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पर्वतों की रानी मसूरी (Mussoorie) उत्तराखंड राज्य के खूबसूरत पर्वतीय स्टेशनों में से एक है. शहरों में गर्मियां पड़ते ही अधिकतर लोग मसूरी घूमने के लिए निकल जाते हैं और मॉल रोड पर ही टहलते हुए दिखाई देते है, जबकि मसूरी में बहुत सी जगह है, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते है.
गर्मियों में लोग ऐसे स्थान पर जाना ज्यादा पसंद करते है, जहां मौसम ठंडा हो. ऐसे में सबसे उपयुक्त स्थान है, उत्तराखंड राज्य में स्थित मसूरी, जो घूमने की दृष्टि से अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. हम घूमने के शौकीनों के लिए कुछ नयी जगहें बता रहे हैं.
मसूरी से केवल 8 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित लैंडोर सूची में सबसे पहले है. छावनी क्षेत्र होने के कारण लैंडोर निर्माण कार्यों से बचा हुआ है, तथा यहां की कुल आबादी 4 हजार से भी कम है. अगर किसी शांत जगह पर कुछ दिन बिताना चाहते हैं तो लैंडोर आपके लिए काफी अच्छा विकल्प है. लैंडोर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए तो प्रसिद्ध है ही, साथ ही यहां प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड का घर भी स्थित है.
यहां के बहुत से स्थानीय लोगों ने अपने घरों को ही होमस्टे में बदल दिया है और यहां आने वाले लोगों को यह होमस्टे किराये पर आसानी से मिल सकते हैं. लैंडोर एक ऐसी जगह है जहां आप किसी भी मौसम में घूमने जा सकते हैं.
जबरखेत नेचर रिजर्व के बारे में भी बहुत कम ही लोग जानते है. यह जगह भी मसूरी की अज्ञात जगहों में से एक है. जबरखेत नेचर रिजर्व मसूरी से 8 किलोमीटर दूर है. शोर-शराबे से दूर प्रकृति में खो जाना चाहते हैं, तो जबरखेत नेचर रिजर्व सबसे खास स्थान व महत्व रखता है. मौसम साफ रहने पर यहां से बर्फ से ढके पर्वत भी देखने को मिल सकते हैं. यहां आपको गाइड भी मिल जाएंगे जो प्रकृति के बारे में बहुत सी जानकारियां दे सकते हैं. यहां पर तरह-तरह के जानवर और पक्षी भी आसानी से देखने को मिलते हैं.
मसूरी से कुछ दूरी पर बसा यह गांव क्रॉन विलेज के नाम से जाना जाता है. यह गांव उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जनपद में स्थित है. इस गांव की खासियत यह है कि यहां हर घर को मक्के से सजाया गया है. इस गांव में मक्के की खेती की जाती है और मक्का ही यहां का मुख्य भोजन है. सैजी गांव के हर घर को काफी रंगों व विभिन्न काष्ठ के तरीके से सजाया गया है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यदि शहर से दूर कुछ दिन गांव की शांत और साधारण जिंदगी में घुलना चाहते हैं, तो यह गांव में बेहतर विकल्प है.
प्रकृति प्रेमी हैं तो घने जंगलों के बीच स्थित इस झरने की खूबसूरती हर किसी के मन को भी मोह लेती है. यहां का खूबसूरत नजारा और आसपास बसी शांति आपको इस जगह का दिवाना बनाने के लिए काफी है. यह झरना मसूरी से बाला हिसार मार्ग पर सिर्फ 7 किलोमीटर दूर है. इस झरने में आप सुबह 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक ही रह सकते हैं.
यदि कुछ साहसिक चुनौतीपूर्ण काम करना चाहते हैं, तो नाग टिब्बा ट्रेक आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है. यह मसूरी के सबसे मुश्किल ट्रेक में से एक है. यह ट्रैक कुशल गाइडो की देखरेख में ही करना उत्तम है. इस ट्रेक को पूरा करने के लिए 2 दिन का समय लगता है. यहा पहुंचकर जो नजारा दिखाई देता है, वह सारी थकावट को रफूचक्कर कर देता है.
उत्तराखंड राज्य की संस्कृति से जुड़ी कुछ चीजें खरीदना चाहते हैं तो कुलड़ी बाजार में घूम सकते है. इस बाजार में भीड़ ज्यादा नहीं रहती है. हैंडीक्राफ्ट के अलावा आप यहां अलग-अलग तरह के फुटवियर भी खरीद सकते हैं. ज्वेलरी और तिब्बती चीजें भी खरीद सकते हैं.
ज्वाला देवी मंदिर मसूरी स्थित काफी पुराना मंदिर है. यह मंदिर मसूरी के बिनोग हिल में स्थित है. देवी दुर्गा को समर्पित इस मंदिर में पहुंचने के लिए आपको 2 घंटे का ट्रेक करना पड़ता है. मंदिर जाते समय आस-पास की हरियाली और खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य मन मोह लेता है.
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