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'जब मैंने सुना कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पहली महिला वाइस चांसलर नियुक्त हुई हैं तो एक महिला और नारीवादी होने के तौर पर मैं बहुत खुश हुई. लेकिन इसके बाद मुझे निराशा भी हुई .' ये कहना है जेएनयू में सेंटर फॉर स्टडी ऑफ रीजनल डेवलपमेंट की स्टूडेंट तैय्यबा का. शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित को जेएनयू का वीसी नियुक्त किए जाने पर उन्होंने ये बात कही.
शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित इससे पहले सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विभाग में प्रोफेसर रही हैं. 7 फरवरी को उन्हें जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है.
उनकी नियुक्ति की घोषणा के बाद से ही कथित तौर पर पिछले कुछ सालों में उनके ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किए गए ट्वीट सोशल मीडिया पर सामने आने लगे. ज्यादातर ट्वीट्स को ‘communal’ टैग दिया गया है क्योंकि, ये खुले तौर अल्पसंख्यक समुदाय को निशाने पर लेकर पोस्ट किए गए थे. इन ट्वीट्स के वायरल होने के कुछ ही घंटों के बाद यह अकाउंट डिएक्टिवेट कर दिया गया. इसके बाद 'द इंडियन एक्सप्रेस' को दिए इंटरव्यू में शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने कहा कि वो अकाउंट हैक हो गया था, लेकिन बात यहीं तक नहीं थी, इसके बाद उनकी तरफ से दूसरे विरोधाभासी दावे भी सामने आए.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का कहना है कि उनकी नियुक्ति ने कैम्पस में डर की भावना को बढ़ा दिया है.
जेएनयू की स्टूडेंट तैय्यबा का कहना है कि जैसे ही उन्हें वीसी नियुक्त किया गया. हम उनके ट्विटर अकाउंट पर गए. हम ये जानना चाह रहे थे कि क्या वो स्टूडेंट्स के मुद्दों के लिए खड़ी होने वाली वीसी साबित होंगी, लेकिन जब हमने ट्विटर अकाउंट पर नजर डाली तो हमने देखा कि उनके ट्वीट्स में अल्पसंख्यक समुदायों और स्टूडेंट कम्यूनिटी के लिए कितनी ज्यादा नफरत है.
स्टूडेंट्स को उम्मीद है कि नई वीसी उनके मुद्दों को समझेंगी. इनमें Gender Sensitisation Committee Against Sexual Harassment (GSCASH) को फिर से बहाल करना और National Education Policy (NEP) जैसे मुद्दे शामिल हैं. GSCASH को तीन साल पहले विघटित कर दिया गया था.
हालांकि नई वीसी ने जॉइन करते ही पहले दिन ये घोषणा की है कि वो केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए काम करेंगी.
JNUSU चांसलर अपेक्षा ने कहा कि स्टूडेंट्स इस बात को लेकर चिंतित हैं कि प्रोफेसर पंडित के कार्यकाल में चीजें किस तरह बदलेंगी और आगे क्या होगा.
पूर्व JNUSU अध्यक्ष N Sai Balaji ने भी नई वाइस चांसलर पर खुले तौर पर फासीवादी, नारी विरोधी और इस्लामोफोबिक होने का आरोप लगाया है. N Sai Balaji ने कहा, नई वीसी की नियुक्ति चौंकाने वाली और स्टूडेंट्स को डराने वाली है. वह खुले तौर फासीवादी हैं और उनके नारी विरोधी, इस्लामोफोबिक, जातिवादी विचार ट्वीट्स में देखे जा सकते हैं. वह जेएनयू स्टूडेंट्स के विरोध में बोलती रही हैं और अब यहां की वाइस चांसलर हैं. अपने बयान में उन्होंने कहा है कि वो नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करेंगी. ये ग्रांट्स सिस्टम को खत्म कर देगा और लोन मॉडल को लेकर आएगा.
जेएनयू की स्टूडेंट अपेक्षा कहती हैं, हम सबकुछ अच्छा होने की उम्मीद करते हैं, लेकिन हम सतर्क रहेंगे. टीचर्स एसोसिएशन ने भी अपने स्टेटमेंट में कहा कि वो हमेशा जागरूक और सचेत रहेंगे.
8 फरवरी को जारी किए गए अपने बयान में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (JNUTA) ने वाइस चांसलर से कहा कि इस वैधानिक निकाय की शुद्धता को वापस बहाल किया जाए और निर्णय लेने के पारदर्शी डायलॉग प्रोसेस में शामिल किया जाए.
इस बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जेएनयू यूनिट ने वाइस चांसलर का खुले दिल से स्वागत किया है.
वहीं ABVP Girls के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी वीसी को बधाई दी गई है. ट्वीट में लिखा गया कि नई वीसी के नेतृत्व में जेएनयू नई ऊंचाइयों को छुएगा.
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