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दिल्ली से करीब 2,000 किलोमीटर दूर, रायशा एग्जामिनेशन फॉर्म भरने की काफी कोशिश कर रही हैं, लेकिन सफलता मिल नहीं रही. दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) नॉर्थ कैंपस में हिंदू कॉलेज में इतिहास की सेकेंड ईयर की स्टूडेंट रायाशा इस परेशानी से गुजरने वाली अकेली शख्स नहीं हैं. उनके जैसे कई स्टूडेंट्स हैं, जिन्हें अब यूनिवर्सिटी के सेमेस्टर एग्जामिनेशन फॉर्म ऑनलाइन भरने में मुश्किल हो रही है.
लेकिन 15 मई तक हर हाल में भरे जाने वाले इस फॉर्म के अलावा भी कई चीजें हैं, जिन्होंने स्टूडेंट्स को परेशान कर दिया है.
DU ने हालांकि अभी आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है कि ये सेमेस्टर एग्जाम कब और कैसे होंगे, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि यूनिवर्सिटी सेमेस्टर एग्जाम को ऑनलाइन कराने के ऑप्शन तलाश रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एग्जाम मई और जून महीने के बीच में होंगे, लेकिन अभी तक कोई ऑफिशियल डेट का ऐलान नहीं किया गया है.
रायशा अपना इकलौता लैपटॉप दिल्ली में ही छोड़ आई हैं. ऐसे में वो और परेशान हैं कि अगर DU ऑनलाइन एग्जान कराता है, तो उन्हें कौन लैपटॉप देगा.
हरियाणा के पानीपत के पास एक गांव में रहने वालीं स्वीटी ने पिछले 24 घंटे में मोबाइल पर छह बार फॉर्म भरने की कोशिश की. हर बार जब वो सबमिट का बटन दबातीं, तो "फॉर्म वापस से ब्लैंक हो जाता और दोबारा से डीटेल भरनी पड़ जाती."
DU के लक्ष्मीबाई कॉलेज की स्टूडेंट, स्वीटी के पास घर पर लैपटॉप नहीं है, ऐसे में वो ऑनलाइन क्लास के लिए वो अपने फोन पर ही निर्भर हैं. ऐसे में, ऑनलाइन एग्जाम की खबरों को सुनकर, वो भी कमजोर इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर परेशान हैं.
DU में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट, शाजिया (बदला हुआ नाम) बिहार के भागलपुर में अपने घर लौट गई हैं. उनका कहना है कि वो ऑनलाइन क्लास भी अटेंड नहीं कर पा रही हैं, ऑनलाइन फॉर्म भरना तो दूर की बात है. उन्होंने कहा, "इंटरनेट कनेक्टिविटी इतनी खराब है कि फॉर्म का पेज खुल ही नहीं रहा है. यहां तक की ऑनलाइन क्लास भी बीच में चलना बंद हो जाती हैं." शाजिया के पास लैपटॉप नहीं हैं, वो सिर्फ स्मार्टफोन से काम चला रही हैं.
ये पूछे जाने पर कि क्या होगा अगर यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन एग्जाम कराने का फैसला किया, तो शाजिया ने कहा, "अगर मैं लैपटॉप का इंतजाम कर भी लेती हूं, तो भी मैं इतनी जल्दी टाइप नहीं कर पाउंगी. मेरा भविष्य खतरे में पड़ जाएगा और मुझे फर्स्ट और सेकेंड ईयर, दोनों का अकैडमिक बोझ उठाना पड़ेगा."
शाजिया के लिए सबसे बड़ा डर कोरोना वायरस नहीं है.
ऑनलाइन एग्जाम को लेकर परेशान सिर्फ दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले स्टूडेंट्स नहीं हैं. उत्तर दिल्ली में रहने वाली संध्या भी अभी तक फॉर्म नहीं भर पाई हैं और इसके लिए अपने बैचमेट्स पर निर्भर हैं. उनके पास लैपटॉप नहीं है, और ऑनलाइन क्लास के लिए पिता के स्मार्टफोन पर निर्भर हैं.
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका परिवार एक नया लैपटॉप खरीद सकता है, तो संध्या ने कहा, “अगर हमारे पास पैसा होता, तो क्या मैं पहले स्मार्टफोन नहीं खरीदती? मैं कीपैड फोन को क्यों इस्तेमाल करूंगी?" बाकी स्टूडेंट्स की तरह, संध्या को नहीं मालूम की अगर यूनिवर्सिटी ऑनलाइन एग्जाम लेती है, तो वो कैसे मैनेज करेंगी.
(DU एडमिशन के डीन से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. उनका जवाब आने पर इस कॉपी को अपडेट किया जाएगा.)
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