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(चेतावनी: इस खबर में कथित आत्महत्या से मौत का जिक्र है)
"जो खुद दूसरों को हिम्मत रखने की सलाह देता था, जो खुद इतना पॉजिटिव था, वो ऐसा नहीं कर सकता."
अग्निवीर श्रीकांत की 'आत्महत्या से मौत' की बात को खारिज करते हुए श्रीकांत के बड़े भाई सिद्धांत ने ये बात क्विंट हिंदी से कही. सिद्धांत समेत परिवार के अन्य सदस्य ने आत्महत्या की बात को खारिज किया.
4 जुलाई को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ श्रीकांत का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रेवती थाना क्षेत्र के नारायणपुर पचरुखिया में हुआ.
इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं हुई है. श्रीकांत के भाई सिंद्धांत ने कहा कि "हमें एयरफोर्स ने जांच का आश्वासन दिया है इसलिए अभी हमने कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई है."
श्रीकांत के जीजा नीरज पटेल ने कहा कि, "श्रीकांत एक होनहार लड़का था, पढ़ाई में अच्छा था. बहुत पॉजिटिव था. जरूर उसके साथ कुछ गलत हुआ है. वो आत्महत्या नहीं कर सकता."
अग्निवीर श्रीकांत के भाई सिद्धांत ने क्विंट हिंदी से कहा, "उसकी आत्महत्या से मौत हो ही नहीं सकती. हमारे घर में कोई आर्थिक-मानसिक तनाव नहीं है. कोई परेशानी नहीं है. अभी 12 जून को ही श्रीकांत वापस आगरा लौटा. वो ठीक था. उसके साथ काम करने वालों ने भी यही कहा कि उसे कोई परेशानी नहीं थी. श्रीकांत की शादी भी नहीं हुई है. जब उसे कोई परेशानी ही नहीं थी तो वो ऐसा क्यों करेगा. अब वास्तव में क्या-कैसे हुआ ये जांच में पता चलेगा."
श्रीकांत के भाई सिद्धांत अमृतसर में काम करते हैं. उन्होंने क्विंट हिंदी को बताया कि, हमारी मां रोज हम दोनों से फोन पर बात करती थी फिर खाना खाती थी और तब जाकर सोतीं. घटना वाले दिन भी मां ने फोन किया था लेकिन श्रीकांत ने उस दिन फोन नहीं उठाया. मां ने सोचा ड्यूटी पर होगा."
सिद्धांत ने अपने भाई की मौत पर कई गंभीर सवाल उठाए, जैसे कि
"ड्यूटी पर तैनाती के समय की घटना है, अधिकारियों ने बताया उन्हें श्रीकांत का शव तब मिला जब शिफ्ट चेंज होती है. हमें बताया गया कि उसे तीन गोलियां लगी हैं, फिर एयरफोर्स बेस पर किसी को आवाज क्यों नहीं आई?"
"ड्यूटी पर जहां उसकी तैनाती थी वहीं सीसीटीवी कैमरा का कवरेज है लेकिन जिस जगह उसे गोलियां लगी उस जगह पर सीसीटीवी का कवरेज नहीं है, ऐसा कैसे हो सकता है?"
"घर में कोई परेशानी नहीं थी. 20 दिन पहले वो घर पर परिवार के साथ था. खुश था. वह शादीशुदा भी नहीं है. रोज मां के साथ अच्छे से फोन पर बात कर रहा था. वो पॉजिटिव था, फिर वो आत्महत्या क्यों करेगा?"
अग्निपथ योजना से भर्ती हुए जवानों में से अब तक कितने अग्निवीरों की जान गई है, इसका कोई सार्वजनिक आंकड़ा नहीं मिलता. लेकिन कुछ जवानों की खबर मीडिया के जरिए सामने आईं. इसमें कुछ मौतें संदिग्ध परिस्थितियों में हुईं तो कुछ जवानों की जान ड्यूटी के दौरान गई.
अमृतपाल सिंह (11 अक्टूबर 2023): भारतीय सेना के मुताबिक 11 अक्टूबर 2023 में अग्निवीर अमृतपाल सिंह की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई थी जब वह ड्यूटी पर तैनात थे. सेना ने एक्स पर लिखा था कि, यह परिवार और भारतीय सेना के लिए एक गंभीर क्षति है कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. अमृतपाल सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं हुआ था जो विवाद का विषय बन गया था. इस पर भारतीय सेना ने कहा था कि आत्महत्या से मौत के मामले में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं किया जाता.
गवाटे अक्षय लक्ष्मण (22 अक्टूबर 2023): सियाचिन ग्लेशियर के जोखिम भरे इलाकों में ड्यूटी के दौरान अग्निवीर गवाटे अक्षय लक्ष्मण की जान चली गई थी, जो एक ऑपरेटर थे. द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्षय पहले अग्निवीर थे, जिनकी ड्यूटी के दौरान जान गई. अतिरिक्त सार्वजनिक सूचना महानिदेशालय (ADG PI), रक्षा मंत्रालय (सेना) के IHQ ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया था, "अग्निवीर (ऑपरेटर) गावटे अक्षय लक्ष्मण ने सियाचिन में ड्यूटी के दौरान अपना जीवन बलिदान कर दिया. दुख की इस घड़ी में भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है.”
अपर्णा नायर (27 नवंबर, 2023): मुंबई में इंडियन नेवी के लिए अग्निवीर की ट्रेनिंग ले रही अपर्णा नायर का शव उनके हॉस्टल के कमरे में मिला था. ये केरल की रहने वाली थी. इस मामले पर मालवानी पुलिस स्टेशन के सीनियर इन्स्पेक्टर चिमाजी अधव ने कहा था, अपर्णा नायर लगभग दो हफ्ते पहले मुंबई आई थीं. पुलिस के मुताबिक, 27 नवंबर की सुबह, नायर की रूममेट सुबह 10.30 बजे अपने कमरे में लौट आईं, बार-बार खटखटाने के बावजूद नायर ने कथित तौर पर दरवाजा नहीं खोला. पुलिस ने कहा कि जब दरवाजा तोड़ा गया, तो उन्हें नायर का शव मिला और वे उसे अस्पताल ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
अजय सिंह (18 जनवरी, 2024): 23 साल के अग्निवीर अजय सिंह 18 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एलओसी के पास बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गए थे. अजय लुधियाना जिले के पायल डिवीजन के रामगढ़ सरदारन गांव के रहने वाले थे.
जितेंद्र सिंह तंवर (9 मई 2024): जितेंद्र सिंह तंवर बतौर अग्निवीर (पैरा कमांडो) भारतीय सेना का हिस्सा थे. 9 मई 2024 को श्रीनगर में गोली लगने से मौत की खबर सामने आई थी. ANI के मुताबिक, भारतीय सेना के अधिकारी ने कहा था, भारतीय सेना अग्निवीर जितेंद्र सिंह तंवर की मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए जांच कर रही है. गुरुवार (9 मई, 2024) को श्रीनगर में गोली लगने से सैनिक की मौत हो गई, जहां वह 3 पैरा स्पेशल फोर्स बटालियन के हिस्से के रूप में तैनात थे. उनका अंतिम संस्कार राजस्थान के अलवर में उनके गांव में किया गया.
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