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मुंबई (Mumbai) पुलिस ने जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस हत्याकांड में बर्खास्त RPF सिपाही चेतन सिंह चौधरी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. चौधरी पर इस साल 31 जुलाई को एक चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ साथी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है. हालांकि 1206 पन्नों के इस पत्र में आरोपी की मानसिक स्थिति खराब होने का कोई भी जिक्र नहीं किया गया है.
RPF कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी, जिन्होंने 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने सर्विस हथियार से अपने वरिष्ठ अधिकारी सहित चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दरअसल कहीं आप ये तो नहीं सोच रहे है कि इन का मानसिक खराब है, लिकिन ऐसा कुछ नहीं है. इनका मानसिक संतुलन ठिक होने के बावजूद इन्होंने ऐसा काम किया और उन्हें पता था कि वह क्या कर रहे थे. वहीं सरकार कि ओर से आरोप पत्र दायर होने के बाद ये साफ हो गया कि उनका मानसिक संतुलन ठीक था.
बता दें कि आरोप पत्र जो 1000 पृष्ठों से अधिक लंबा है और मुंबई उपनगरों में एक स्थानीय अदालत के समक्ष दायर किया गया था. वहीं जीआरपी का कहना है कि उसने इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले 150 से अधिक गवाहों की गवाही पर भरोसा किया.
जीआरपी अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बोरीवली मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष ऐसे तीन गवाहों के बयान दर्ज किए. गवाहों की गवाही के अलावा, जांचकर्ताओं ने ट्रेन के अंदर के सीसीटीवी फुटेज पर भी भरोसा किया, जहां चेतन सिंह संभावित पीड़ितों की तलाश में डिब्बों के बीच घूमते दिखाई दे रहे हैं.
महाराष्ट्र में पालघर स्टेशन पार करने के बाद ही मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आरपीएफ जवान द्वारा की गई गोलीबारी में रेलवे सुरक्षा बल के एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) सहित चार रेल यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
घटना का विवरण शेयर करते हुए पश्चिम रेलवे के मुख्य पीआरओ सुमित ठाकुर ने पहले कहा कि...
जीआरपी ने 164 सीआरपीसी के तहत मजिस्ट्रेट के मौजूदगी में शिकायतकर्ता अमेय आचार्य सहित तीन लोगों का बयान भी दर्ज कराया है. हालांकि, चार्जशीट में वीडियो फुटेज भी सबूत के तौर पर जोड़े गए हैं, जिसमें सीसीटीवी और यात्रियों की ओर से रिकॉर्ड की गई वीडियो भी शामिल है.
सीसीटीवी में फायरिंग का वीडियो नहीं है, बल्कि आरोपी बंदूक के साथ जाते हुए दिखाई पड़ रहा है. पुलिस ने बताया कि आरोपी को अकोला जिले की एक जेल में स्थानांतरित किया गया है, जो अभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. पुलिस के मुताबिक आरोपी को अदालत में पेश करना खतरनाक हो सकता है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से पेश किया जा रहा है.
वहीं, बचाव पक्ष ने इसका विरोध किया है. पुलिस ने मजिस्ट्रेट से गुजारिश की है कि इस तरह के हालात में चेतन की गैर मौजूदगी में कृपया मामले को सत्र अदालत को हस्तांतरित कर दिया जाए. जांच एजेंसी ने विश्वास दिलाया है कि आरोपपत्र की एक प्रति जेल में ही आरोपी को मुहैया करा दी जाएगी.
बता दें, आरोपी चेतन सिंह फिलहाल अकोला जेल में बंद है और अदालत ने मामले की सुनवाई दो नवंबर के लिए निर्धारित कर दी है.
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