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Tips On Improving Child's Immunity: सर्दी के मौसम में बच्चे अक्सर बीमार पड़ते हैं. सामान्य सर्दी, लगातार खांसी, फ्लू, आरएसवी(RSV), निमोनिया जैसी सांस संबंधी समस्याएं, साथ ही एलर्जी का बिगड़ना, कान और पेट में इन्फेक्शन कुछ ऐसी आम परेशानियां हैं, जिनका बच्चों को सर्दियों में अधिक सामना करना पड़ता है. एक्सपर्ट की मानें, तो अधिक बीमार पड़ने का कारण ठंड के मौसम में बच्चों का घर के अंदर ज्यादा समय बिताना हैं. घर के अंदर बंद रहने से कई बार बच्चे संक्रामक (infectious) बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं.
फिट हिंदी ने फरीदाबाद, अमृता हॉस्पिटल में पीआईसीयू (PICU) के सीनियर कंसलटेंट- डॉ. मनिंदर धालीवाल से इन सवालों के जवाब जानें.
एक केयरगिवर के रूप में, आप अपने बच्चे को सर्दियों की बीमारी बचा कर रखना चाहते हैं. ऐसे में यहां कुछ उपाय बताए जा रहे हैं जो आपके काम आ सकती हैं.
गर्म कपड़े- सर्दी में बच्चों को गर्म कपड़े पहना कर ही घर से बाहर निकालें. थर्मल वियर, स्वेटर, मोजे, ग्लव्स, टोपी बच्चों को सर्द मौसम और ठंडी हवाओं से बचाने के काम आयेगा.
अच्छी नींद- सर्दियों में बच्चों की हेल्थ मेंटेन रखने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी होता है. वहीं दिन भर की भाग दौड़ और पढ़ाई के बाद बच्चे काफी थक जाते हैं. इसलिए सर्दी के मौसम में बच्चों को 8-9 घंटे की नींद जरूर दिलाएं. जिससे बच्चे हर दिन फ्रेश और एक्टिव महसूस करेंगे.
वैक्सीन शॉट्स- बच्चे को डॉक्टर की बताई वैक्सीन शॉट्स दिलाते रहें.
हेल्दी फूड- सर्दियों में खाने पीने का खास ख्याल रखना चाहिए. मौसमी फल और सब्जी के साथ ड्राई फ्रूट्स बच्चे को सेहतमंद बनाए रखने में मदद करती है.
पर्सनल हाइजीन- साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. हर दिन नहाना और समय-समय पर हाथ धोते रहना चाहिए.
बीमारी में आराम- बीमार होने पर घर पर आराम करना बेहद जरुरी है. आराम करने से शरीर को बीमारी से लड़ने जल्दी रिकवर करने में मदद मिलती है.
घर में रखें:
डिजिटल थर्मामीटर (एक्स्ट्रा बैटरी)
बच्चों के बुखार की दवाएं जैसे पेरासिटामोल
नेसल ड्राप जैसे सेलाइन ड्रॉप्स
सर्दी-खांसी के आम दवा (डॉक्टर की बताई)
ओरल रिहाइड्रेशन पाउच
नेबुलाइजर मशीन (संभव हो तो)
हैंड सैनिटाइजर
पल्स ऑक्सीमीटर
डॉ. मनिंदर धालीवाल कहते हैं कि बुखार इन्फेक्शन से लड़ने के लिए शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया है. लेकिन अगर आपके बच्चे को तेज बुखार है या उसकी तबीयत खराब है या वो कुछ भी खाना पीना नहीं चाह रहा, तो उसे बुखार कम करने वाली दवा डॉक्टर की सलाह पर दें.
बुखार 38 सेल्सियस या 100.4 डिग्री फारेनहाइट या उससे ऊपर का तापमान होता है.
बुखार होने पर अधिक कपड़े न पहनाएं:
बुखार के दौरान बच्चों को कंबलों से न ढकें, कभी-कभी कपड़ों की बहुत अधिक परतें भी हाई टेम्परेचर का कारण बन सकती हैं या बच्चों में बुखार को कम नहीं होने देती हैं.
बुखार, उल्टी या दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी की पूर्ति के लिए तरल पदार्थ आवश्यक हैं. सुनिश्चित करें कि आपका बीमार बच्चा दिन भर में बार-बार पानी या ओआरएस पीता रहे. अगर आपके बच्चे की भूख कम हो जाती है तो ये स्वभाविक है, लेकिन उन्हें हाइड्रेटेड रखना अधिक आवश्यक है. जब शरीर को आवश्यक तरल पदार्थ मिलते हैं, तो यह वायरस और इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है.
आपके बच्चे के जिन संकेतों पर मेडिकल अटेंशन देने की आवश्यकता हो सकती है उनमें शामिल हैं:
बुखार जो दवाओं से नहीं जा रहा
पेशाब कम आना
डिहाइड्रेशन होना
बेचैनी/चिड़चिड़ापन जिसे शांत नहीं किया जा सकता है
सांस लेने में समस्याएं (जैसे तेज सांस लेने)
एक्सपर्ट कहते हैं बच्चों को आमतौर पर हल्की बीमारी के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता नहीं होती है.
एक्सपर्ट फिट हिंदी को आगे बताते हैं कि बैक्टीरिया के कारण होने वाले कई हल्के इन्फेक्शन एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के बिना अपने आप ठीक हो जाते हैं, भले ही इसमें थोड़ा समय लग सकता है. छाती में इन्फेक्शन, बच्चों में कान में इन्फेक्शन या गले में खराश के इलाज के लिए अब एंटीबायोटिक दवाओं का नियमित रूप से उपयोग नहीं किया जाता है.
डॉक्टर की सलाह पर ही बच्चे को एंटीबायोटिक दवा देनी चाहिए. अगर आपके बच्चे को बैक्टीरिया के कारण होने वाले इन्फेक्शन के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं, तो एक या दो दिन के भीतर उनमें काफी सुधार हो सकता है.
पर्याप्त नींद
समय पर वैक्सीन शॉट्स
हेल्दी फूड
पर्सनल हाइजीन
खेलकूद और एक्सरसाइज
बीमार होने पर घर पर आराम करना
एक्सपर्ट कहते हैं, इन आदतों को अपना कर बच्चे की इम्युनिटी बेहतर हो सकती है. ओवर-द-काउंटर मल्टीविटामिन और सप्लीमेंट मददगार नहीं हैं.
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