छोटे बच्चों में कब्ज (Constipation) एक आम समस्या है. कब्ज यानी स्टूल का कड़ा या सख्त होना. जिसकी वजह से बच्चे को दर्द और तकलीफ का सामना करना पड़ता है. आजकल अधिकांश बच्चे कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं.
अगर कोई बच्चा दिनभर में एक बार भी स्टूल पास न करे या एक बार जाए लेकिन स्टूल बहुत सख्त हो और बच्चे को स्टूल पास करने में काफी दर्द हो, तो इसे बच्चे में कब्ज की समस्या कहेंगे.
ऐसा होने के बाद बच्चा अक्सर स्टूल करने से डरने लगता है, जिसकी वजह से वो ऐसे हालात से बचने का प्रयास करने लगता है, जो स्तिथि को और खराब कर सकती है.
चलिए जानते हैं इस समस्या का कारण, इलाज और बचाव विशेषज्ञ से.
बच्चों में कब्ज के लक्षण
बच्चों में इस रोग के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं, जैसे-
एक सप्ताह में तीन से कम बार स्टूल करना
हार्ड स्टूल या सख्त स्टूल होना
स्टूल करते दौरान दर्द होना
पेट में अक्सर दर्द रहना
यदि बच्चा डरता हो स्टूल करने से तो ये भी एक लक्षण है कब्ज का
बच्चों में कब्ज का कारण
90 प्रतिशत बच्चों में कब्ज का कारण ख़राब लाइफ स्टाइल और खानपान में लापरवाही होती है. कब्ज के कुछ कारण ये सब भी होते हैं:
जंक फूड का सेवन - यह रोग होने का बड़ा कारण है. मैदा से बने जंक फूड जैसे कि पिज्जा, नूडल्स, मैगी, पास्ता, ब्रेड और साथ में कोल्डड्रिंक, चॉकलेट बच्चे आजकल अधिक खाते हैं.
हरी सब्जियों और फलों से दूरी बनाना
पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीना
दूध - डेयरी का दूध और अन्य उत्पाद भी बच्चे को कब्ज की और ले जाते है
दवाएं - कुछ दवाएं जो बच्चा अन्य कारणों से ले रहा हो
नींद में कमी - देर तक जगे रहने से बच्चे में खाना सही तरीके से नहीं पचता है. जिसकी वजह से पेट से जुड़ी दिक्कतें बढ़ती हैं.
स्टूल रोकना - बड़ी कठोर स्टूल के कारण दर्द और तकलीफ का अनुभव करते बच्चे स्टूल को रोकने का प्रयास करते है.
पारिवारिक - जिन बच्चों के परिवार के सदस्यों को कब्ज का अनुभव होता है, उन बच्चों में कब्ज की समस्या की संभावना बनी रहती है.
नवजात शिशुओं को 6 महीने की उम्र से ही संतुलित आहार खिलाना शुरू कर देना चाहिए. ऐसा करने से बच्चे में संतुलित आहार के साथ-साथ एक सही आदत भी बनेगी जो उसे कई बीमारियों से बचने में मदद करेगी.डॉ नीतू तलवार, एडिशनल डायरेक्टर, पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम
बच्चों को कब्ज से बचाने के उपाय
बच्चों में कब्ज की समस्या से बचने के कुछ उपाय डॉक्टर ने ये बताए हैं:
बच्चे को उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खिलाना सुनिश्चित करें, जैसे फल, सब्जियां और पूरा अनाज.
अपने बच्चे को बहुत सारे तरल पदार्थ पीने के लिए प्रोत्साहित करें, इनमें पानी सबसे उपयुक्त है.
शारीरिक गतिविधियों (Physical activities) को बढ़ावा देना, क्योंकि शारीरिक गतिविधि से पूरा शरीर स्वस्थ और ऐक्टिव रहता है. ऐसे में कब्ज की संभावना भी कम होती है.
दिन में एक समय निश्चित कर हर दिन बच्चे को उसी समय स्टूल करने की आदत दिलाएं.
कुछ बच्चे खेलने में स्टूल की आशंका को अनदेखा कर देते है. इसका विशेष ध्यान रखें, देरी कब्ज को बढ़ाती है.
बच्चों में कब्ज का इलाज
चिकित्सक लक्षणों के आधार पर बच्चे का इलाज करते है इसलिए जरुरी है कि चिकित्सक की सलाह लें.
कब्ज में राहत देने वाली दवा का इस्तेमाल
खाने में फाइबर युक्त आहार का सेवन
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना
कभी-कभी ग्लिसरीन का उपयोग किया जा सकता है, बच्चों में स्टूल को नर्म करने के लिए. (डॉक्टर की सलाह पर)
चिकित्सक को कब दिखाएं
बच्चों में कब्ज को आमतौर पर गंभीर बीमारी नहीं माना जाता है. पर कभी-कभी पुराना कब्ज परेशानियों का कारण बन सकता है. यदि बच्चे को कब्ज 1सप्ताह से अधिक समय तक रहता है, तो चिकित्सक की सलाह लें.
कब्ज के इलाज में दवा से कहीं अधिक खानपान और शारीरिक गतिविधियां जरूरी हैं. समय पर इस समस्या से पीछा छुड़ाने में भलाई है, नहीं तो कब्ज जितना पुराना होगा, उतना ज्यादा समय इसे ठीक होने में लगेगा. कई बार पुराने कब्ज को ठीक होने में महीनों तक लग जाते हैं.
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