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साल 2020 में में कोरोना वायरस ने एक अलग टाइप का 'स्पीड ब्रेकर' लगा दिया है. अब इस ब्रेकर को पार कर आगे बढ़ने का वक्त आ गया है. साल 2021 के मुद्दों को पहले से समझने के लिए यहां हम जानेंगे साल 2021 की उन खबरों के बारे में जिनपर हम सबकी खास नजर रहेगी. महामारी आए-जाए या दुनिया इधर की उधर हो जाए, अपने देश में पॉलिटिक्स नहीं रुक सकती. बिहार चुनाव ने बता दिया कि इलेक्शन तो अपने ही स्टाइल में होते हैं और होते रहेंगे. ऐसे में शुरुआत 2021 की पॉलिटिकल खबरों से ही.
2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, पुडुचेरी और केरल में विधानसभा के चुनाव होंगे. पश्चिम बंगाल में तो पिछले करीब 5 महीने से घमासान छिड़ा हुआ है. बीजेपी पुरजोर तरीके से लगी हुई है. हाल ही में टीएमसी के बड़े नेता सुवेंदु अधिकारी समेत कई नेताओं ने टीएमसी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था. अब बीजेपी की हालिया कई चुनाव में एक बड़ी सफलता ये भी रही है कि वो गाहे-बगाहे ये साबित करती रही है कि किसी भी राज्य में चुनाव हो, वो 'बीजेपी Vs विपक्ष' का ही चुनाव है. अब चाहे विपक्षी पार्टियां अलग-अलग विचारधारी ही कि क्यों न हो लेकिन माहौल ऐसा बन ही जाता है. पश्चिम बंगाल में भी विपक्ष के लिए यही 'मुसीबत' है. यहां कांग्रेस और लेफ्ट ने हाथ मिलाया है. दोनों के लिए अस्तित्व की जंग है, पहले जो मुकाबला टीएमसी बनाम लेफ्ट का हुआ करता था, उसे बीजेपी ने टीएमसी बनाम बीजेपी का बना दिया है.
पॉलिटिक्स की ही बात हो रही है तो 2021 में बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठजोड़ पर भी निगाहें रहेंगी, हाल-फिलहाल में जिस तरीके से अरुणाचल के 6 जेडीयू विधायक बीजेपी में शामिल हुए. नीतीश कुमार का बयान आया कि वो सीएम बने रहने के कुछ खास इच्छुक नहीं हैं, और फिर जेडीयू की कमान आरसीपी सिंह को सौंपी गई. सरकार के पहले दिन से ही जो हालात हैं उसे देखकर कुल मिलाकर कह सकते हैं कि पार्टियों के बीच का वैचारिक मतभेद इस कार्यकाल में बढ़ता दिख रहा है. 2021 में कुछ फेरबदल हो जाए तो ज्यादा चौंकिएगा मत.
सरकार और किसानों के बीच कई राउंड की बातचीत बिना किसी समाधान के होती ही जा रही है. दिल्ली के कई बॉर्डरों पर पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से ये किसान अपने मोबाइल घरों यानी ट्रैक्टर-ट्रॉली लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार हर बार कहती है हम किसानों की बात सुनने को तैयार हैं तो फिर इसी बीच कभी पीएम मोदी कह देते हैं कि इस प्रदर्शन में विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है, विपक्ष कह रहा कि उपदेश मत दीजिए कानून खत्म कीजिए. किसान अपनी जगह डटे हैं,कानूनों को खत्म करने की मांग जारी है.
दुनिया को कोरोना और साल के आखिर तक आते-आते कोरोना के नए स्ट्रेन के खौफ के बीच वैक्सीन की आस है. मेदांता लीवर इंस्टीट्यूट के चेयरमैन और चीफ सर्जन एएस सॉइन कहते हैं कि आम लोगों को वैक्सीन के लिए लंबा इंतजार करना होगा. उन्हें 2021 की शुरुआत के 6 महीने तक वैक्सीन मिलेगी ही नहीं. इसलिए जाहिर है कि महामारी की तरह हमें भी सावधानियों को लगातार जारी रखना है.
अब बात आपके जेब की करें तो साल 2021 का आम बजट हाल के सालों का सबसे चुनौतीपूर्ण बजट होने वाला है. इसकी वजह साफ है- एक तरफ तो कोरोना की मार अभी-अभी खाकर अर्थव्यवस्था बाहर निकली है. पिछले साल का बहीखाता कोरोना वायरस संकट की वजह से पूरी तरह गड़बड़ा चुका है. ऐसे में सरकार की चुनौती होगी कि वो कैसे वित्तीय अनुशासन का पालन कर पाती है. एक तरफ सरकार को फिस्कल डेफिसिट को भी काबू में रखना है लेकिन दूसरी तरफ इकनॉमी को बूस्ट देने के लिए अलग-अलग सेक्टर्स और स्टेकहोल्डर्स को राहत के कदम भी उठाने होंगे. इस बार के बजट में देखना होगा कि सरकार का फोक डिफेंस पर रहता है या फिर हेल्थ और एजुकेशन को तरजीह मिलती है?
जॉब-रोजगार की बात करें तो 2021 आपके लिए अच्छी खबर लेकर आ सकता है. जॉब सर्च के मशहूर प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर हुए सर्वे में 40% प्रोफेशनल्स का मानना है कि आने वाले नए साल में नौकरियों में अच्छा खासा इजाफा होगा.एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कंवेशनल तौर पर नौकरियों के जो सेक्टर मशहूर रहे हैं भविष्य में वहां उतनी नौकरियां नहीं आने वाली हैं. कोरोना वायरस संकट के बाद तीन अहम सेक्टर पर सबका ज्यादा जोर है- ई-कॉमर्स, IT एंड टेलीकम्युनिकेशन और हेल्थकेयर, तो यहां नौकरियां मिल सकती हैं. सलाह ये भी है कि अगर आप अपने मिड करियर में हैं तो डिजिटल स्किल बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए, शॉर्ट टर्म कोर्सेज आपके करियर को बूस्ट दे सकते हैं.
साल 2020 कई अहम घटनाओं के लिए याद रखा जाएगा, इसमें एक बड़ी घटना भारत-चीन सीमा विवाद या गलवान घाटी की रक्तरंजित घटना भी है. इस घटना के बाद से भारत-चीन के रिश्ते पर एक बार फिर बड़ी दरार आ गई है. अब यह देखना बहुत अहम होगा कि आने वाला साल एशिया के दो शक्तिशाली देशों के रिश्ते को क्या रंग देता है.
उधर अमेरिका में नए राष्ट्रपति के आने से भारत-चीन पर भी प्रभाव पड़ेगा. ये देखना होगा कि नई सरकार का दोनों देशों के प्रति क्या रुख रहेगा. बाइडेन ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि चीन जिस प्रकार से काम कर रहा है, इसके लिए वह उसे दंडित करना चाहते हैं.
बात करें बॉलीवुड की तो इस साल थियेटर से सिकुड़कर OTT प्लेटफॉर्म्स पर पहुंच गया है. 'सड़क 2', 'लक्ष्मी बॉम्ब', कूली नंबर वन जैसी कुछ फिल्म के लिए ऑनलाइन रिलीज का रास्ता चुना गया लेकिन 2021 में ये 9 फिल्में रिलीज को तैयार हैं, जिनमें रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की मच अवेटेड फिल्म 'ब्रह्मास्त्र', 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप की जीत पर बनी रणवीर सिंह की फिल्म '83', अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ की फिल्म सूर्यवंशी, शाहिद कूपर की जर्सी, सलमान खान की फिल्म राधे और रणबीर की शमशेरा जैसी फिल्में हैं.
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