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2000 रुपये के नोटों को वापस (Rs 2000 Note Withdrawal) लेने के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ऐलान के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि 2000 के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे. इसको लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. दास ने कहा कि RBI ने 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत ये कदम उठाया है.
RBI के गवर्नर ने लोगों से बैंकों में भीड़ न लगाने की अपील करते हुए कहा कि 4 महीने का समय दिया गया है कोई जल्दबाजी की जरूरत नहीं है इसलिए आप आराम से बैंक जाएं और 2000 रुपए के नोट बदलें. चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जोर देते हुए कहा कि यह फैसला रिजर्व बैंक के मुद्रा प्रबंधन संचालन का एक हिस्सा है. उन्होंने आगे कहा कि लंबे समय से रिजर्व बैंक क्लीन नोट पॉलिसी का पालन कर रहा है. समय-समय पर RBI किसी विशेष श्रृंखला के नोटों को वापस लेता है और नए नोट जारी करता है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने ये भी कहा कि देश की इकोनॉमी पर इसका मार्जिनल इम्पैक्ट पड़ेगा. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई की ज्यादातर नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ जाएंगे.
उन्होंने आगे बताया कि 2000 रुपये के नोटों का चलन 6 लाख 73,000 करोड़ के अपने चरम से घटकर लगभग 3 लाख 62,000 करोड़ हो गया है. छपाई भी बंद कर दी गई है.
बता दें कि मंगलवार 23 मई से 2000 रुपये के गुलाबी नोटों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. आप किसी भी बैंक की ब्रांच में जाकर अपने पास मौजूद इन नोटों को आसानी से बदल सकते हैं. इसके लिए लिए आपको कोई फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है और ना ही किसी तरह का कोई पहचान पत्र आपसे मांगा जाएगा. एक बार में आप 2000 रुपये के 10 नोट बदल सकते हैं.
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