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हरियाणा (Haryana) के नूंह में हुई हिंसा को लेकर रविवार (13 अगस्त) को पलवल के पौंडरी गांव में हिंदू संगठनों द्वारा सर्वजातीय 52 पालों की महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें विश्व हिंदू परिषद (VHP) की बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा को 28 अगस्त को फिर से शुरू करने की घोषणा की गई.
पंचायत में यह भी निर्णय लिया गया कि यात्रा नूंह के नल्हड़ से शुरू होगी और फिर फिरोजपुर झिरका के झिर और जिले के सिंगार मंदिरों से होकर गुजरेगी.
इसके अलावा, सर्व हिंदू समाज नामक एक सामुदायिक समूह द्वारा आयोजित 'सर्व जातीय महापंचायत' में दस मांगों को सूचीबद्ध किया गया, जिसमें इस महीने की शुरुआत में नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की मांग भी शामिल है.
वहीं, दोबारा से शोभा मंडल यात्रा निकालने की मांग पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "जब उनकी तरफ से विषय आएगा , उसके बाद निर्णय किया जाएगा."
हिंदू महापंचायत पर सीएम खट्टर ने कहा:
नूंह हिंसा की जांच हरियाणा सरकार से नहीं बल्कि NIA से होनी चाहिए.
सांप्रदायिक हिंसा में मृतकों के परिजनों के लिए 1 करोड़ रुपये का मुआवजा, जिन्हें वे "अपने लोग" कहते हैं और घायलों के लिए 50 लाख रुपये प्रदान किए जाने चाहिए. उन्होंने हिंसा के दौरान हुए नुकसान की भरपाई भी आरोपियों से करने की मांग की.
नूंह जिले को भंग किया जाना चाहिए.
नूंह को गोहत्या मुक्त जिला बनाया जाए.
समिति ने क्षेत्र में सभी झगड़ों की जड़ गाय तस्करी को बताते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नूंह में अर्धसैनिक बल का मुख्यालय स्थापित करने की मांग की.
इसमें कहा गया है कि सरकार को नूंह और पलवल के लोगों को आत्मरक्षा के लिए हथियार उपलब्ध कराने चाहिए.
पंचायत ने यह भी मांग की कि हरियाणा सरकार को नूंह हिंसा से संबंधित मामलों को गुरुग्राम या अन्य जिलों में स्थानांतरित करना चाहिए ताकि "उचित न्याय सुनिश्चित किया जा सके".
महापंचायत ने यह भी कहा कि रोहिंग्या समेत सभी विदेशियों को नूंह जिले से "हटाया" जाना चाहिए.
फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की गई.
नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा में मारे गए लोगों को याद करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया.
ये मांगें महापंचायत के दौरान सरपंचों और हिंदू संगठन के नेताओं समेत 51 लोगों की एक समिति ने कीं.
IANS की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुग्राम वीएचपी के अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया, "हमने तय किया है कि यात्रा योजना के अनुसार 28 अगस्त को फिर से शुरू होगी. राज्य भर से लोग जुलूस निकालेंगे और श्रृंगार मंदिर तक एक समान यात्रा के लिए नलहर मंदिर में इकट्ठा होंगे. हम लोगों से यात्रा में शामिल होने का आग्रह करते हैं, जिसे पहले भीड़ द्वारा बाधित किया गया था."
दरअसल, 31 जुलाई को नूंह जिले में सांप्रदायिक झड़पें भड़क गई थी, जो अगले कुछ दिनों में गुरुग्राम और सोहना सहित अन्य जिलों में फैल गई. हिंसा में दो होम गार्ड और एक इमाम सहित छह लोगों की मौत हुई थी.
जानकारी के अनुसार, महापंचायत में पलवल, हथीन, मिंडकोला, मेवात, होडल, सोहना, गुड़गांव से सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया.
ANI से बात करते हुए पलवल के एसपी लोकेंद्र सिंह ने कहा, "अनुमति कई शर्तों पर दी गई है. कोई भी भड़काऊ बयान नहीं देगा. हमारी टीम प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखेगी और किसी भी गलत कार्य के लिए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
हालांकि, पाबंदी के बावजूद भड़काऊ बयान दिये गये. NDTV के अनुसार, महापंचायत में कुछ वक्ताओं ने "खुली धमकियां" दी. एक वक्ता ने कथित तौर पर कहा, "अगर तुम उंगली उठाओगे तो हम तुम्हारे हाथ काट देंगे."
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा गौ रक्षक दल के आचार्य आजाद शास्त्री ने इसे "करो या मरो की स्थिति" कहा और युवाओं से हथियार उठाने को कहा.
शास्त्री ने कहा, "हमें तुरंत मेवात में 100 हथियारों का लाइसेंस प्राप्त करना सुनिश्चित करना चाहिए, और बंदूकों का नहीं बल्कि राइफलों का, क्योंकि राइफलें लंबी दूरी तक फायरिंग कर सकती हैं. यह करो या मरो की स्थिति है."
(इनपुट-परवेज खान)
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