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Mumbai 26/11 Attack: मुंबई के 26/11 के आतंकवादी हमले को हुए पंद्रह साल बीत गए हैं और इस मामले में क्रिमिनल ट्रायल जारी है. इस बीच, मुंबई पुलिस को इस साल केस अहम सुराग मिला, जिसकी मदद से पुलिस ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. पुलिस ने उसे आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करने की भी मांग की है.
आइए आपको बताते हैं कि 26/11 केस में अब तक क्या हुआ, सभी आरोपी कहां हैं? राणा के खिलाफ चार्जशीट में क्या कहा गया?
26/11 मामले की एक सुनवाई पूरी हो चुकी है, जिसमें आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया, मुकदमा चला, मौत की सजा सुनाई गई और 21 नवंबर, 2012 को फांसी दे दी गई.
एक अन्य आरोपी, जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल, जिस पर पाकिस्तान में एक नियंत्रण कक्ष के माध्यम से हमले की रात शहर में प्रवेश करने वाले दस आतंकवादियों की साजिश में साथ देने का आरोप है, वह मुकदमा का सामना कर रहा है, जो फिलहाल रुका हुआ है. अगर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कराने की मुंबई पुलिस की कोशिश सफल रही तो उसे एक अलग ट्रायल चलेगा.
शुरुआत में, पुलिस ने जहां हमले हुए थे, उसके अधिकार क्षेत्र के अनुसार विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कई मामले दर्ज किए थे. बाद में जांच में पता चला कि ये हमले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे. जिसके बाद मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने जांच की जिम्मेवारी अपने हाथ में ले ली.
फरवरी 2009 में, पुलिस ने मामले में अपना पहला आरोपपत्र दायर किया. ये 11,000 से अधिक पृष्ठों का था, जिसमें 2,000 से अधिक गवाहों के नाम थे. पुलिस ने हमलों की साजिश रचने और सहायता करने के लिए हफीज सईद सहित 35 वांटेड आरोपियों को नामित किया. कसाब और दो भारतीय नागरिकों सहित तीन को गिरफ्तार किया गया और आरोप पत्र में नामित किया गया.
मुकदमा 2009 में शुरू हुआ और उन पीड़ितों सहित गवाहों की जांच के बाद, जिन पर गोली चलाई गई थी या जिन्होंने कसाब को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों को अंधाधुंध गोलियां मारते हुए देखा था और अन्य सबूतों के बाद 3 मई, 2010 को उसे हत्या और राज्य पर हमला करने सहित विभिन्न आरोपों का दोषी पाया गया.
दो अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों को बरी कर दिया गया. जिस समय सुप्रीम कोर्ट में कसाब की याचिका पर सुनवाई हो रही थी, उसी समय मुंबई पुलिस ने जून 2012 में जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल की गिरफ्तारी के साथ मामले में एक और सफलता का दावा किया. पुलिस ने कसाब की जांच से मिली जानकारी पर भरोसा किया था, जिससे पता चला कि एक भारतीय आदमी ने उन्हें हिंदी सिखाई थी. अंसारी को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि पुलिस ने दावा किया था कि उसने यह कबूल कर लिया है कि कसाब जिस आदमी का जिक्र कर रहा था, वह वही है.
अक्टूबर 2012 में, पुलिस ने अंसारी के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया, जिसमें 12 और पाकिस्तानी नागरिकों को वांटेड आरोपी के रूप में नामित किया गया. पुलिस ने आर्थर रोड जेल में अंसारी और कसाब के बीच हुए टकराव का विवरण भी जोड़ा.
कसाब की फांसी के बाद अंसारी को उसी सेल में रखा गया जिसमें पाकिस्तानी आतंकवादी था. 2013 और 2015 के बीच, अंसारी ने कई बार अदालत का दरवाजा खटखटाया और एकांत कारावास में रखे जाने के खिलाफ भूख हड़ताल की.
अंसारी का दावा था कि उसका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. अंसारी के खिलाफ मामले की सुनवाई 2015 में शुरू हुई, जहां अंसारी ने यह दावा करते हुए आरोपों में खुद को निर्दोष बताया कि वह अबू जुंदाल नहीं है. 2015 में कोर्ट ने डेविड हेडली को भी माफी दे दी थी.
हेडली हमलों और अन्य अपराधों में अपनी भूमिका के लिए अमेरिकी जेल में 35 साल की सजा काट रहा है, लेकिन उसके प्रत्यर्पण की याचिका खारिज कर दी गई थी. 2016 में वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अंसारी के खिलाफ अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में हेडली से पूछताछ की गई थी. जबकि अंसारी के खिलाफ मुकदमे में पीड़ितों सहित कुछ अन्य गवाहों से पूछताछ की गई थी, बॉम्बे हाई कोर्ट की रोक के बाद 2018 से मामला रुका हुआ है.
यह फैसला दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की ओर से एक विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर था, जिसने 2012 में गिरफ्तारी के समय से अंसारी के यात्रा दस्तावेजों को उसके बचाव के लिए उसे सौंपने का निर्देश दिया था. पुलिस ने दावा किया कि यह विशेषाधिकार प्राप्त जानकारी है और इसलिए इसे साझा नहीं किया जा सकता. याचिका पर अभी सुनवाई होनी बाकी है.
मुंबई पुलिस ने पिछले महीने राणा के खिलाफ पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया था, जिसमें दावा किया है कि राणा हमले से कुछ दिन पहले 11 नवंबर से 21 नवंबर 2008 तक शहर में था. पुलिस ने दावा किया कि हमले की साजिश में वह हेडली के साथ शामिल था. राणा इस समय अमेरिका में हिरासत में है और भारत में उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील लंबित है और अगले महीने इस पर सुनवाई होने की संभावना है.
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