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रविवार, 3 अप्रैल को दिल्ली के डीडीए बुराड़ी मैदान में ‘हिंदू महापंचायत’ का आयोजन किया गया. इस सिलसिले में पहले से 4 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. दो एफआईआर पत्रकारों की तरफ से दायर की गई हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि महापंचायत में आने वाले लोगों ने उन पर हमला किया और उनके साथ मारपीट की.
तीसरी एफआईआर इस सिलसिले में है कि कार्यक्रम के स्पीकर्स, जैसे हिंदूवादी नेता यति नरसिंहानंद और सुदर्शन न्यूज़ के एडिटर सुरेश चव्हाणके ने मुस्लिम विरोधी हेट स्पीच दीं.
और चौथी एफआईआर में कथित तौर पर दो ट्विटर एकाउंट्स का नाम है. इनमें से एक एकाउंट पत्रकार मीर फैसल का है और दूसरा न्यूज वेबसाइट आर्टिकल 14 का. ये एफआईआर आईपीसी की धारा 505(2) ("समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करने वाले या बढ़ावा देने वाले बयान") के तहत दर्ज की गई है.
7 फरवरी, 2022 को उत्तराखंड की अदालत ने हिंदूवादी नेता और डासना मंदिर के पुजारी स्वामी नरसिंहानंद को हरिद्वार धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में जमानत दी थी.
हरिद्वार धर्म संसद में दूसरी विवादास्पद टिप्पणियों के साथ नरसिंहानंद ने ‘मुसलमानों के खिलाफ युद्ध’ का आह्वान दिया था और कहा था कि ‘हिंदुओं को हथियार उठाने चाहिए’ ताकि यह तय हो कि ‘मुसलमान 2029 में देश के प्रधानमंत्री न बन जाएं.’
अदालत ने नरसिंहानंद को जमानत देते समय जो शर्तें रखी थीं, उसमें से एक यह थी कि आरोपी को मेजिस्ट्रेट के सामने शपथ लेनी थी कि अब से वह ऐसा कोई भी भाषण नहीं देगा जो समाज में नफरत को बढ़ाता है या सांप्रदायिक सद्भाव में रुकावट पैदा करता है. इसके अलावा वह किसी भी ऐसे कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा जो समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाता है. या जिन्हें लेकर इस बात की फिक्र की जा सकती है कि जिस तरह के अपराध दर्ज किए गए थे, वे फिर से हो सकते हैं.
हिंदू महापंचायत में नरसिंहानंद ने कहा, अगर भारत में मुसलमान प्रधानमंत्री बना तो ‘40% हिंदू मारे जाएंगे.’ इसके अलावा कहा, ‘यह हिंदुओं का भविष्य है. अगर आप इसे बदलना चाहते हैं, तो मर्द बनिए. मर्द वह होता है, जिसके पास हथियार होते हैं और वह सशस्त्र होता है.’
दिल्ली पुलिस की डीसीपी रंगनानी ने हिंदू महापंचायत के बाद एक बयान में कहा, "डसना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती और सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके सहित कुछ स्पीकर्स ने वैमनस्य, दुश्मनी की भावनाओं को बढ़ावा देने वाले, दो समुदायों के बीच नफरत या द्वेष भड़काने वाले भाषण दिए." दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है.
30 सितंबर 2021 को दिल्ली की एक अदालत ने हिंदू रक्षा दल के प्रमुख भूपिंदर तोमर उर्फ पिंकी चौधरी को जमानत दी थी. यह जमानत अगस्त 2021 में जंतर मंतर पर एंटी मुस्लिम हेट स्पीच देने के एक मामले में दी गई थी. जमानत की एक शर्त यह थी कि, "आरोपी वैसा अपराध नहीं करेगा, जो उस अपराध की तरह होगा, जिसे करने का उस पर संदेह है या जिसका वह आरोपी है."
फिर भी पिंकी चौधरी 3 अप्रैल में बुराड़ी के हिंदू महापंचायत का अहम हिस्सा था. वह कार्यक्रम के दौरान मंच पर था और मंच से घोषणाएं कर रहा था. कार्यक्रम में पिंकी जब तक मौजूद था, स्पीकर्स एंटी मुस्लिम हेट स्पीच दे रहे थे.
शनिवार, 2 अप्रैल की देर रात, डीसीपी उत्तर पश्चिम दिल्ली उषा रंगनानी ने क्विंट को बताया कि हिंदू महापंचायत को इजाजत नहीं दी गई है.
रंगनानी के मुताबिक, बुराड़ी मैदान दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए के अधिकार क्षेत्र में आता है. चूंकि वहां काम चल रहा है, इसलिए वहां हिंदू महापंचायत को आयोजित करने की इजाजत नहीं गई थी.
यूं दिल्ली पुलिस के इस बयान से पहले ही एक आयोजक ने गुरुवार को द क्विंट को बताया था कि पुलिस की अनुमति के बिना कार्यक्रम होगा.
सेव इंडिया फाउंडेशन के एक प्रमुख पदाधिकारी और 'हिंदू महापंचायत' के आयोजकों में से एक अरविंद त्यागी ने कहा था, "कार्यक्रम को कैसे रद्द किया जा सकता है? लोगों ने कार्यक्रम के लिए आने की व्यवस्था की है. कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए हम ज्यादातर पेमेंट्स कर चुके हैं. इसलिए भले ही पुलिस आयोजन को इजाजत देने से इनकार कर दे, फिर भी आयोजन होगा."
यानी दिल्ली पुलिस ने हिंदू महापंचायत को इजाजत देने से जो साफ तौर से इनकार किया था, उसका कोई असर इस कार्यक्रम, सेव इंडिया फाउंडेशन (एसआईएफ) और उसके अध्यक्ष प्रीत सिंह पर नहीं पड़ा, वह प्रीत सिंह जो 2021 से जंतर मंतर हेट स्पीच मामले में जमानत पर बाहर हैं.
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