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दिल्ली में संसद के पास जंतर-मंतर पर 8 अगस्त को मुस्लिमों के खिलाफ सांप्रदायिक नारेबाजी की गई. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले नारे लगाए गए. वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. सोशल मीडिया पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर से लेकर कई एक्टिविस्ट और अन्य लोगों ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की है. कई लोगों ने इस घटना को फरवरी 2020 दिल्ली हिंसा से भी जोड़ा.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लिखा, "एक अनधिकृत बीजेपी प्रदर्शन कितना शर्मनाक है, जहां अभद्र भाषा और सांप्रदायिक नारे लगाए गए. दिल्ली पुलिस से कड़ी कार्रवाई और दंड की उम्मीद है, यही इस तरह के दुर्व्यवहार को दोबारा होने से रोकेगा."
राइटर नीलांजना रॉय ने लिखा कि दिल्ली में भारतीय मुस्लिमों के खिलाफ नरसंहार ध्यान भटकाने वाली बात नहीं है, ये सब एक प्लान का हिस्सा है.
जर्नलिस्ट-फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने कहा कि इस तरह की नारेबाजी से दिल्ली को फिर से दंगों में झोंकने की साजिश हो रही है.
मुस्लिम एक्टिविस्ट शरजील उस्मानी ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश की राजधानी में मुस्लिमों की हत्या की नारेबाजी हो रही है और एक भी सांसद इस बारे में बात करने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा, "भारत में मुसलमान चल रहे नरसंहार के बीच जी रहे हैं."
कई यूजर्स ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने रैली बुलाई थी, जिसमें सैकड़ों लोग मौजूद थे. इस रैली में ही मुस्लिमों के खिलाफ ये नारेबाजी की गई.
यूजर्स ने लिखा कि रैली के आयोजकों को लेकर जानकारी है तो पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज की.
दिल्ली में हुई इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है, लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, अनिल चौधरी ने लिखा, "मरकज के मामले में एफआईआर का आदेश देने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप क्यों हैं?"
कई जर्नलिस्ट्स और नेताओं ने पूछा है कि मुख्यमंत्री अब तक खामोश क्यों हैं?
पुलिस ने इस मामले में कनॉट प्लेस थाना के में आईपीसी की धारा 153a, 188 और 51 डीडीएमए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है.
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