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World Liver Day 2024: लिवर कैंसर दुनिया में छठा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. वहीं कैंसर के कारण होने वाली मौतों का यह तीसरा बड़ा कारण है. लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ आदतें और कुछ तरह के इन्फेक्शन से लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
लिवर कैंसर किन कारणों से होता है? लिवर कैंसर की चेतावनी देने वाले प्रमुख लक्षण क्या हैं? लाइफस्टाइल की कौन सी आदतें लिवर कैंसर का रिस्क बढ़ाती हैं? कैसे कम करें लिवर कैंसर का रिस्क? फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से जानें इन सवालों के जवाब.
हम अक्सर लिवर से जुड़ी परेशानियों को पहचान नहीं पाते और बीमारियों को नजरअंदाज करते चले जाते हैं, जो आगे चलकर गंभीर रूप ले लेती हैं.
डॉ. विवेक विज कारणों के बारे में बताते हुए कहते हैं, क्रॉनिक लिवर डिजीज जैसे सिरोसिस, हेपेटाइटिस बी और सी इंफेक्शन, अल्कोहल अधिक पीने से, मोटापा और कुछ खास प्रकार के टॉक्सिन या केमिकल्स के संपर्क में आने पर लिवर कैंसर होने का रिस्क रहता है.
लिवर की बीमारियों का एक प्रमुख कारण शराब है, जो लिवर सिरॉसिस के सबसे सामान्य कारणों में से एक है. लेकिन बीते वर्षों में नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है.
इस संख्या में आई तेजी का मुख्य कारण लाइफस्टाइल का इनएक्टिव होना और खानपान की खराब आदतें हैं, जिनकी वजह से मोटापा और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इलाज न होने पर एनएएफएलडी लिवर फाइब्रॉसिस, लिवर सिरॉसिस और लिवर कैंसर का रूप भी ले सकता है.
लिवर को शरीर का वर्कहाउस भी कहा जाता है, जो हमारे शरीर में खून को साफ करने से लेकर दूसरे अंगों तक पोषण पहुंचाने का काम करता है. यह हमारे खाने में मौजूद फैट और कार्बोहाइड्रेट को पचाने में मदद करता है. लिवर कैंसर की चेतावनी देने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैंः
बिना वजह वजन कम होना
भूख न लगना
पेट में दर्द
जॉन्डस (आंखों और त्वचा में पीलापन)
थकान और कमजोरी
मितली और उल्टी आना
पेट या पैरों में सूजन
लिवर या स्प्लीन बढ़ना
त्वचा में खुजलाहट
मल में पीलापन
डॉ. विवेक विज के मुताबिक लाइफस्टाइल की उन खराब आदतों में शामिल हैंः
अधिक मात्रा में शराब पीना: लंबे समय तक अधिक मात्रा में शराब पीने से लिवर को नुकसान होता है और यह लिवर कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकता है.
धूम्रपानः तंबाकू के सेवन के कारण भी लिवर कैंसर का रिस्क बढ़ता है.
मोटापाः ओवरवेट या मोटापे की वजह से फैटी लिवर डिजीज हो सकता है, जिससे लिवर कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है.
अनहेल्दी डायटः प्रोसैस्ड फूड, सैचुरेटेड फैट, और शूगर वाले खानपान से भी लिवर को नुकसान पहुंचता है, जो लिवर कैंसर का रिस्क बढ़ाता है.
फिजिकल एक्टिविटी की कमी: एक्सरसाइज नहीं करने वाली लाइफस्टाइल की वजह से मोटापा और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर की शिकायत होती है, जो लिवर कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं.
वहीं, डॉ. पवन रावल वायरस के संक्रमण के अलावा सिगरेट और शराब के अधिक सेवन को लिवर कैंसर का खतरा बढ़ाने का कारण मानते हैं.
लिवर एक नेचुरल फिल्टर का काम करता है, जो हमारे शरीर के वेस्ट प्रोडक्ट्स को शरीर से बाहर निकालने में भी सहायता करता है. लिवर कैंसर के रिस्क से बचने के लिए इन उपायों का पालन करें:
अल्कोहल का सेवन कम करेंः लिवर को नुकसान से बचाने के लिए अल्कोहल का सेवन सीमित करें.
हेल्दी वेट मेंटेन करें: फलों, सब्जियों, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज वाला संतुलित भोजन करें, रेगुलर एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधियों को रूटीन में शामिल करें ताकि मोटापे और फैटी लिवर डिजीज से बचे रहें.
वैक्सीनेशनः हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन करवाने से भी लिवर कैंसर का खतरा घटता है.
सेफ सेक्स प्रैक्टिस: हेपेटाइटिस बी और सी के प्रसार से बचाव के लिए कंडोम का प्रयोग करें.
सुइयों को शेयर न करें: इंट्रावेनस ड्रग्स के सेवन से भी हेपेटाइटिस बी और सी इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है.
नियमित जांच करवाएं: क्रॉनिक लिवर डिजीज या लिवर कैंसर की फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों को नियमित मेडिकल चेक-अप करवाना चाहिए ताकि किसी भी तरह की असामान्यता को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके.
मेडिकल सलाह का पालन करें: क्रॉनिक लिवर कंडीशंस जैसे हेपेटाइटिस या सिरोसिस के इलाज के लिए हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की सलाह लें ताकि किसी तरह की जटिलता न हो और लिवर कैंसर का खतरा भी कम हो सके.
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