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"ढाई-तीन महीने पहले भी हमारे छोटे भाई के साथ मारपीट हुई थी, उधर काम करने में डर लगता है लेकिन ईद के पहले थोड़ी कमाई करने के लिए बड़े भाई काम पर गए थे और इस बीच यह सब हो गया."
ये बात रायपुर में कथित मॉब लिंचिंग केस (Mob Lynching) में मारे गए गुड्डू खान के भाई मतलूब ने क्विंट हिंदी से कही.
पुलिस ने कहा कि, "मामले की जांच चल रही है. कुछ लोगों ने बताया कि तीनों के साथ मारपीट हुई है कुछ ने बताया गुस्साई भीड़ से डर कर तीनों पुल के नीचे कूद गए जिससे उन्हें चोट आई."
मतलूब ने क्विंट हिंदी को बताया कि, गुड्डू उत्तर प्रदेश में शामली जिले के बनत कस्बा का रहने वाला है, बाकी दो सहारनपुर में छुटमल पुर के रहने वाले थे. 39 वर्षीय गुड्डू रायपुर में मजदूरी का काम करता था.
क्विंट हिंदी को मतलूब ने बताया कि, "वो जिस गाड़ी में थे उसमें केवल भैंस थी. तीन महीने पहले हमारा छोटा भाई वसीम रायपुर गया था काम करने. उसे भी लोगों ने घेर लिया और खूब पीटा था. वो तो दिन निकल आया था इसलिए वहां के लोगों ने उसे बचा लिया. वसीम को पुलिस ने गौ तस्करी के आरोप में जेल में डाल दिया था फिर उसे बेल मिल गई थी. उसके बाद से हम डरे हुए हैं."
मतलूब ने आरोप लगाया कि पहले भी हमारे भाई (वसीम) को बजरंग दल-आरएसएस वालों ने ही मारा था और इस बार भी हमारे भाई को उन्हीं लोगों ने मारा है. हमें उन्हीं लोगों पर शक है. अब तक हमें पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की जानकारी भी नहीं है.
गुड्डू के छोटे भाई जीशान ने बड़ी धांधली होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "रायपुर की तरफ ऐसा ही होता है. मवेशी लेकर जाने वालों को वो लोग पकड़ते हैं, मार के फैंक देते हैं और सब कुछ लूट लेते हैं. लूट का माल व्यापारियों को बेच दिया जाता है. ये लाखों का माल होता है. ऐसा कई बार हो चुका है, सबको पता है."
क्विंट हिंदी से बात करते हुए, रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कीर्तन राठौड़ ने कहा: “अब तक, हम यह पता लगा पाए हैं कि तीनों गोवंश से भरे ट्रक के साथ जा रहे थे और उनका पीछा किया जा रहा था. हमारे पास सीसीटीवी पर कुछ लोग ट्रक का पीछा कर रहे हैं, लेकिन पुल पर कोई सीसीटीवी नहीं है, इसलिए हमें इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि उन्हें पीट-पीटकर मार डाला गया था, या वे डर के मारे कूद गए थे.”
इस बीच, पुलिस सूत्रों ने द क्विंट के रिपोर्टर से दावा किया कि ये सब एक "योजना" के तहत हुआ है क्योंकि जिस रास्ते पर घटना घटी वहां सड़क पर कीलें बिछाई गई थीं.
शुरुआत में पुलिस ने कहा कि तीनों ने पुल के नीचे छलांग लगा दी जिसकी वजह से उनकी मौत हुई होगी. लेकिन परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि उनकी भीड़ द्वारा पिटाई के बाद मौत हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक छ्त्तीसगढ़ पुलिस ने हत्या के प्रयास और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. पुलिस ने कहा है कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में ही खुलासा होगा कि चोट मारपीट की वजह से आई या किसी हादसे की वजह से. लेकिन परिवार वालों ने कहा कि उन्हें अब तक किसी रिपोर्ट की जानकारी नहीं है.
लेकिन मतलूब ने बताया कि, "अब तक हमें पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की जानकारी भी नहीं है."
फिलहाल पुलिस जांच कर रही है कि तीनों पुल के नीचे खुद ही गिरे या मारकर गिराए गए हैं.
इनपुट: पंकज कुमार
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