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ग्रेटर नोएडा के पैरामाउंट इमोशंस में रहने वाली अनुराधा दीवान पिछले 10 महीनों से अपना फ्लैट बेचने के लिए संघर्ष कर रही है. अनुराधा ने साल 2020 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाली पैरामाउंट इमोशंस में बिल्डर से एक फ्लैट खरीदा. पैरामाउंट इमोशंस की ओर से लव मोहन गुप्ता ने राधिका को रजिस्ट्री ऑफिस बुलाकर उनकी फ़ोटो और हस्ताक्षर लेकर उन्हें बोला कि अब रजिस्ट्री पूरी हो गई है.
लेकिन सच कुछ और था. जब दीवान परिवार ने अपना ये फ्लैट बेचने का प्लान बनाया तो सारा सच खुलकर सामने आ गया. अनुराधा दीवान उनके परिवार के साथ हुए धोखे की कहानी क्विंट से साझा की.
जब अगस्त 2021 में हमने घर बेचने की योजना बनाई तब परेशानी शुरू हो गई. फ्लैट की NOC लेने के लिए बिल्डर की पास पहुंची तो मालूम हुआ कि हमारे फ्लैट समेत पैरामाउंट इमोशंस के 112 फ्लैट को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने विवादित लिस्ट में डाल रखा है.
ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण ने हमें बताया कि "रजिस्ट्री में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के रिप्रजेंटेटिव का हस्ताक्षर नकली है. और बिल्डर ने रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण को पैसा भी नहीं दिया है." जबकि बिल्डर ने हमसे रजिस्ट्री का पैसा पहले ही ले लिया था.
इस समस्या का समाधान ढूढ़ने के लिए हम विभिन्न विभागों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. लोन लेकर घर खरीदने के कारण हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति पहले जैसी नही रह गई है.
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