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भोपाल: BJP के गढ़ में कांग्रेस की ‘दिग्विजय’ चुनौती

दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में आखिरी चुनाव साल 2003 में लड़ा था

IANS
न्यूज
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दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में आखिरी चुनाव साल 2003 में लड़ा था.
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दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में आखिरी चुनाव साल 2003 में लड़ा था.
(फोटो: PTI)

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कांग्रेस के सीनियर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. दिग्विजय के चुनाव लड़ने की बात मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने बताई है. बड़ी बात ये है कि दिग्विजय सिंह प्रदेश में 16 साल बाद चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

बता दें कि सीएम कमलनाथ ने कहा है कि केंद्रीय चुनाव समिति ने तय कर लिया है कि दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़ेंगे. इस नाम की मैं घोषणा कर सकता हूं.

कमलनाथ ने आगे बताया कि दिग्विजय सिंह को इंदौर, जबलपुर और भोपाल से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था. अंत में तय हुआ है कि दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़ेंगे.

कमलनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि दिग्विजय सिंह को मुश्किल सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, बता दें कमलनाथ कि ओर से कही गई बात पर केंद्रीय चुनाव समिति ने भी मुहर लगा दी है. भोपाल वह संसदीय क्षेत्र है, जहां लंबे अरसे से कांग्रेस को जीत नहीं मिली है.

जब सीएम कमलनाथ से पूछा गया कि क्या दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनाव लड़ाए जाने के फैसले से खुश हैं ? तो जवाब में उन्होंने कहा, “यह तो उन्हीं से पूछिए, मगर मैं तो खुश हूं.”

दिग्विजय ने 10 साल तक चुनाव न लड़ने का लिया था फैसला

दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश विधानसभा का आखिरी चुनाव साल 2003 में लड़ा था. उस चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्होंने 10 साल तक कोई चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था. इसी के चलते उन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है. दिग्विजय वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं. कांग्रेस की डेढ़ दशक बाद राज्य में सत्ता वापसी हुई है और अब दिग्विजय सिंह भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं.

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बीजेपी का गढ़ है भोपाल

भोपाल संसदीय क्षेत्र के अब तक के चुनाव परिणामों पर नजर डालने पर पता चलता है कि यह सीट बीजेपी का गढ़ बन चुकी है. भोपाल में साल 1989 के बाद से हुए सभी आठ चुनावों में बीजेपी उम्मीदवारों को जीत मिली है.

यहां से बीजेपी के सुशील चंद्र वर्मा, उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी और आलोक संजर चुने जा चुके हैं. इस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के छह सांसद चुने गए हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा प्रमुख रहे हैं. इसी तरह साल 1967 में जनसंघ और वर्ष 1977 के चुनाव में लोकदल से आरिफ बेग यहां से चुने गए थे.

फिलहाल 3 सीटों पर है कांग्रेस का कब्जा

मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जिनमें से 26 पर बीजेपी का कब्जा है, वहीं तीन सीटें कांग्रेस के पास हैं. कांग्रेस के पास जो 3 सीटें हैं उनमें छिंदवाड़ा से कमलनाथ, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया और रतलाम से कांतिलाल भूरिया की सीटें शामिल हैं.

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Published: 23 Mar 2019,03:59 PM IST

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