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फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, वॉट्सऐप... कहने को तो ये सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स हैं. लेकिन यही सोशल मीडिया किस तरह से एंटी सोशल हैवानों का अड्डा बनते जा रहे हैं, ये महाराष्ट्र के डोंबिवली (Dombivali gang rape) से सामने आई एक शर्मनाक घटना ने उजागर किया है. 15 साल की नाबालिग बच्ची पर 34 दरिंदो ने 8 महीने तक गैंगरेप किया. आभासी दुनिया में दोस्त ढूंढने वाली लड़की को शायद ही पता होगा कि फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने वाला असल में एक नकाबपोश भेड़िया निकलेगा. आखिरकार टूटकर जब लड़की ने ये पूरा वाकिया अपने मां और पुलिस को बयान किया तब रौंगटे खड़े करने वाली कहानी सामने आई. आठ महीने में लड़की के साथ क्या-क्या हुआ इसकी शुरू से लेकर अब तक की पूरी कहानी...
29 जनवरी को पीड़िता को उसके फेसबुक फ्रेंड ने सुबह करीब 9.30 बजे फोन करके मिलने बुलाया. पीड़िता सुबह 11 बजे उससे मिलने गई. मुख्य आरोपी ऑटो चलाने वाले अपने दोस्त के साथ आया था. उसने अपने एक दोस्त के घर जाने का प्लान बनाया था. रास्ते में एक और लड़का उनके साथ ऑटो में सवार हो गया. दोस्त के घर जाने की बजाय आरोपी उसे दूसरी जगह ले गया.
20 फरवरी को मुख्य आरोपी उसे लगातार फोन करता है, लेकिन वह उसके फोन नहीं उठाती. पीड़िता ने उसका नंबर डिलीट कर दिया था. मुख्य आरोपी ने उसे दूसरे नंबर से कॉल कर मिलने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया. अगले दिन वो उसके घर के पास गया और उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. उसने धमकी दी कि वो उसके परिवार को उसका अश्लील वीडियो दिखा देगा. पीड़िता डर गई और उससे मिलने चली गई. मुख्य आरोपी उसे डोंबिवली के एक फ्लैट में ले गया जहां 9 लड़के मौजूद थे, जिनमें से 3 ने जनवरी में उसके साथ रेप किया था. मुख्य आरोपी ने उसे कोल्ड ड्रिंक में सफेद पाउडर मिलाकर पीने को कहा. पीड़िता ने मना कर दिया लेकिन उसे फिर से धमकाया गया. उसे पीने के बाद पीड़िता बेहोश हो गई. बाद में जब वह उठी तो उसने कहा कि उसके प्राइवेट पार्ट में बहुत दर्द हो रहा था. यह दरिंदगी मार्च तक जारी रही जहां उसे अलग-अलग फ्लैट, लॉज, फार्महाउस ले जाया गया.
5 मई को जब वह रात को घर नहीं लौटी तो उसकी मां ने गुमशुदगी की शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन अगले दिन लड़की लौट आई और अपने माता-पिता को कुछ नहीं बताया. उसने बताया कि जब उसे यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया था तब उसने मुख्य आरोपी को उसके एक दोस्त से 1,000 रुपये लेते हुए देखा था.
16 मई को मुख्य आरोपी ने 'फ्रेंड्स' नाम से वॉट्सएप ग्रुप बनाया जिसमें पीड़िता को भी शामिल किया. मुख्य आरोपी ने ग्रुप में वही वीडियो शेयर किया जो जनवरी में शूट किया गया था और उसे ब्लैकमेल किया था.
फिर एक बार 5 लड़कों ने उसके साथ गैंगरेप किया. पीड़िता अब इस यातना को सहन नहीं कर सकी और आखिरकार उसने अपनी मां के सामने उसके साथ हुई हर बात का खुलासा कर दिया. जिसके बाद उसके माता-पिता शिकायत दर्ज कराने के लिए उसे मानपाड़ा पुलिस थाने ले गए.
पुलिस ने अब तक 34 लोगों में से 29 आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. जिसमें दो लड़के नाबालिग हैं. जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है. फिलहाल एक महिला अधिकारी मामले की जांच के रही है.
इस केस की जिम्मेदारी महिला पुलिस अधिकारी एसीपी सोनाली धुले को दी गई है. जो इस मामले से जुड़े आरोपियों को सलाखों के अंदर पहुंचाने का काम कर रही हैं. एसीपी ने कहा,
उन्होंने कहा कि, कल जो मामला दर्ज हुआ है, उसमें अब तक 28 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जिनमें से दो नाबालिग हैं. दो और लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिन्हें गिरफ्तार करने का प्रोसेस जारी है. पीड़िता की स्थिति बिल्कुल ठीक है.
एसीपी ने ये भी साफ कर दिया है कि फिलहाल किसी भी आरोपी का कोई भी पॉलिटकल बैकग्राउंड नहीं पाया गया है. साथ ही उन्होंने लड़की के वीडियोज और फोटोज को लेकर कुछ भी कहने से फिलहाल मना कर दिया है.
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