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प्रवासी मजदूरों को ले जाने वाली ट्रेनें कैंसल करने के कर्नाटक सीएम के फैसले की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने राज्य के बिल्डरों से मुलाकात के बाद प्रवासी मजदूरों के उनके घर ले जानी वाली ट्रेनों को कैंसिल करने का फैसला किया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कामकाज शुरू करने में मजदूरों की जरूरत होगी. सोशल मीडिया पर यूजर्स ने सरकार के इस फैसले को 'गुलामी' कहा है.
वॉशिंग्टन पोस्ट की जर्नलिस्ट निहा मसीह ने लिखा, "रिपोर्ट का कहना है कि कर्नाटक सरकार ने बिल्डरों के साथ मीटिंग के बाद ट्रेन कैंसल कर दी. इनमें से कई मजदूरों को ये बिल्डर न पैसे दे रहे हैं और न खाना. किसी ने मजदूरों से नहीं पूछना चाहा कि वो क्या चाहते हैं."
टीवी होस्ट मिनी माथुर ने भी मजदूरों के हक का सवाल उठाते हुए कहा, "ये दुखद है कर्नाटक!! प्रवासी मजदूर मशीन नहीं है. वो इंसान हैं जिनके पास न खाना है न घर. क्या इन बिल्डरों ने उन्हें खाना दिया है और इस महामारी के दौरान उन्हें पैसे दिए? साफतौर पर नहीं, इसलिए उन्हें मजदूरों को कैद में रखने का कोई हक नहीं है."
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने कर्नाटक सरकार के फैसले की आलोचना की है. एक यूजर ने लिखा, "कर्नाटक सरकार इन मजदूरों को घर इसलिए नहीं भेज रही है क्योंकि बिल्डरों को जरूरत है. उन्हें राज्य में होस्टेज रखा गया है."
जर्नलिस्ट रोहिनी मोहन ने लिखा, "बिल्डरों ने कर्नाटक सरकार को मजदूरों की ट्रेन रोकने के लिए मना लिया. इनमें से अधिकतर ने उन्हें 45 दिनों से सैलरी नहीं दी है और अब वो उन मजदूरों को भूखा रहने पर मजबूर कर रहे हैं. अगर उन्हें खाना-पैसे दिए जा रहे होते, तो वो वहां से जाते ही नहीं."
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि मजदूरों को जबरदस्ती रोकना गुलामी के बराबर है.
यूथ कांग्रेस और कांग्रेस अल्पसंख्यक आयोग ने भी ट्वीट कर कर्नाटक सरकार पर हमला बोला है. यूथ कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा, "घर जाने के लिए मशक्कत कर रहे मजजूरों को कर्नाटक सरकार बंधुआ मजदूरों की तरह ट्रीट कर रही है. न खाना, न राशन, न ट्रेन, न छत, न इज्जत और अब कैद में. सूट-बूट की सरकार ने कभी गरीबों की फिक्र नहीं की."
कांग्रेस अल्पसंख्यक आयोग ने लिखा कि बीजेपी विदेशों में फंसे लोगों को लाने के लिए एयरक्राफ्ट भेज सकती है, लेकिन गरीब प्रवासी मजदूरों की मदद नहीं कर सकती.
कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने कहा, "ट्रांसपोर्ट न देकर उन्हें वहीं रहने के लिए मजबूर करना गलत है."
कर्नाटक सरकार ने रेलवे से अपील की है कि 6 मई से जाने वाली सारी ट्रेनों को कैंसिल कर दिया जाए. बता दें कि लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेन चलाई जा रही हैं और सारे मजदूर अपने-अपने होम टाउन लौट रहे हैं. एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि ये फैसला CREDAI के प्रतिनिधियों के साथ की गई बैठक के बाद लिया गया है. उन्होंने बताया कि हमें प्रवासी मजदूरों की यहां जरूरत हैं, क्योंकि राज्य की अर्थव्यवस्था को सही करने के लिए फिर से कामकाज शुरू करना है, जो बिना मजदूरों के संभव नहीं है.
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