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हिजाब पहनने वाली टीचर की परीक्षा केंद्र में ड्यूटी नहीं, कर्नाटक सरकार का आदेश

कर्नाटक सरकार में शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि छात्रों के लिए यूनिफॉर्म है, तो शिक्षकों पर भी लागू होना चाहिए.

क्विंट हिंदी
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<div class="paragraphs"><p>कर्नाटक सरकार का नया फरमान</p></div>
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कर्नाटक सरकार का नया फरमान

फोटोः क्विंट हिंदी

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कर्नाटक में हिजाब विवाद (Hijab Row) के बीच राज्य सरकार ने एक और दिशा निर्देश जारी किए हैं. सरकार ने कहा है कि 10वीं बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान निगरानी ड्यूटी में तैनात शिक्षकों को भी परीक्षा हॉल के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं होगी.

बता दें, सरकार ने 25 मार्च को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि हिजाब मामले में हाई कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए 10वीं की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए यूनिफॉर्म सख्ती से अनिवार्य होगा.

शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जिस प्रकार से ड्रेस कोड छात्रों के लिए है, ठीक वैसे ही शिक्षकों पर भी लागू होना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि हिजाब पहनने पर जोर देने वाले शिक्षकों को बोर्ड की 10वीं परीक्षा के साथ-साथ 12 वीं की परीक्षा के लिए भी परीक्षा ड्यूटी से हटा दिया जाएगा, जो अप्रैल के अंत में शुरू होने वाली है.

उन्होने कहा कि छात्रों के लिए परीक्षा हॉल के अंदर हिजाब की अनुमति नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर कोई शिक्षक हिजाब को सही ठहराता है, तो हम उन शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी के लिए मजबूर नहीं करेंगे. ऐसे शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा.

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बता दें, पिछले महीने यानी मार्च में कर्नाटक के गडग जिले में कथित तौर पर हिजाब पहने लड़कियों को 10वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति देने वाले 5 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था. निलंबित शिक्षक सीएस पाटिल स्कूल में परीक्षा पर्यवेक्षक थे. उनके साथ दो अन्य शिक्षक, जो केंद्र अधीक्षक थे, उन्हें भी निलंबित कर दिया गया था.

ये कार्रवाई गडग के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन (DDPI) जीएम बसवलिंगप्पा ने की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन ने परीक्षा आयोजित करने के लिए राज्य सरकार के दिशानिर्देशों और कर्नाटक सिविल सेवा नियम, 1966 का उल्लंघन किया था, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है.

दरअसल, राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 25 मार्च को एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सरकारी स्कूलों के छात्रों को सरकार द्वारा निर्धारित ड्रेस में ही उपस्थित होना होगा. सर्कुलर में कहा गया था कि निजी स्कूल के छात्रों (सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त) को अपने संबंधित स्कूल प्रबंधन द्वारा निर्धारित यूनिफॉर्म पहननी होगी.

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