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Blood Donation Myths And Facts: भारत में हर साल करीब 11 मिलियन यूनिट ब्लड की कमी होती है क्योंकि देश के नागरिक मांग को पूरा करने लायक मात्रा में ब्लड डोनेट (Blood donate) नहीं करते.
स्वैच्छिक रक्तदान (voluntary blood donation) जीवनरक्षा के लिए जरूरी उपाय है. लेकिन रक्तदान को लेकर हमारे समाज में कई गलतफहमियां और मिथक जुड़े हैं, जो इस राह की मुश्किलों को और बढ़ा देती हैं. ब्लड डोनेशन से जुड़े कुछ प्रमुख मिथक (Myths) और उनकी सच्चाई (Facts) के बारे में बता रहे गुरुग्राम, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में बीएमटी के प्रिंसीपल डायरेक्टर एंड चीफ, डॉ. राहुल भार्गव.
सच्चाई: रक्तदान करने पर केवल मामूली दर्द होता है, जो कि सुई चुभोने से होने वाले दर्द के बराबर होता है. यह कतई तकलीफदेह नहीं है. हां, ब्लड डोनेशन के बाद आपको सिर घूमने या चक्कर आने की शिकायत हो सकती है, खासतौर से अगर आपने खाली पेट रक्तदान किया होता है (हालांकि ऐसा करने की सलाह नहीं दी जाती है).
सच्चाई: ब्लड डोनेशन में सिर्फ 10 मिनट का समय लगता है!
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के दौरान आपकी बैकग्राउंड, मेडिकल हिस्ट्री संबंधी जानकारी ली जाती है और साथ ही, एक मामूली सी हेल्थ जांच होती है, जिसमें कुछ समय लग सकता है. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आपको स्नैक्स और ड्रिंक्स भी दिए जाते हैं.
सच्चाई: ब्लड डोनेट करने की न्यूनतम उम्र 18 साल है और इसके लिए अभिभावकों की मंजूरी जरूरी नहीं है और अधिकतम उम्र 65 साल है. 18 से 65 वर्ष तक का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है.
सच्चाई: दवाओं के सेवन की वजह से आप ब्लड डोनेट नहीं कर पाएं, ऐसा नहीं है. हां, आप जिस कारण से दवाएं ले रहे हैं, उसकी वजह से हो सकता है कि आप ब्लड डोनेशन नहीं कर पा रहे हों.
सच्चाई: हमारे शरीर में लगभग 10 पाइंट ब्लड होता है और रक्तदान के लिए केवल 1 पाइंट ही काफी होता है. ज्यादातर मामलों में, ब्लड डोनेशन के 24 घंटों के अंदर शरीर दोबारा उतनी ही मात्रा में खून बना लेता है. लेकिन, आरबीसी (RBC) की मात्रा पहले जितनी होने में 4 से 6 हफ्ते लगते हैं.
सच्चाई: अगर डायबिटीज रोगी इंसुलिन जैसे सप्लीमेंट्स नहीं लेते तो वे रक्तदान कर सकते हैं. आप डायबिटीज को मैनेज करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव कर रहे हैं और दवाओं का सेवन करते हैं, तो भी आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं. हालांकि कुछ अपवाद भी हो सकते हैं, जैसे कि टाइप 2 डायबिटिक और हार्ट रोगियों को रक्तदान करने से रोका जा सकता है.
सच्चाई: किसी की सिस्टोलिक बीपी रीडिंग 180 और डायस्टोलिक बीपी 100 से नीचे है, तो वे सुरक्षित तरीके से रक्तदान कर सकते हैं. अगर कोई ब्लड प्रेशर की दवाओं का सेवन करते हैं, तो इससे ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी.
सच्चाई: आप धूम्रपान करने के बावजूद रक्तदान करने के योग्य होते हैं, आपका वजन 50 किलोग्राम से अधिक और आपकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए. इसके अलावा, आपको ब्लड डोनेट करने से 24 घंटे पहले से अल्कोहल का सेवन बंद करना चाहिए और रक्तदान के बाद 3 घंटे तक धूम्रपान नहीं करना चाहिए.
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