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दिल्ली की एक अदालत ने पांच लोगों में से दो को जमानत दे दी, जिन पर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के आधिकारिक आवास में कथित रूप से तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया गया था.
पटियाला हाउस कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों का कोई पूर्व में कोई मामला नहीं रहा है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मद्देनजर, अभियुक्तों को व्यक्तिगत बॉड और 10 हजार रुपये के जमानती बांड देने पर जमानत दी जाती है.
इससे पहले 22 सितंबर को अदालत ने एक आरोपी को एक दिन के पुलिस रिमांड और बाकी चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
घटना 21 सितंबर की शाम करीब 4 बजे की है.
हिंदू सेना के सदस्यों ने मुख्य द्वार और सांसद की नेमप्लेट के ऊपर एक लैम्प चकनाचूर कर दिया. लैम्प के सफेद टुकड़े सड़क पर बिखरे देखे जा सकते थे.
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं थी और कई मीडिया रिपोर्टों और अन्य स्रोतों के माध्यम से इसके बारे में पता चला. उन्होंने पुष्टि की कि उनके संगठन के कुछ कार्यकर्ता वहां विरोध प्रदर्शन करने गए थे.
इस बीच, ओवैसी ने 21 सितंबर को एक के बाद एक साथ कई ट्वीट कर मौजूदा सरकार की जमकर खिंचाई की.
"कट्टरपंथी गुंडों द्वारा आज मेरे दिल्ली आवास में तोड़फोड़ की गई. उनकी कायरता जगजाहिर है और हमेशा की तरह वे भीड़ में आए, अकेले नहीं. उन्होंने एक ऐसा समय भी चुना जब मैं घर पर नहीं था. वे कुल्हाड़ियों और लाठी से लैस थे, उन्होंने मेरे घर पर पथराव किया, मेरी नेमप्लेट नष्ट कर दी गई."
घटना के बाद ओवैसी ने टीएनएम से बात करते हुए कहा था, "पूरा राजनीतिक इकोसिस्टम तंत्र कट्टरता और नफरत से भरा है. मुद्दा यह है कि अगर किसी सांसद के घर को निशाना बनाया जा सकता है और तोड़फोड़ की जा सकती है. आज यह Name Plate को तोड़ रहे हैं और अंदर पत्थर फेंक रहे हैं, कल वे एक कदम और आगे बढ़ सकते हैं. ये फ्रिंज तत्व एलिमेंट्स नही हैं, ये हिंदुत्व ब्रिगेड के मुख्य एलिमेंट हैं.
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