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पहली बार कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) (अंडरग्रेजुएट कॉलेजों के लिए सिंगल एंट्रेंस एग्जाम) के लिए रन-अप में क्विंट आपके लिए ऐसी स्टोरी लेकर आया है जिसमें आपको यह बताएंगे कि कैसे छात्र और कोचिंग सेंटर नए पैटर्न को अपना रहे हैं. आइए जानते हैं कैसे कोचिंग संस्थानों ने रातों-रात CUET क्रैश कोर्स बनाए. इसके साथ ही उन पहलुओं को जानेंगे कि यह क्रैश कोर्स कैसे अफोर्डेबल यानी सस्ते नहीं हैं.
इस साल मार्च में दिल्ली के ग्रीन पार्क एक्सटेंशन स्थित क्लासप्रेप (ClassPrep) नामक एक कोचिंग संस्थान में कॉमन इंक्वायरी यानी सामान्य पूछताछ के लिए हर दिन स्टूडेंट्स के 50-60 कॉल आने लगे. ये सभी स्टूडेंट्स यह जानना चाहते थे कि हाल ही में घोषित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के लिए कोचिंग संस्थान में क्या कोई क्रैश कोर्स चलाया जा रहा है?
आखिकार, ये जिज्ञासा स्वाभिक थी क्योंकि अब देश के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय (सेंट्रल यूनिवर्सिटी) में प्रवेश की राह देखने वाले स्टूडेंट्स के लिए CUET अनिवार्य होगा. कई अन्य कोचिंग संस्थानों की तरह क्लासप्रेप (ClassPrep) में भी लगभग 50 स्टूडेंट्स ने स्पेशल "CUET क्रैश कोर्स" में भर्ती हुए, इस स्पेशल क्रैश कोर्स की फीस 25 हजार रुपये प्रति माह है.
क्लासप्रेप के विवेक बताते हैं कि जो कोर्स चलाया जा रहा है वह लैंग्वेज, जनरल एप्टीट्यूड और डोमेन सब्जेक्ट को कवर करता है. पहली बार CUET का पहला एग्जाम 15 जुलाई को हुआ. विवेक बताते हैं कि "हमारे यहां दिल्ली, बिहार, यूपी (उत्तर प्रदेश), हरियाणा और महाराष्ट्र के स्टूडेंट्स हैं."
चूंकि CUET पहली बार आयोजित किया जा रहा है, इसलिए स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स, दोनों इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं हैं कि आखिर CUET का टेस्ट पेपर कैसा होगा. इस वजह से कई लोगों ने कोचिंग सेंटरों की ओर रुख किया है जो अन्य प्रवेश परीक्षाओं जैसे CLAT, NEET, और JEE की तैयारी के लिए कोर्स उपलब्ध कराते हैं.
इस टेस्ट (CUET) में तीन सेक्शन समाहित हैं. पहला लैंग्वेज सेक्शन है जिसमें दो पार्ट (1A जहां 13 भाषाओं में से चुनाव किया जा सकता है और 1B में 20 भाषाओं में से एक चुनी जा सकती है) है. दूसरे सेक्शन में उम्मीदवारों को चुनने के लिए 27 डोमेन-स्पेसफिक सब्जेक्ट उपलब्ध हैं. तीसरा सेक्शन जनरल टेस्ट यानी सामान्य परीक्षा का है.
ClassPrep में कार्यरत विवेक बताते हैं कि
राजस्थान का कोटा भी एक कोचिंग हब है. यहां लाखों स्टूडेंट्स विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. कोटा भी CUET की वजह से होने वाले बदलाव को अपना रहा है. जो संस्थान पहले सिविल सर्विस, CLAT, MBA और अन्य एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करवाते थे उन्होंने अपनी लिस्ट में अब CUET को भी शामिल कर लिया है.
कोटा स्थित ट्रायम्फेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन (T.I.M.E.) जोकि स्टूडेंट्स को मैनेजमेंट कोर्स के लिए तैयार करता है. यह संस्थान अब स्टूडेंट्स (खास तौर पर कॉमर्स के स्टूडेंट्स को) इंटीग्रेडेट कोर्स प्रदान कर रहा है.
कोटा स्थित T.I.M.E के डायरेक्टर संजीव राजोरा ने क्विंट को बताया कि “दिलचस्प बात यह है कि कॉमर्स के स्टूडेंट्स की ओर से हमें काफी इंक्वायरी प्राप्त हुईं. कई स्टूडेंट्स ने स्कूल में कॉमर्स की पढ़ाई गणित के बिना की है, वे अब चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें अब गणित को अटैम्प्ट करना होगा. दिल्ली विश्वविद्यालय में कॉमर्स सब्जेक्ट के कई कोर्सेज में गणित जरूरी है."
कुछ कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के विपरीत इस साल T.I.M.E ने CUET के लिए कोई स्पेसिफिक क्रैश कोर्स शुरु नहीं किया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि "इसकी (CUET) की घोषणा अचानक से हुई थी." राजोरा बताते हैं कि
इंटीग्रेटेड कोर्स अनुमानित कीमत 40 हजार रुपये प्रति माह होगी.
इन सबके बीच, स्टूडेंट्स को उनके बोर्ड एग्जाम की तैयारी करवाने वाला बाला जी इंस्टीट्यूट फॉर हायर एजुकेशन जो दिल्ली के मुनिरका में स्थित है, उसने लगभग रातोंरात CUET को एडाप्ट कर लिया. अतिरिक्त स्टाफ, स्टूडेंट्स के नए सेट्स और फ्रेश मटेरियल के साथ यह पूरी तरह से एक CUET इंस्टीट्यूट में बदल गया है. इस संस्थान में कम से कम तीन नए टीचर शामिल किए गए हैं और रिसेप्शन के लिए स्टाफ में दो नए सदस्य रखे गए हैं जो CUET की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब देते हैं. इसी दौरान टीचर्स नए तरीके से डिजाइन किए गए कोर्स मटेरियल से स्टूडेंट्स को तैयार कर रहे हैं.
इंस्टीट्यूट में गणित पढ़ाने वाले टीचर आदित्य राय कहते हैं कि "चूंकि बोर्ड परीक्षाएं अब खत्म हो चुकी हैं, इसलिए हम ज्यादातर छात्रों को CUET की तैयारी करा रहे हैं. अगले साल से हम दिन में बोर्ड के स्टूडेंट्स की तैयारी करवाएंगे और शाम को CUET कोचिंग क्लास लेंगे."
इसी प्रकार दिल्ली-एनसीआर में एक लोकप्रिय कोचिंग संस्थान कॅरियर लॉन्चर ने CUET में बैठने वाले स्टूडेंट्स के अनुरूप उनकी तैयारी करवाने के लिए यही तरीके अपनाए.
प्रशांत सिंह चलल जोकि नोएडा स्थित कॅरियर लॉन्चर में काम करते हैं, उनका कहना है कि उनके इंस्टीट्यूट को कोर्स मटेरियल डेवलप करने के लिए लगभग 35 दिन का समय लगा. अब उनके यहां जनरल नॉलेज (सामान्य ज्ञान), रीजनिंग (तर्कशक्ति), क्वांटिटैटिव एप्टीट्यूड (मात्रात्मक योग्यता) और इंग्लिश (अंग्रेजी) की तैयारी में काम आने वाली बुक्स हैं. संस्थान अब आने वाले बैचों में डोमेन सब्जेक्ट्स के लिए किताबें तैयार करने की योजना बना रहा है.
क्विंट ने जितने भी संस्थानों से बात की उनमें से कई इंस्टीट्यूट ने कहा कि स्टूडेंट्स को सभी 27 डोमेन सब्जेक्ट्स के लिए तैयार करना संभव नहीं है, क्यों उनमें से आंत्रप्रेन्योरशिप, एग्रीकल्चर या संस्कृत जैसे कुछ सब्जेक्ट ऐसे हैं जिनका चयन कुछ ही स्टूडेंट करते हैं.
कॅरियर लॉन्चर के श्रेयांश श्रीवास्तव का कहना है कि इस साल, उनके संस्थान ने CUET के क्रैश कोर्स के लिए केवल 25-30 स्टूडेंट्स को नामांकित किया है, अगले साल इस संख्या में बढ़ोत्तरी होगी.
उन्होंने कहा "हमारे पास 2023 बैच के लिए पहले से ही 30 स्टूडेंट्स हैं." कॅरियर लॉन्चर 2022 CUET कोचिंग के लिए ऑनलाइन क्लासेज आयोजित कर रहा है. वे बताते हैं कि "हमारे यहां एक स्टूडेंट बिहार से है जो तैयारी के लिए दिल्ली नहीं आ पाया, इस वजह से हमें यह लगा कि अब आगे रास्ता ऑनलाइन ही है."
ClassPrep में यह उम्मीद जताई जा रही है कि CUET क्रैश कोर्स के लिए आगामी बैच में कम से कम 500 स्टूडेंट होंगे. दिल्ली के मुनरिका में एक छोटा सा संस्थान है ARS इंस्टीट्यूट, यहां भी मार्च में कुछ स्टूडेंट्स के कॉल आए थे. इस समय इस संस्थान में CUET के वर्तमान बैच में लगभग 6 स्टूडेंट हैं.
इस संस्थान का संचालन सुशांत कुमार सिंह करते हैं, उनका कहना है कि "पहला CUET हो जाने के बाद हमें इस बात की और ज्यादा स्पष्टता हो जाएगी कि स्टूडेंट्स क्या उम्मीद करते हैं. इससे आने वाले बैचों के लिए हमें बेहतर तैयारी करने में मदद मिलेगी."
AaptPrep इस संस्थान की शाखाएं देशभर में हैं. यह उन चुनिंदा संस्थानों में से एक था जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए CUET अनिवार्य करने से पहले से ही इसकी (CUET) की तैयारी करवा रहा था.
CUET की आलोचना मुख्य तौर पर यह कहते हुए की जा रही थी कि सभी स्टूडेंट्स को समान एक्सपोजर नहीं मिलेगा और स्टूडेंट्स को उनकी तैयारी में सभी स्कूल सहायता करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं.
दिल्ली के तुगलकाबाद की 17 वर्षीय स्टूडेंट गुंजन मंडल का कहना है कि कोचिंग क्लास उसकी पहुंच से बाहर हैं.
इस तरह के क्रैश कोर्स की शुरुआती फीस 20 हजार रुपये प्रति माह है. आने वाले एकेडमिक सेशन (शैक्षणिक सत्र) में एक साल के लिए इस फीस की कीमत 70 हजार रुपये से 80 हजार रुपये तक होने की आशंका है.
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