबू पानी पीना
नारियल पानी पीएं
दही की लस्सी/छाछ पीएं
दाल का पानी पीएं
सदा सूप पीएं
पतली खिचड़ी खाएं
डॉ वी.के.ठाकुर ने फिट हिंदी को बताया कि डायरिया के साथ बुखार आने पर इन बातों का ख्याल रखें:
मरीज की स्पंजिंग करें
पर्याप्त मात्रा में पानी/जूस पीने को दें
थोड़ा-थोड़ा करके हल्का खाना खिलाएं
हल्के कपड़े पहनायें
समय-समय पर शरीर का तापमान जांचे
डॉक्टर की दी दवा समय पर दें
डॉ अमिताभ पारती ने कहा, "ऐसे मौसम में सावधानी रखना बेहद जरूरी है. स्वच्छ पानी पीना सेहत के लिए बेहद जरूरी है और साथ ही अपने शरीर की इम्यूनिटी को बरकरार रखें". उन्होंने कुछ सावधानियां बताई, जिनका ध्यान रख हम ऐसे मौसम में डायरिया और बुखार से अपने परिवार और खुद को बचा सकते हैं. ये हैं वो कुछ सावधानियां:
कड़ी धूप से बचें
हाथ हमेशा साफ रखें
ह्यड्रेटेड रहें
गर्म खाना खाएं
नींबू पानी, नारियल पानी समय-समय पर पीते रहें
कच्ची सब्जियों को अच्छी तरह से बहते पानी में साफ करें
बासी खाना खाने से बचें
बाहर के खाने की पैकिंग पर ध्यान दें और उस खाने को गर्म करके खाएं
पीने वाला पानी आरओ, फिल्टर्ड या उबाल ने के बाद ठंडा करके पीएं
बुखार/ डायरिया के लक्षणों का आभास होते ही डॉक्टर से संपर्क करें
अगर तकलीफ बढ़ती जा रही हो और इनमें से कोई भी लक्षण मरीज में दिख रहें हों, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें:
ब्लड प्रेशर गिरता जा रहा हो
मुंह बहुत सूख रहा हो
पेशाब कम आ रहा हो
पेशाब का रंग गाढ़ा पीला हो
लगातार उल्टी होना
कमजोरी से बेहोशी आना
बुखार का कम न होना
तीन दिनों से बने हुए डायरिया और बुखार के लक्षणों को अनदेखा न करें, ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करें.
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