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Supertech Twin Tower: 40 मंजिला इमारत को गिराने का ट्रायल, दहशत में पड़ोस के लोग

कई इलाके ऐसे हैं जिनके बारे में हम चिंतित हैं. जब विध्वंस होगा तो उन्हें कैसे कवर किया जाएगा?

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वीडियो प्रोड्यूसर: माज हसन

वीडियो एडिटर: हरपाल रावत

10 अप्रैल हमारे लिए साधारण दिनों जैसा नहीं था. हमें दोपहर 02:15 बजे से 02:30 बजे के दौरान घर के अंदर रहने के लिए कहा गया क्योंकि हमारे पड़ोस में ही बिल्डिंग में विस्फोट होना था.

हम नोएडा (Noida) के सेक्टर 93-ए में एटीएस ग्रीन्स विलेज में रहते हैं, जो 22 मई को ध्वस्त होने वाले सुपरटेक अवैध ट्विन टावरों के बगल में है. एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमोलिशन दो कंपनियां हैं, जिन्हें नोएडा प्राधिकरण ने टावरों को तोड़ने कॉन्ट्रैक्ट दिया है.

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टॉवर विध्वंस करने वाली इंचार्ज कंपनियों ने रविवार, 10 अप्रैल को एक टेस्ट विस्फोट किया. दोपहर करीब 2:30 बजे, 40 मंजिला इमारत की 13वीं मंजिल पर एक जोरदार विस्फोट के बाद एक बिगुल फट गया. यह एक झलक थी कि एक महीने के बाद बिल्डिंग में क्यो होगा.

कई इलाके ऐसे हैं जिनके बारे में हम चिंतित हैं. जब विध्वंस होगा तो उन्हें कैसे कवर किया जाएगा?

टॉवर के आस-पास रहने वाले लोगों ने एक जोरदार ब्लास्ट की आवाज सुनी

(फोटो- पूनम मुत्तरेजा)

यह टेस्ट विस्फोट कंपन को नापने और विस्फोटकों की मात्रा का अनुमान लगाने के लिए किया गया था, जो टॉवरों को पूरी तरह से जमीन पर लाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. कंपन का अंदाजा लगाने और प्रभाव की स्टडी करने के लिए IIT की एक टीम भी मौजूद थी.

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कई इलाके ऐसे हैं जिनके बारे में हम चिंतित हैं. जब विध्वंस होगा तो उन्हें कैसे कवर किया जाएगा?

ट्विन टॉवरों के टेस्ट ब्लास्ट से पहले की तैयारियां

(फोटो- पूनम मुत्तरेजा)

एक अन्य नागरिक पूनम जोशी कहती हैं कि फ्लैटों की बालकनी से हम उत्तर प्रदेश पुलिस के कई अधिकारियों को देख सकते थे और नोएडा प्राधिकरण भी नियंत्रित तरीके से विस्फोट को अंजाम देने के लिए मौजूद था.

इससे पहले हमें सोसायटी के मैनेजमेंट द्वारा सलाह दी गई थी कि हम अपने घरों से बाहर न निकलें और विस्फोट के शोर और मलबे से आने वाली धूल की वजह से अपने दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें.

कई इलाके ऐसे हैं जिनके बारे में हम चिंतित हैं. जब विध्वंस होगा तो उन्हें कैसे कवर किया जाएगा?

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टेस्ट ब्लास्ट कई विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ

(फोटो- पूनम मुत्तरेजा)

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जब से मैंने विध्वंस के बारे में सुना है, मैं डरा हुआ हूं. हमें नहीं पता कि क्या होगा, यहां लगातार काम किया जा रहा है. इतना शोर है कि हम सो नहीं पा रहे हैं, बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. यहां रहना बहुत मुश्किल हो गया है. जितना शोर है, उतनी ही धूल है. हम अपनी बालकनी से हर दिन धूल की दो से तीन परतें साफ करते हैं.
पूनम जोशी, रेजिडेंट, एटीएस ग्रीन्स विलेज

उन्होंने कहा कि हमारे लिए चिंता का एक की एक और वजह भी है. हमारे पास एक बड़ा हरा क्षेत्र है, जिसके बारे में हम चिंतित हैं कि फाइनल विध्वंस का वक्त आने पर इसे कैसे कवर किया जाएगा?

आज से करीब एक महीने बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्विन टावरों को जमींदोज किया जाएगा. हमें बताया गया है कि विस्फोट में सिर्फ 9 सेकंड लगेंगे और हमें कुछ घंटों के लिए जगह खाली करनी होगी. हमें उम्मीद है कि टेस्ट ब्लास्ट की तरह ही विध्वंस की पूरी प्रक्रिया भी बिल्कुल सही तरीके चलेगी.

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