Home Fit World Contraception Day:गर्भ निरोध के अलावा बर्थ कंट्रोल पिल्स के हैं कई और फायदे
World Contraception Day:गर्भ निरोध के अलावा बर्थ कंट्रोल पिल्स के हैं कई और फायदे
कुछ गर्भनिरोधक गोलियों में केवल प्रोजेस्टरॉन होता है, जबकि कुछ में इस्ट्रोजन की जरूरत अनुसार मात्रा मौजूद होती है.
अश्लेषा ठाकुर
फिट
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Birth Control Pills: 26 सितंबर को वर्ल्ड कांट्रासेप्शन डे मनाया जाता है
(फोटो: फिट हिंदी/ iStock)
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World Contraception Day 2023: हर साल 26 सितंबर को दुनिया भर में गर्भनिरोध से जुड़ी जागरूकता बढ़ाने के लिए वर्ल्ड कांट्रासेप्शन डे मनाया जाता है. अनचाहे गर्भ से बचने के लिए महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियां यानी बर्थ कंट्रोल पिल्स लेती हैं पर महिलाओं में कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं, जिससे निपटने के लिए डॉक्टर बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने की सलाह देते हैं.
आज इस आर्टिकल में डॉक्टर से जानते हैं महिलाओं में होने वाली किन बीमारियों का इलाज कर सकती है बर्थ कंट्रोल पिल्स.
कौन सी समस्याएं हैं जिनमें बर्थ कंट्रोल पिल्स फायदा करती हैं?
"प्रचलित मिथकों के विपरीत, 60% निर्धारित गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग गैर-गर्भनिरोधक कारणों से किया जाता है."
डॉ. मनीषा सिंह फिट हिंदी से कहती हैं, "कांट्रेसेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल गर्भनिरोध के लिए किया जाता है. इसके अलावा, अगर किसी महिला को असामान्य ब्लीडिंग होती है, जैसे कि नियमित पीरियड्स नहीं आते हैं या बहुत भारी पीरियड्स आते हैं, तो यह उनके लिए भी फायदेमंद साबित होती है. इसके अलावा, अगर किसी को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) है, तो यह उनके लिए भी फायदेमंद है. यह खाने से उनके पीरियड्स नियमित हो जाते हैं और उनकी त्वचा में होने वाले मुंहासे से भी छुटकारा मिल सकता है".
"इन पिल्स का सेवन आपको पीरियड्स के दौरान किसी खास दिन से शुरू करना चाहिए और आमतौर पर इन्हें 2 से 3 साइकल के लिए प्रयोग करने की सलाह दी जाती है. उचित तरीके से इनका सेवन और एक्सपर्ट गाइडेंस में इनका प्रयोग करने से शरीर में हार्मोन संबंधी असंतुलन को नियमित करने में मदद मिलती है."
डॉ. नीति कौटिश, डायरेक्टर एंड एचओडी- गाइनेकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद
कुछ समस्याएं ये हैं:
मुंहासे
पुरुष पैटर्न बाल विकास जैसे कि पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए.
एंडोमेट्रियोसिस के दर्द में आराम के लिए.
पीरियड्स के दौरान भारी ब्लीडिंग को कंट्रोल करने में, खासतौर पर शुरू के वर्षों के दौरान.
फाइब्रॉएड के कारण जब बुनियादी रोगसूचक दवाएं विफल हो जाएं.
एनीमिया में.
असामान्य गर्भाशय ब्लीडिंग में पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए.
पीएमएस (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) या इसके गंभीर रूप पीएमडीडी (प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर) के प्रभाव को कम करने के लिए.
ओरल कांट्रासेप्टिव पिल्स डिम्बग्रंथि, कोलोरेक्टल और एंडोमेट्रियल/गर्भाशय कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद करती है.
"इनसे शरीर को एक निश्चित मात्रा में हार्मोन (फिक्स्ड डोज) मिलता है, ये हार्मोनल असंतुलन को कंट्रोल कर हार्मोनल डिसॉर्डर को मैनेज करती हैं."
डॉ. नीति कौटिश, डायरेक्टर एंड एचओडी- गाइनेकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद
क्या सभी के लिए एक सी बर्थ कंट्रोल पिल्स मददगार है?
डॉ. सुजीत ऐश के अनुसार, अभी हम गर्भनिरोधक गोलियों की चौथी पीढ़ी में हैं और प्रत्येक पीढ़ी में भिन्नता होती है और यही वह चीज है, जो हमें कई रोगियों को अलग-अलग तरह की गोलियां लिखने में मदद करती हैं. सभी को एक जैसी गोलियां नहीं दी जाती हैं.
"अगर मुझे पीसीओ जैसे लक्षणों को कंट्रोल करने की जरूरत है, तो मैं ऐसी दवा मरीज को दूंगा जिसमें प्रोजेस्टेरोन का एंटी-मेल हार्मोन अलग हो. यदि मुझे मरीज में अनियमित पीरियड्स को मैनेज करने की आवश्यकता है, तो मैं कुछ कम खुराक वाली प्रोजेस्टेरोन की गोलियों की सलाह दूंगा जिन्हें वो लंबे समय तक जारी रख सकें. इसलिए, हर महिला के लिए सिफारिश अलग-अलग होती है."
गर्भनिरोधक गोलियां (ओरल कन्ट्रासेप्टिव पिल्स) इस्ट्रोजन और प्रोजेस्टरॉन के कॉम्बिनेशन में आती हैं. कुछ गर्भनिरोधक गोलियों में केवल प्रोजेस्टरॉन होता है, जबकि कुछ में इस्ट्रोजन की जरूरत अनुसार मात्रा मौजूद होती है.
"कंबाइंड ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स (ओटीपी) आमतौर पर सभी महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त पायी गई हैं. लेकिन यह भी मुमकिन है कि थ्रोम्बोएम्बॉलिज़्म, हार्ट कंडीशन से प्रभावित महिलाओं को डॉक्टर सिर्फ प्रोजेस्टेरॉन पिल्स लेने की सलाह दें."
डॉ. नीति कौटिश, डायरेक्टर एंड एचओडी- गाइनेकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद
बर्थ कंट्रोल पिल्स के साइड इफेक्ट्स
"ओरल कांट्रेसेप्टिव पिल्स वैसे तो फायदेमंद होती हैं, लेकिन उनके कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं. 7% महिलाओं में वजन बढ़ सकता है. इसके अलावा, कुछ महिलाओं में ब्लड शुगर के स्तर में असंतुलन हो सकता है, जिससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है. उनका लिपिड प्रोफाइल भी थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकता है, जैसे कि कोलेस्ट्रॉल और LDL. इसके अलावा, उनमें ब्लड क्लॉट्स बनने का खतरा बढ़ सकता है."
डॉ. सुजीत ऐश आगे कहते हैं "इन गोलियों के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. जब हम गोलियों के बारे में बात करते हैं, तो समुदाय में एक बड़ा डर पैदा हो जाता है क्योंकि इसका इतिहास स्तन कैंसर या ब्लड के थक्के जमने की समस्याओं का कारण बनता है".
"देखिए, वर्तमान में आधुनिक दवा फॉर्मूलेशन के आने और गोलियों में हार्मोन की कम खुराक के साथ, इन जोखिमों से निश्चित रूप से बचा जा सकता है. सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैं कहूंगा, वह है मरीज की डिटेल्ड हिस्ट्री लेना.
माइग्रेन, धूम्रपान करने वालों, हाई ब्लड प्रेशर, ब्रेस्ट कैंसर के इतिहास वाली महिलाओं में गोलियों से परहेज करना चाहिए ताकि जटिलताओं से बचा जा सके.
इसके अलावा, गोलियों का सुझाव देने से पहले लिवर मापदंडों, कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करना, पेट की सोनोग्राफी करना और ब्रेस्ट की जांच करना महत्वपूर्ण है ताकि कुछ भी छूट न जाए.
मतली, सिरदर्द, मूड में बदलाव, स्तन दर्द, सिरदर्द जैसे नियमित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. महिला को इनके बारे में बताना समझदारी है और यदि गंभीरता बढ़ती है, तो दवाएं कभी भी बंद की जा सकती हैं.
किसे बर्थ कंट्रोल पिल्स नहीं लेनी चाहिए?
"गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन किस प्रकार किया जाए, इस बारे में जानकारी लेने के लिए गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह करें और अच्छे से समझकर ही गोलियां लें कि आपके लिए किस प्रकार की दवा सही होगी."
डॉ. नीति कौटिश, डायरेक्टर एंड एचओडी- गाइनेकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद
एक्सपर्ट कहती हैं कि जिन महिलाओं का वजन अधिक होता है, जिनमें ब्लड क्लॉट होने की प्रवृत्ति होती है और जो ज्यादा चलती-फिरती नहीं हैं, उनके लिए ओरल कांट्रेसेप्टिव पिल्स आमतौर पर नहीं दी जाती हैं. साथ ही हाई बीपी, डायबिटीज और धूम्रपान करने वाली महिलाओं में भी ओरल कांट्रेसेप्टिव पिल्स नहीं दी जाती हैं.
"उनके लिए अलग प्रकार की गोलियां इस्तेमाल की जाती हैं क्योंकि ओरल कांट्रेसेप्टिव पिल्स, धूम्रपान और खराब लिपिड प्रोफाइल का कॉम्बिनेशन ऐसी महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ा सकता है. इसलिए, इनका इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर किया जाता है."