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सशस्त्र बलों की नई भर्ती योजना- अग्निपथ (Agnipath) के खिलाफ देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. गुरुवार, 16 मई को नाराज छात्रों ने बिहार, हरियाणा, नई दिल्ली, जम्मू और झारखंड के कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात बाधित कर दिया. बिहार में जहां कई ट्रेनों को आग के हवाले किया गया वहीं हरियाणा के पलवल में डीसी कैंप ऑफिस को घेर लिया और पथराव किया गया. ऐसे में बढ़ते विरोध के बीच केंद्र सरकार डैमेज कंट्रोल मोड में दिख रही है.
इसी क्रम में केंद्रीय वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक की. "अग्निपथ स्कीम के तहत 4 के कार्यकाल के पूरा होने पर 'अग्निवरों' को ये वित्तीय संस्थाएं किस तरह से अपना समर्थन दे सकती हैं?"- वित्त मंत्रालय के अनुसार इसी सवाल का जवाब खोजने के लिए यह बैठक बुलाई गयी थी.
साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि 'अग्निवर' को समर्थन देने के लिए मौजूदा सरकारी योजनाओं जैसे मुद्रा, स्टैंड अप इंडिया आदि का लाभ उठाया जाएगा.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि 'अग्निपथ' योजना का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के माध्यम से एक विशेष कार्यक्रम शुरू करेगा.
इससे पहले बुधवार को, शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि वह सशस्त्र बल के रूप में सेवा दे रहे सैनिकों के लिए तीन साल का कौशल-आधारित बैचलर डिग्री प्रोग्राम शुरू करेगा, जो सेना में उनके कार्यकाल के दौरान प्राप्त कौशल प्रशिक्षण को मान्यता देगा. इग्नू (IGNOU) इस प्रोग्राम को लागू करेगा.
अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद ही इसपर जमकर बवाल कट रहा और प्रदर्शनकारी पिछली भर्ती व्यवस्था को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही केंद्र सरकार की इस योजना पर विपक्ष भी हमलावर है. ऐसे में सरकार को अग्निपथ योजना से जुड़े 'तथ्य' को बताने के लिए वीडियो जारी करने पड़ मजबूर होना पड़ा. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 2 मिनट का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि
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