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दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है. फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों का विरोध सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक साफ दिखाई दे रहा है. एक तरफ छात्र संघ संसद तक मार्च के लिए सड़कों पर उतरे हैं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर लोग #leftkillingJNU हैशटैग से अपना विरोध जता रहे हैं.
एक यूजर का कहना है कि चीन ने जो थियानमेन चौक पर किया था, वो जेएनयू में दोहराना चाहिए.
एक ने गुस्से में लिखा, ''जेएनयू में उन शहरी नक्सलियों और संचालकों का पर्दाफाश करें, जो हमारे राष्ट्रीय आइकन स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर हमला करते हैं.''
एक यूजर ने लिखा, ''जेएनयू में आपातकाल की स्थिति है, क्योंकि वाम समर्थित छात्र गुंडागर्दी कर रहे हैं, वो प्रोफेसरों को भी नहीं बख्श रहे हैं.''
एक यूजर ने फोटो शेयर करते हुए लिखा, ''क्या ये यूनिवर्सिटी है?''
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ''क्या यही कारण है कि माता-पिता अपने बच्चों को प्रसिद्ध संस्थानों में भेजते हैं ??? इस मामले को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए.''
एक और शख्स का कमेंट ये है, ''देश में ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जहां छात्र अच्छी शिक्षा पाते हैं. जेएनयू के लोग पूरी तरह पॉलिटिक्स, एंटी-नेशनल एक्टिविटी में व्यस्त हैं.''
बता दें कि सोमवार को संसद तक पहुंचने की कोशिश में कई छात्रों की पुलिसकर्मियों से झड़प भी हुई है. पुलिस छात्रों को पकड़कर हिरासत में ले रही है. वहीं छात्रों का कहना है कि वो किसी भी तरह संसद तक पहुंचकर ही रहेंगे. जो भी छात्र बैरिकेडिंग के ऊपर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें पुलिस हिरासत में ले रही है.
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