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जब कोई प्यार में पड़ता है तो दिमाग पर कैसा 'केमिकल लोचा' होता है?

Valentine's Day 2023: रोमांटिक संबंधों के शुरुआती दौर में स्ट्रेस हार्मोन में बढ़ोतरी होती है.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p>Happy Valentine's Day 2023:&nbsp;शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्यार का क्या असर होता है?</p></div>
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Happy Valentine's Day 2023: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्यार का क्या असर होता है?

(फोटो:iStock)

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Valentine's Day 2023: वैलेंटाइन डे मनाते लोगों का उत्साह देखने लायक होता है. इस दिन मॉल, रेस्टोरेंट, थिएटर, पार्क और सड़क पर चारों ओर हंसते-मुस्कुराते चेहरे देखने को मिलते हैं. प्यार का ये दिन अपनों के साथ मनाने में एक अलग ही खुशी मिलती है पर क्या आप जानते हैं कि प्यार आपके दिल और दिमाग पर क्या असर डालता है?

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्यार का क्या असर होता है इस सवाल का जवाब फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से पूछा. आइए जानते हैं उनके जवाब.

मानसिक स्वास्थ्य पर कैसा होता है प्यार का असर?

क्या आप जानते हैं कि प्यार का आपके दिल से ज्यादा दिमाग से लेना-देना है?

हां, आपका दिमाग कुछ ऐसे हार्मोन जारी करता है, जो आपको किसी से बेइंतहा प्यार करा देता है और यही वो हार्मोन है जो आपको उस प्यार में रखे रहता है.

प्यार, आकर्षण या किसी के साथ रहने की इच्छा, वास्तव में रिप्रोडक्टिव हार्मोन यानी कि टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन के उत्पादन से शुरू होती है, जो दिमाग में हाइपोथैलेमस द्वारा नियंत्रित होती हैं.

"जिंदगी में तरह-तरह की घटनाएं घटती हैं, बदलाव आते रहते हैं और इनकी वजह से हमारे दिमाग पर भी असर पड़ता है. ऐसे में प्यार जैसी भावना भला कैसे पीछे छूट सकती है. प्यार का असर न सिर्फ तुरंत होता है बल्कि वह लंबे समय तक भी रहता है."
डॉ. त्रिदीप चौधरी, कंसल्‍टैंट साइकेटरिस्‍ट, डिपार्टमेंट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज, फोर्टिस हॉस्‍पीटल, वसंत कुंज

डॉ. त्रिदीप चौधरी ने फिट हिंदी को बताया कि स्टडीज से यह स्पष्ट हो चुका है कि प्यार सिर्फ एक भावना नहीं है बल्कि अच्छी-खासी प्रेरक प्रणाली भी है (मोटीवेशन सिस्‍टम). प्यार ही वह भावना है, जो किसी जीव को जरूरत के अनुसार अपने मेटिंग पार्टनर के साथ नजदीकी/अंतरंग संबंध बनाने और उसे जारी रखने के लिए प्रेरित करती है.

प्यार का अहसास दिमागी स्तर पर केमिकल रिएक्‍शन का कारण बनता है, जिससे ये शुरू-शुरू में प्यार के एहसास में डूबे व्यक्ति को ‘हाइ’ बनाता है और फिर धीरे-धीरे समय बीतने के साथ यह लंबे समय तक के लिए सुरक्षित लगाव में बदल जाता है.

दिमाग पर प्यार का ये होता है असर 

  • प्यार के शुरुआती दौर में मस्तिष्क का रिवार्ड सिस्‍टम एक प्रकार के केमिकल (डोमामाइन) से सक्रिय होता है. इसके कारण ही प्यार एक सुखद अहसास में बदलता है. कभी-कभी यह केमिकल, प्यार में डूबे हुए व्यक्ति को बेहद उत्साहित और एनर्जेटिक भी महसूस कराता है, जिसके चलते उसे भूख कम लगती है या उसकी नींद भी उचट जाती है.

  • स्टडीज में यह भी पाया गया कि इस रिवार्ड सिस्‍टम को मजबूत बनाने के लिए यौन संबंध भी महत्वपूर्ण क्रिया है और इससे लगाव और मजबूत होता है. टेस्‍टॉसटेरॉन तथा इस्‍ट्रोजेन के बढ़ते स्तर से डोपामाइन स्राव को भी बढ़ावा मिलता है.

  • ऑक्‍सीटॉसिन होर्मोन, जिसे कडल (आलिंगन) हार्मोन भी कहते हैं, आपसी संबंधों को और आगे ले जाता है. यह लोगों के रिलेशनशिप में इंटेंसिटी लता है, जिससे लगाव और बढ़ता है. यह पार्टनर के प्रति भरोसा जगाता है. साथ ही, पार्टनर के लिए मन में कम्पैशन (compassion), पॉजिटिव संबंधों की यादें, वफादारी, पॉजिटिव कम्युनिकेशन जैसी भावनाएं भी बढ़ती हैं.

  • एक दूसरा न्‍यूरो-केमिकल जो इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण माना जाता है, उसे नोरपाइफ्राइन कहते हैं. नोरपाइनफ्राइन की बढ़ती सक्रियता से व्यक्ति अधिक सतर्क महसूस करता है, अनिद्रा, बेचैनी बढ़ती है, अलर्टनैस (alertness) अधिक हो जाती है.

  • स्टडीज में पाया गया है कि संबंधों के शुरुआत में, कॉर्टिसॉल या स्ट्रेस हार्मोल का स्तर उन लोगों की तुलना में अधिक होता है जो प्यार में नहीं होते.

रोमांटिक संबंधों के शुरुआती दौर में जहां स्ट्रेस हार्मोन में बढ़ोतरी होती है, वहीं आगे चलकर ऑक्‍सीटॉसिन के बढ़ते प्रभाव के चलते, शुरुआती तनावपूर्ण प्रतिक्रियाएं अधिक सुरक्षित लगाव और जुड़ाव की राह खोलती है.

दूसरी ओर, लंबे समय से रिलेशनशिप में रह रहे लोगों में कॉर्टिसॉल का स्तर सिंगल्‍स में पाए जाने वाले स्तर से भी कम होता है. इससे कार्डियोवास्‍क्‍युलर जोखिम और मृत्‍यु की आशंका कम होती है, इम्‍यून सिस्‍टम अधिक कारगर होता है और कुल-मिलाकर यह स्थिति अच्छे स्वास्थ्य की निशानी होती है.

प्यार का एक और जादुई असर यह होता है कि इससे भरोसे, सहयोग और माफ करने जैसी भावनाओं का भी विकास होता है.

अगर आप किसी वजह से निराश हैं, तो अपने परिवार/दोस्तों के साथ कुछ समय बिताएं और आपको अपने मूड में सुधार महसूस होगा. इसलिए अगर आप अपने स्वास्थ्य में सुधार चाहते हैं, तो प्यार की ताकत को कतई न भूलें! चाहे आप अपने परिवारवालों या दोस्तों के साथ समय बिताएं या किसी रोमांटिक रिलेशनशिप में, प्यार की भावना का असर आपके लिए फायदेमंद होता है.

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शारीरिक स्वास्थ्य पर कैसा होता है प्यार का प्रभाव?

"जब भी हम प्यार के बारे में और इसके शारीरिक लाभ के बारे में सोचते हैं, तो सिर्फ दिल के बारे में सोचते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि प्यार का असर आपके पूरे शरीर पर पड़ता है? स्टडीज से पता चला है कि प्यार और रिलेशनशिप में रह रहे लोगों का ब्‍लड प्रेशर कम रहता है और उनकी उम्र भी सिंगल लोगों की तुलना में अधिक होती है."
डॉ. कुणाल बहरानी, डायरेक्‍टर एवं एचओडी – न्‍यूरोलॉजी फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स अस्‍पताल, फरीदाबाद

ये हैं शरीर पर प्यार के फायदे:

  • शरीर में स्ट्रेस हार्मोनों के स्तर में कमी

  • बेहतर इम्‍युनिटी

  • ब्‍लड प्रेशर में कमी

  • एंजाइटी और डिप्रेशन में कमी

  • नींद की क्‍वालिटी में सुधार

इन शारीरिक फायदों के अलावा यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. एक स्टडी से यह पता चला है कि सपोर्टिव रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों में आत्मसम्मान का स्तर उन लोगों से अधिक है जो इस प्रकार के रिश्तों में नहीं हैं.

प्यार की मदद से अपने शारीरिक और मानसिक सेहत में सुधार कैसे लाएं?

अब सवाल यह उठता है कि प्यार से अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत में सुधार कैसे लाया जा सकता है? कई स्टडीज से इस बात के संकेत मिले हैं कि आप अपने जीवन में अधिक प्यार की भावनाओं को सींचकर अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं.

प्यार का पॉजिटिव असर आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है और इससे कतई इंकार नहीं किया जा सकता. दूसरों की सहायता करने से आपका तनाव घटता है, आप अधिक खुश महसूस करते हैं और ये सकारात्‍मक भावनाएं आपके स्वास्थ्य पर सुखद असर डालती हैं.

स्ट्रेस घटाने और आपके जीवन में खुशियों बढ़ाने के अलावा ये प्यारे रिश्ते आपके जीवन में और भी बहुत सारे खूबसूरत रंग भरते हैं. इसलिए अगर आप अपने आपको खुद से या दूसरों से कटा हुआ महसूस करें, तो अपने जीवन में खुशियां और सुधार लाने के लिए अधिक अर्थपूर्ण संबंधों को तलाशने की दिशा में प्रयास करें.

डॉ. कुणाल बहरानी कुछ आसान नुस्‍खे बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं: 

  • परिवार/दोस्तों को समय दें: उनके साथ मिलकर कुछ न कुछ करने के लिए समय निकालें, चाहे डेट नाइट पर जाना हो या फैमिली वेकेशन लेनी हो. अपने मूड को बेहतर बनाने और प्यार की भावनाओं से खुद को भरने के लिए उन लोगों के साथ क्‍वालिटी टाइम बिताएं जिन्हें आप पसंद करते हैं. 

  • किसी दूसरे के लिए कुछ अच्छा करने की कोशिश करें: दूसरों के प्रति प्यार का भाव पैदा करने का सबसे आसान तरीका यही है कि आप उनके लिए कुछ अच्छा करें, जैसे कि उनके लिए डिनर तैयार करना, उनकी तारीफ करना या कुछ ऐसा करना जिसे देखकर वे खुश हो जाएं जैसे कि उनकी कार में प्यार भरा नोट छोड़ना.

  • जरूरतमंदों के लिए कुछ अच्छा करें: ऐसा करना आपके अपने मन के लिए भी सुखद होता है, जिसका असर आपके बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य पर दिखायी देता है. किसी ऐसे व्यक्ति के लिए कुछ करना जिसे आपकी जरूरत हो, आपके जीवन में प्यार का संचार करता है और साथ ही, इस दुनिया को भी रहने की बेहतर जगह बनाता है.

इसलिए अगर आप अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत में सुधार देखना चाहते हैं, तो डॉक्टर की सुनिए और प्यार करिए!

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