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Lansdowne Hidden Places: मानसून आने का समय हो गया है. नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार के अलावा भी उत्तराखंड में कई छोटे-छोटे शहर हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन ये शहर पर्यटकों की नजरों से ओझल हैं. कोटद्वार जो पौड़ी जनपद में स्थित है, ऐसा ही एक शहर है. पहले इसे कण्डव नगरी से भी जाना जाता था.
ये शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा हुआ है और गढ़वाल का प्रवेश द्वार भी कहलाता है. कोटद्वार में घूमने की कई मनमोहक जगहे हैं जिनके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते. आईए आपको ऐसी ही जगहों के बारे में बताते हैं.
ये स्थान कोटद्वार शहर से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर है. यह एक सिद्ध पीठ है. बताते हैं कि यहां पर बाबा सिद्ध को हनुमान जी ने दर्शन दिए थे और बाबा ने यहां पर मंदिर का निर्माण करवाया था.
ये कोई बहुत प्रसिद्ध हिल स्टेशन नहीं है. ये जगह प्राकृतिक सुंदरता और खास तौर पर खूबसूरत मानसूनी नजारों से भरी हुई है. लैंसडाउन उत्तराखंड का एक छिपा हुआ खूबसूरत हिल स्टेशन है. खास तौर पर मानसून में बादल इस शांत शहर को अपने सफेद आगोश में लेकर इसे कहीं ज्यादा खूबसूरत बना देते हैं. इसके घने हरे-भरे जंगलों की सुंदरता को एक प्रकृति प्रेमी ही समझ सकता है.
भुल्ला ताल का रखरखाव भी भारतीय सेना करती है और ये लैंसडाउन की सबसे प्रसिद्ध जगहों में से एक है. ये जगह लैंसडाउन बाजार से लगभग 2 किलोमीटर दूर है. इस झील के लिए प्रवेश टिकट प्रति व्यक्ति 100 रुपये है, जिसमें आप बोटिंग भी कर सकते हैं. यहां मानसून के समय झील के चारों ओर घूमते बादलों को देखकर मंत्रमुग्ध हो सकते हैं.
टिप इन टॉप पर्यटन स्थल लैंसडाउन बाजार से लगभग 3 किलोमीटर दूर है. लैंसडाउन से हिमालय की बर्फीली चोटियों को देखने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है.
सेंट मैरी चर्च भी लैंसडाउन के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे लगभग 100 साल पहले अंग्रेजों ने बनावाया था. इस चर्च के चारों ओर एक सुंदर बगीचा भी है.
इस उद्यान को बेहद खूबसूरती से बनाया गया है. आप इस उद्यान के अंदर 602 समुद्री कैरियर भी देख सकते हैं, जिसने फॉकलैंड युद्ध और बाल्कन संघर्ष में भाग लिया था. इस उद्यान के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है और ये ठीक भारतीय स्टेट बैंक के सामने है.
ताड़केश्वर महादेव मंदिर लैंसडाउन शहर के केंद्र से लगभग 35 किलोमीटर दूर है और यदि आप मानसून में जा रहे हैं तो आप ये यात्रा अपने जीवनकाल में नहीं भूलेंगे. मंदिर का रास्ता अद्भुत दृश्यों से भरा है और सड़कों पर बादलों को छूते हुए अंत में मंदिर का माहौल अद्भुत शांति और सुकून से भरा है.
मां ज्वालपा देवी का मंदिर लैंसडाउन शहर और उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले से लगभग 70 किलोमीटर दूर है. नयार नदी किनारे स्तिथ ज्वाल्पा देवी मंदिर की शोभा देखते ही बनती है.
लैंसडाउन में एक रोमन कैथोलिक चर्च, 'सेंट जॉन्स चर्च' काफी सुंदर है. यह चर्च टिप इन टॉप की मुख्य सड़क से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये चर्च अस्थायी रूप से बंद मिल सकता है लेकिन इसकी खूबसूरती बाहर से भी देखने लायक है.
संतोषी माता के इस मंदिर में आप माता से आशीर्वाद लेते हुए ऊपर से सुंदर शिवालिक पर्वतमाला देख सकते हैं. यहां कुछ देर बैठने और आराम करने के लिए पर्याप्त जगह है. इसमें चढ़ने के लिए लगभग 40-50 सीढ़ियां हैं.
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