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माँ बनना एक महत्वपूर्ण और रोमांचक चरण है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो पहली बार माँ बन रही हैं.
इस समय, बच्चों को माँ से देखभाल और स्नेह की आवश्यकता होती है, और निस्संदेह, आप यह सब उन्हें देना चाहती हैं, लेकिन ऐसा करने में, महिलाओं को अपने स्वयं के स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
आपको बच्चे को ढ़ेर सारा प्यार और देखभाल देनी चाहिए, लेकिन पोस्टपार्टम रिकवरी के लिए उनके डॉक्टरों के संपर्क में रहना चाहिए.
नए नॉर्मल के साथ तालमेल बिठाने में समय लगता है, इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप डेलीवेरी के बाद अच्छी तरह से ठीक हो रही हैं, ध्यान रखने योग्य चीजों की एक आसान सूची यहां दी गई है.
यह महत्वपूर्ण है कि एक मां पर्याप्त आराम करें और पोस्टपार्टम अवधि के दौरान उचित नींद लें. यह न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने का समय है बल्कि एडजस्टमेंट का भी समय है. जहां माता-पिता को अपने जीवन को अपने बच्चे के चारों ओर ढालना होगा. इसमें आपके सोने के शेड्यूल में बदलाव भी शामिल हो सकते हैं.
माँ और बच्चे दोनों को बदलावों के साथ तालमेल बिठाने में समय लगता है. और ऐसा करने में, माँ उस कीमती नींद को खो सकती है जिसकी उसे सख्त जरूरत है.
बच्चे के साथ अपने सोने के शेड्यूल को सिंक करके अधिक से अधिक सोने का प्रयास करें.
एक नई माँ को अच्छी तरह से खाने की जरूरत है ताकि उनकी ताकत वापस आ सके, क्योंकि वह इस समय अपने बच्चे की देखभाल कर रही है.
स्तनपान, नींद न आने और बच्चे की लगातार देखभाल से शरीर की एनर्जी खत्म हो जाती है, क्योंकि जन्म देने के बाद शरीर कमजोर होता है.
महिलाओं को अन्य परेशानियों जैसे डिफिशन्सी, थकान, गर्भकालीन डायबिटीज आदि का सामना करना पड़ता है और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आपके पास पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज, सब्जियां, फल, डेयरी, प्रोटीन और कोई भी प्रीनेटल विटामिन या डॉक्टर द्वारा निर्धारित अन्य सप्लीमेंट हों.
हो सकता है कि आप तुरंत काम पर वापस जाना चाहती हों, लेकिन यह समय है आपको परिवार से समर्थन और मदद लेने की.
कोशिश करें कि कोई अन्य जिम्मेदारी न लें और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उसके बच्चे की जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान दें.
अपने पार्टनर, परिवार के सदस्यों और अपने आसपास के अन्य लोगों से मदद मांगने में संकोच न करें.
दारा गॉडफ्रे, एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ का दावा है कि एक नई माँ के लिए खुद को हाइड्रेट रखना आवश्यक है क्योंकि पानी का उपयोग दूध के उत्पादन के लिए किया जाता है.
अमेरिका के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के रिसर्च के अनुसार पहले 3 महीनों में वजन धीरे घटता है क्योंकि रिकवरी और स्तनपान के लिए अधिक कैलोरी की जरूरत होती है.
स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने हिप्स, थाई और पैरों में बढ़े हुए फैट के भंडार का अनुभव हो सकता है क्योंकि एनसीबीआई के अध्ययन से पता चलता है कि बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए निचले शरीर के फैट स्टोर से दूध बनाता है.
यह पूरी तरह से नॉर्मल है.
इसलिए, अपने वजन पर जोर देने के बजाय अपने स्वास्थ्य को वापस पाने और अपने नए बच्चे की देखभाल करने पर अपनी एनर्जी फोकस करें.
अध्ययनों के अनुसार, आठ में से एक महिला पोस्टपार्टम डिप्रेशन और लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं बेबी-ब्लूज से पीड़ित होती हैं.
बेबी-ब्लूज और पोस्टपार्टम डिप्रेशन दो अलग-अलग चीजें हैं. डिप्रेशन के कारण माँ अत्यधिक थका हुआ, चिंतित, और ऐंक्शस महसूस कर सकती है और हार्मोन में बदलाव के कारण शारीरिक परेशानी का अनुभव कर सकती है.
दूसरी ओर, बेबी-ब्लूज, बच्चे की निरंतर देखभाल के बाद हल्की थकावट की भावनाएं होती हैं.
लक्षण एक या दो सप्ताह तक चलते हैं और मां अपने आप ठीक हो जाती है.
यह महत्वपूर्ण है कि माताएं आराम करें, स्वस्थ खाएं और खुद को खुश रखने के लिए छोटी-छोटी चीजें करें और अपने लिए कुछ समय निकालें.
बहुत सी माताएं डेलीवेरी के बाद फिर से व्यायाम करने से डरती हैं.
लेकिन अगर आपकी गर्भावस्था कॉम्प्लिकेटेड नहीं रही हो, तो आप कुछ दिनों के बाद, जब भी तैयार महसूस करें, व्यायाम कर सकती हैं.
कोशिश करें कि बहुत मुश्किल व्यायाम न करें क्योंकि आपका शरीर अभी भी ठीक हो रहा है.
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