advertisement
World Asthma Day 2024: 7 मई को दुनिया भर में वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जा रहा है. गर्मी का मौसम है तो गर्म हवाएं अस्थमा के मरीजों के लिए समस्या पैदा कर सकती हैं. दरअसल, इस समय चलने वाली हवाओं में प्रदूषण और एलर्जी को बढ़ाने वाले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है.
बता दें, दुनियाभर में 300 मिलियन से अधिक लोग अस्थमा से पीड़ित हैं. इनमें से करीब 38 मिलियन अस्थमा रोगी भारत में मौजूद हैं.
गर्मी के मौसम का अस्थमा की समस्या पर क्या असर पड़ता है? गर्म हवा कैसे अस्थमा के मरीजों के लिए एक समस्या है? गर्मी के मौसम में अस्थमा के मरीज अपना ध्यान कैसे रखें? गर्म मौसम में अस्थमा मरीजों को किन इमरजेंसी संकेतों पर नजर रखनी चाहिए? फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से जानें इन सवालों के जवाब.
गर्मी के मौसम में तापमान और ह्यूमिडिटी बढ़ने से अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है.
इसके अलावा, गर्मी में डिहाइड्रेशन और अत्यधिक पसीने की वजह से भी ऐसे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. जैसे कि सांस लेने में परेशानी, सांस का तंग होना. इसलिए गर्मी के मौसम में अस्थमा के मरीजों को अपनी सेहत पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना चाहिए और अपने डॉक्टर की सलाह के हिसाब से सावधानियां बरतनी चाहिए.
गर्म हवाएं अस्थमा के मरीजों के लिए समस्या पैदा कर सकती हैं. इस समय चलने वाली हवाओं में प्रदूषण और एलर्जी को बढ़ाने वाले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है. ऐसे तत्व (element) अस्थमा के मरीजों की सांस लेने वाली प्रणाली में परेशानी पैदा करते हैं और इनकी वजह से सांस की तंगी, खांसी और घरघराहट जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं.
मौसम चाहे कोई भी हो, अस्थमा के मरीजों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए. उन्हें अपने इनहेलर्स और दवाइयों का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह अच्छी तरह माननी चाहिए. गर्मियों में अस्थमा के मरीज एक्सपर्ट के बताए इन उपायों को अपनाने की कोशिश करें:
गर्मी के दिनों में जहां तक हो सके छांव में रहना चाहिए और सीधे धूप में निकलने से बचना चाहिए.
तरल पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए ताकि शरीर में हाइड्रेशन लेवल अच्छा रहे.
अगर तापमान बहुत ज्यादा हो तो घर के बाहर एक्सरसाइज करने से परहेज करें.
गर्मी के मौसम में घर से बाहर निकलते समय, मास्क का उपयोग करें. इससे हवा में मौजूद प्रदूषण बढ़ाने वाले तत्वों से बचने में मदद मिलेगी.
डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर कहते हैं कि डॉक्टर के साथ फॉलो-अप करना महत्वपूर्ण है और अस्थमा के ट्रिगर को रोकने के लिए सबसे जरूरी है एनुअल फ्लू वैक्सिनेशन.
गर्मी के मौसम में अस्थमा वाले मरीजों को कई प्रकार के चेतावनी संकेत दिख सकते हैं. इनमें से कुछ मुख्य संकेत हैं:
थकान
बुखार
चक्कर आना
सांस लेने में कठिनाई
बुखारी दर्द
छाती में भारीपन
चेहरे और गर्दन का लाल होना
इसके अलावा, गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन और अधिक पसीना होने से भी मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. अगर किसी मरीज को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो उन्हें तुरंत ही अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined