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Mundka Fire: छतों से कूदती औरतें, लाचार दमकल कर्मी, 'देवदूत' पड़ोसी...भयावह मंजर

Mundka अग्निकांड में अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है.

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<div class="paragraphs"><p>Mundka Fire: छतों से कूदती औरतें, लाचार दमकल कर्मी, 'देवदूत' पड़ोसी...भयावह मंजर</p></div>
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Mundka Fire: छतों से कूदती औरतें, लाचार दमकल कर्मी, 'देवदूत' पड़ोसी...भयावह मंजर

@kuldeepKumawat_ |  Twitter

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Mundka Fire: देश की राजधानी दिल्ली के मुंडका में हुए भीषण अग्निकांड में करीब 27 लोग जिंदा जल गए. इनके पीछे रोते-बिलखते परिवार की तस्वीरें देखकर किसी का भी दिल दहल जाएगा. शुक्रवार 13 मई को शाम करीब 5 बजे मुंडका की एक चार मंजिला इमारत में आग लगी. इस घटना की खबर मिलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई.

आग को देखकर पड़ोसियों ने देवदूत बनकर लोगों को बचाने का काम शुरू कर दिया. दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं, लेकिन आग की लपटों की इतनी तेज थीं कि दमकल विभाग को 14 और गाड़ियां मौके पर बुलानी पड़ीं.

रेस्क्यू के दौरान कई ऐसी दर्दनाक तस्वीरें सामने आईं जिसे देखकर किसी का भी दिल दहल जाए.

जान बचाने के लिए छतों से कूदती औरतें

जान बचाने के लिए कूदती औरतें

स्क्रीनग्रैब

मुंडका के इस अग्निकांड में कोई सबसे ज्यादा प्रताड़ित हुआ तो वो महिलाएं थीं. कई महिलाओं ने बताया कि किसी तरह पुरुष रस्सी के जरिए कूद रहे थे, लेकिन महिलाओं के लिए कोई रास्ता नहीं था. अंत में उन्हें भी इमारत के शीशे तोड़कर और नीचे कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक जो लोग लापता हैं, उसमें केवल महिलाओं की संख्या 24 बताई जा रही है (हालांकि, हम इस संख्या की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करते हैं). स्थानीय लोगों ने ये स्पष्ट तौर पर कहा कि कंपनी में काम करने वालों में ज्यादातर महिलाएं ही थी.

'देवदूत' बने पड़ोसी

शाम में जैसे ही इमारत में आग लगने की खबर मिली तो सबसे पहले आस-पास के लोग ही मदद के लिए आए. लोगों से जो बन पड़ा, लोगों ने करना शुरू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खबर मिलने के करीब एक घंटे बाद दमकल की गाड़ियां आईं. तब तक चीख पुकार मच चुकी थी.

स्थानीय लोगों ने खुद ही किसी तरह सीढ़ियों का प्रबंध करके लोगों को निकालना शुरू कर दिया. इसके बाद लोगों ने एक क्रेन मंगाई जिसकी मदद से लोगों को इमारत से बाहर निकाला जाने लगा.
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लाचार दमकल कर्मी

इस पूरी घटना में दमकल कर्मी भी खूब लाचार नजर आए. घटना की खबर मिलते ही 10 दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची, लेकिन ये कम पड़ी तो 14 और गाड़ियां भेजी गईं. लगभग 16 घंटे तक ये रेस्कयू ऑपरेशन चलता रहा. पूरी रात दमकल कर्मी आग पर काबू पाने के लिए मशक्कत करते रहे. उनके सामने 27 लोगों की मौत (आंकड़े बढ़ सकते हैं) जलकर हो गई, लेकिन वे लाचार चीख-पुकार सुनते रहे. हालांकि ये सैकड़ों जान बचाने में कामयाब भी रहे.

बचाव कार्य के दौरान दमकल कर्मी

@kuldeepKumawat_

एक NDRF कर्मचारी ने बताया कि अंदर से लोगों के शरीर के टुकड़े मिल रहे थे. इसकी भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 27 लोगों में से 25 की अब शिनाख्त नहीं हो सकी है.

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