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Blood Donor Day: कौन कर सकता है ब्लड डोनेट, क्या हैं नियम? एक्सपर्ट की राय

World blood donorday: स्वस्थ व्यक्ति खून दे सकता है,लेकिन कुछ हालात में अस्थायी रूप से रक्तदान बंद कर देना चाहिए

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World Blood Donor Day 2023: लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए बढ़ावा देने और ब्लड डोनर का आभार जताने के लिए हर साल वर्ल्ड ब्लड डोनर डे यानी विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. दुनियाभर में इस दिन को मनाने का उद्देश्य जरूरतमंदों को खून उपलब्ध कराना है, ताकि खून की कमी से किसी मरीज की जान न जाए. ब्लड डोनेट कौन और कब-कब कर सकता है? किसे ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए? किन हालातों में कुछ समय के लिए रक्तदान बंद कर देना चाहिए? ब्लड डोनेशन के लाभ क्या हैं? आइए जानते हैं एक्सपर्ट से.

कब शुरू हुआ था विश्व रक्तदाता दिवस?

पहला विश्व रक्त दाता दिवस 2004 में मनाया गया था. यह दिन नेशनल हेल्थ सिस्टम में अपनी मर्जी से ब्लड डोनेट करने वालों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर डालता है और साथ ही नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेवाओं, ब्लड डोनर संगठनों, अस्पतालों में ब्लड सर्विसेज और दूसरे गैर-सरकारी संगठनों को सहयोग भी देता है.

कौन कर सकता है ब्लड डोनेट?

"ब्लड डोनेशन के लिए मानदंड बने हुए हैं. जो स्वस्थ व्यक्ति ब्लड डोनेट करते रहें वो 65 साल की उम्र तक ब्लड डोनेट कर सकते है."
डॉ. श्वेता नायक, एचओडी - ब्लड सेंटर, फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज

ब्लड डोनेशन के लिए नियम हैं ये:

  • 18 से 60 साल तक की उम्र वाले कर सकते हैं रक्तदान

  • शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति

  • शराब और धूम्रपान अधिक करने वाले रक्तदान नहीं कर सकते

  • हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज में हो 

  • बीपी कंट्रोल में हो

  • हेपेटाइटिस, एचआईवी के शिकार न हों 

किसे ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए ?

" जिनका हीमोग्लोबिन खुद के लिए ही पर्याप्त नहीं है उनको ब्लड डोनेट बिलकुल नहीं करना चाहिए."
डॉ. श्वेता नायक, एचओडी - ब्लड सेंटर, फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज

डॉ. श्वेता नायक आगे कहती हैं, "डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड से जुड़ी बीमारी के मरीज न करें ब्लड डोनेट. साथ ही थायरॉइड, इन्फेक्शन और टैटू बनवाने वालों को रक्तदान करने से बचना चाहिए."

डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए. ब्रेस्टफीड करा रहीं महिलाओं को भी रक्तदान करने से बचना चाहिए. अगर ब्लड रिलेटेड कोई डिजीज हो तो रक्तदान न करें, जैसे थैलीसीमिया.

किन हालातों में कुछ समय के लिए रक्तदान करना बंद कर देना चाहिए?

यह सही है कि एक स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में व्यक्ति को अस्थायी रूप से रक्तदान बंद कर देना चाहिए. 

  • कुछ समय पहले मलेरिया का शिकार हुए व्यक्ति को 3 महीने तक रक्तदान नहीं करना चाहिए. 

  • इसी तरह अगर कोई अभी-अभी टायफायड से ठीक हुआ है, तो उसे अगले 12 महीने तक रक्तदान नहीं करना चाहिए.

  • जिन मरीजों को टीबी हुआ है, उन्हें इलाज पूरा होने के बाद 2 साल तक रक्तदान नहीं करना चाहिए.

  • जिन लोगों ने कोई बड़ी सर्जरी कराई हो, वो 12 महीने तक रक्तदान नहीं कर सकते, छोटी सर्जरी कराने के बाद 6 महीने तक रक्तदान नहीं करना चाहिए.

  • महिलाओं को पीरियड्स और गर्भावस्था के दौरान रक्तदान नहीं करना चाहिए. 

  • प्रसव के बाद महिला को 12 महीने तक रक्तदान नहीं करना चाहिए. 

  • गर्भपात कराने के 6 महीने बाद तक रक्तदान नहीं किया जा सकता.

क्या हैं रक्तदान के लाभ?

"रक्तदान से मिलने वाली ‘खुशी’ अनमोल है. ब्लड डोनेट किया हुआ हर यूनिट 2 से 3 लोग की जान बचाता है. ब्लड डोनेशन के समय होने वाली स्क्रीनिंग है फायदेमंद."
डॉ. श्वेता नायक, एचओडी - ब्लड सेंटर, फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज

रक्तदान महादान है. इसमें अनेकों जिंदगियां बचाने की शक्ति है. कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान करके लोगों की जान बचाने में मदद कर सकता है. साथ ही रक्तदान से न सिर्फ आपके शरीर पर बल्कि दिमाग पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है.

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