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अडानी ग्रुप ने Hindenburg के आरोपों का दिया जवाब, कहा-भारत पर "सुनियोजित हमला"

अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों पर जारी किया 413 पन्नों का जवाब

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भारत
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<div class="paragraphs"><p><strong>अडानी ग्रुप ने&nbsp;</strong></p></div>
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अडानी ग्रुप ने 

(फोटो- पीटीआई)

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अडानी ग्रुप ने फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के गंभीर आरोपों पर जवाब दिया है. अडानी ग्रुप (Adani Group) की तरफ से 413 पन्नों का जवाब जारी किया गया है. ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिर्फ कंपनी ही नहीं बल्कि भारत के खिलाफ "सुनियोजित हमला" बताया है. अडानी ग्रुप ने जवाब में कहा,

"यह सिर्फ किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता, और भारत की विकास की कहानी और महत्वाकांक्षा पर एक सुनियोजित हमला है."

अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों के जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘‘मिथ्या धारणा बनाने'' की ‘‘छिपी हुई मंशा'' से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके.

क्या है पूरा मामला?

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट में गौतम अडानी द्वारा स्थापित अरबों डॉलर के समूह के खिलाफ शेयर बाजार में हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग के नए आरोप लगाए गए थे.

रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर मार्केट मैनिपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगाया था. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि अडाणी ग्रुप की प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज है और ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर 85% से ज्यादा ओवर वैल्यूड हैं.

ग्रुप ने कहा,

'यह बहुत चिंता की बात है कि बिना किसी विश्वसनीयता या एथिक्स के हजारों मील दूर बैठी एक संस्था के बयानों ने हमारे निवेशकों पर गंभीर रूप से बुरा प्रभाव डाला है. इस रिपोर्ट की दुर्भावनापूर्ण मंशा इसके टाइम से भी साफ है, यह रिपोर्ट तब आई, जब अडानी एंटरप्राइजेज इक्विटी शेयरों का देश का सबसे बड़ा एफपीओ (Adani Enterprises FPO) ला रहा था.'

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए थे. अडानी ग्रुप ने जवाब में कहा, "हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट लोगों की भलाई के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए जारी की है. इसे जारी करने में हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटीज एंड फॉरेन एक्सचेंज लॉ का भी उल्लंघन किया है. न तो यह रिपोर्ट स्वतंत्र है, न निष्पक्ष है और न ही सही तरह से रिसर्च करके तैयार की गई है."

"रिपोर्ट में "88 सवालों" के जवाब मांगे गए हैं - इनमें से 65 ऐसे मामलों से संबंधित हैं, जिनका खुलासा अडानी पोर्टफोलियो कंपनियों ने अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध अपनी वार्षिक रिपोर्ट में समय-समय पर ज्ञापन, वित्तीय विवरण और स्टॉक एक्सचेंज के खुलासे की पेशकश करते हुए किया है. बाकी 23 प्रश्नों में से 18 सार्वजनिक शेयरधारकों और तीसरे पक्ष (और अडानी पोर्टफोलियो कंपनियों से नहीं) से संबंधित हैं, जबकि शेष 5 काल्पनिक तथ्य पैटर्न पर आधारित निराधार आरोप हैं."
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अब हिंडनबर्ग ने दिया जवाब- धोखाधड़ी राष्ट्रवाद के नाम पर छुप नहीं सकता

हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के 413 पेज के खंडन का जवाब देते हुए कहा, "इसने संभावित मुद्दों से अडानी ग्रुप ने ध्यान भटकाने की कोशिश की है और राष्ट्रवाद का सहारा लिया है. अडानी ग्रुप के जवाब में दावा किया गया कि हमारी रिपोर्ट "भारत पर सुनियोजित हमला" है. अडानी समूह ने भारत की सफलता के साथ अपने जबरदस्त उत्थान और अपने अध्यक्ष, गौतम अडानी की संपत्ति को मिलाने की कोशिश की है. हम असहमत हैं. स्पष्ट होने के लिए, हम मानते हैं कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और एक रोमांचक भविष्य के साथ एक उभरती हुई महाशक्ति है. हम यह भी मानते हैं कि अडानी ग्रुप द्वारा भारत के भविष्य को रोका जा रहा है, जिसने व्यवस्थित रूप से देश को लूटते हुए खुद को भारतीय ध्वज में लपेट लिया है."

आरोपों का असर, अडानी ग्रुप के शेयर धड़ाम

हिंडनबर्ग रिसर्च की इस रिपोर्ट के कारण अडानी के शेयर में 27 जनवरी 2023 तक 48 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, हालांकि ​​नुकसान के बावजूद प्रमुख फर्म, अडानी एंटरप्राइजेज ने अपने 2.5 बिलियन डॉलर के फॉलो-अप पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को जारी रखा.

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