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अडानी ग्रुप ने फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के गंभीर आरोपों पर जवाब दिया है. अडानी ग्रुप (Adani Group) की तरफ से 413 पन्नों का जवाब जारी किया गया है. ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिर्फ कंपनी ही नहीं बल्कि भारत के खिलाफ "सुनियोजित हमला" बताया है. अडानी ग्रुप ने जवाब में कहा,
अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों के जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘‘मिथ्या धारणा बनाने'' की ‘‘छिपी हुई मंशा'' से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके.
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट में गौतम अडानी द्वारा स्थापित अरबों डॉलर के समूह के खिलाफ शेयर बाजार में हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग के नए आरोप लगाए गए थे.
ग्रुप ने कहा,
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए थे. अडानी ग्रुप ने जवाब में कहा, "हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट लोगों की भलाई के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए जारी की है. इसे जारी करने में हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटीज एंड फॉरेन एक्सचेंज लॉ का भी उल्लंघन किया है. न तो यह रिपोर्ट स्वतंत्र है, न निष्पक्ष है और न ही सही तरह से रिसर्च करके तैयार की गई है."
हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के 413 पेज के खंडन का जवाब देते हुए कहा, "इसने संभावित मुद्दों से अडानी ग्रुप ने ध्यान भटकाने की कोशिश की है और राष्ट्रवाद का सहारा लिया है. अडानी ग्रुप के जवाब में दावा किया गया कि हमारी रिपोर्ट "भारत पर सुनियोजित हमला" है. अडानी समूह ने भारत की सफलता के साथ अपने जबरदस्त उत्थान और अपने अध्यक्ष, गौतम अडानी की संपत्ति को मिलाने की कोशिश की है. हम असहमत हैं. स्पष्ट होने के लिए, हम मानते हैं कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और एक रोमांचक भविष्य के साथ एक उभरती हुई महाशक्ति है. हम यह भी मानते हैं कि अडानी ग्रुप द्वारा भारत के भविष्य को रोका जा रहा है, जिसने व्यवस्थित रूप से देश को लूटते हुए खुद को भारतीय ध्वज में लपेट लिया है."
हिंडनबर्ग रिसर्च की इस रिपोर्ट के कारण अडानी के शेयर में 27 जनवरी 2023 तक 48 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, हालांकि नुकसान के बावजूद प्रमुख फर्म, अडानी एंटरप्राइजेज ने अपने 2.5 बिलियन डॉलर के फॉलो-अप पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को जारी रखा.
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