Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019हरियाणा: '28 अगस्त को फिर शोभायात्रा', हिंदू महापंचायत में फैसला,साथ रखी 10 मांगें

हरियाणा: '28 अगस्त को फिर शोभायात्रा', हिंदू महापंचायत में फैसला,साथ रखी 10 मांगें

Haryana Violence: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "जब उनकी तरफ से विषय आएगा, उसके बाद निर्णय किया जाएगा."

क्विंट हिंदी
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>हरियाणा:"नूंह जिला खत्म हो,हथियारों के लाइसेंस में ढील"-हिंदू महापंचायत में मांग</p></div>
i

हरियाणा:"नूंह जिला खत्म हो,हथियारों के लाइसेंस में ढील"-हिंदू महापंचायत में मांग

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

हरियाणा (Haryana) के नूंह में हुई हिंसा को लेकर रविवार (13 अगस्त) को पलवल के पौंडरी गांव में हिंदू संगठनों द्वारा सर्वजातीय 52 पालों की महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें विश्व हिंदू परिषद (VHP) की बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा को 28 अगस्त को फिर से शुरू करने की घोषणा की गई.

पंचायत में यह भी निर्णय लिया गया कि यात्रा नूंह के नल्हड़ से शुरू होगी और फिर फिरोजपुर झिरका के झिर और जिले के सिंगार मंदिरों से होकर गुजरेगी.

इसके अलावा, सर्व हिंदू समाज नामक एक सामुदायिक समूह द्वारा आयोजित 'सर्व जातीय महापंचायत' में दस मांगों को सूचीबद्ध किया गया, जिसमें इस महीने की शुरुआत में नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की मांग भी शामिल है.

CM खट्टर ने क्या कहा?

वहीं, दोबारा से शोभा मंडल यात्रा निकालने की मांग पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "जब उनकी तरफ से विषय आएगा , उसके बाद निर्णय किया जाएगा."

हिंदू महापंचायत पर सीएम खट्टर ने कहा:

सामाजिक काम होते हैं, सामाजिक कामों में अपील सौहार्द बनाने के लिए होनी चाहिए, कोई भी अपना कार्यक्रम कर सकता है. किसी दूसरे समाज के खिलाफ बात करना उचित नहीं है. सौहार्द तभी मिलकर बना रहता है. जब सभी भाईचारे के साथ मिलकर रहते हैं.

महापंचायत में क्या मांग की गई?

  • नूंह हिंसा की जांच हरियाणा सरकार से नहीं बल्कि NIA से होनी चाहिए.

  • सांप्रदायिक हिंसा में मृतकों के परिजनों के लिए 1 करोड़ रुपये का मुआवजा, जिन्हें वे "अपने लोग" कहते हैं और घायलों के लिए 50 लाख रुपये प्रदान किए जाने चाहिए. उन्होंने हिंसा के दौरान हुए नुकसान की भरपाई भी आरोपियों से करने की मांग की.

  • नूंह जिले को भंग किया जाना चाहिए.

  • नूंह को गोहत्या मुक्त जिला बनाया जाए.

  • समिति ने क्षेत्र में सभी झगड़ों की जड़ गाय तस्करी को बताते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नूंह में अर्धसैनिक बल का मुख्यालय स्थापित करने की मांग की.

  • इसमें कहा गया है कि सरकार को नूंह और पलवल के लोगों को आत्मरक्षा के लिए हथियार उपलब्ध कराने चाहिए.

  • पंचायत ने यह भी मांग की कि हरियाणा सरकार को नूंह हिंसा से संबंधित मामलों को गुरुग्राम या अन्य जिलों में स्थानांतरित करना चाहिए ताकि "उचित न्याय सुनिश्चित किया जा सके".

  • महापंचायत ने यह भी कहा कि रोहिंग्या समेत सभी विदेशियों को नूंह जिले से "हटाया" जाना चाहिए.

  • फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की गई.

  • नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा में मारे गए लोगों को याद करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

ये मांगें महापंचायत के दौरान सरपंचों और हिंदू संगठन के नेताओं समेत 51 लोगों की एक समिति ने कीं.

IANS की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुग्राम वीएचपी के अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया, "हमने तय किया है कि यात्रा योजना के अनुसार 28 अगस्त को फिर से शुरू होगी. राज्य भर से लोग जुलूस निकालेंगे और श्रृंगार मंदिर तक एक समान यात्रा के लिए नलहर मंदिर में इकट्ठा होंगे. हम लोगों से यात्रा में शामिल होने का आग्रह करते हैं, जिसे पहले भीड़ द्वारा बाधित किया गया था."

क्यों की गई मांग?

दरअसल, 31 जुलाई को नूंह जिले में सांप्रदायिक झड़पें भड़क गई थी, जो अगले कुछ दिनों में गुरुग्राम और सोहना सहित अन्य जिलों में फैल गई. हिंसा में दो होम गार्ड और एक इमाम सहित छह लोगों की मौत हुई थी.

जानकारी के अनुसार, महापंचायत में पलवल, हथीन, मिंडकोला, मेवात, होडल, सोहना, गुड़गांव से सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया.

मूल रूप से महापंचायत नूंह जिले के किरा गांव में आयोजित करने की योजना थी. हालांकि, कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था.

ANI से बात करते हुए पलवल के एसपी लोकेंद्र सिंह ने कहा, "अनुमति कई शर्तों पर दी गई है. कोई भी भड़काऊ बयान नहीं देगा. हमारी टीम प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रखेगी और किसी भी गलत कार्य के लिए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

भड़काऊ बयान दिये गये

हालांकि, पाबंदी के बावजूद भड़काऊ बयान दिये गये. NDTV के अनुसार, महापंचायत में कुछ वक्ताओं ने "खुली धमकियां" दी. एक वक्ता ने कथित तौर पर कहा, "अगर तुम उंगली उठाओगे तो हम तुम्हारे हाथ काट देंगे."

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा गौ रक्षक दल के आचार्य आजाद शास्त्री ने इसे "करो या मरो की स्थिति" कहा और युवाओं से हथियार उठाने को कहा.

शास्त्री ने कहा, "हमें तुरंत मेवात में 100 हथियारों का लाइसेंस प्राप्त करना सुनिश्चित करना चाहिए, और बंदूकों का नहीं बल्कि राइफलों का, क्योंकि राइफलें लंबी दूरी तक फायरिंग कर सकती हैं. यह करो या मरो की स्थिति है."

(इनपुट-परवेज खान)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT